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कोविड केयर सेंटर के बाथरूम में गिरने से बुजुर्ग की मौत, परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लगाए गंभीर आरोप - जैसलमेर में कोरोना

सरहदी जिले जैसलमेर में कोरोना को लेकर चिकित्सा विभाग की लापरवाही सामने आई है. शुक्रवार सुबह कोविड केयर सेंटर में एक बुजुर्ग की मौत हो जाती है, लेकिन उसे संभालने वाला कोई नहीं मिलता. मृतक के पुत्र ने चिकित्सा विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

Corona in Jaisalmer, Jaisalmer Medical Department Negligence
कोविड केयर सेंटर के बाथरूम में गिरने से बुजुर्ग की मौत
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Published : Sep 4, 2020, 3:20 PM IST

जैसलमेर. जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है. शुक्रवार सुबह फिर से जिले में 25 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद जिले में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 450 के पार हो गया है. कोरोना को लेकर चिकित्सा विभाग कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोविड केयर सेंटर में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग की बाथरूम में गिरने से मौत हो जाती है और उसे कई घंटों बाद भी संभालने वाला कोई नहीं था.

कोविड केयर सेंटर के बाथरूम में गिरने से बुजुर्ग की मौत

मृतक के पुत्र ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बाथरूम में गिरने से उनके पिता की मौत हो गई और उन्हें घंटों तक किसी ने नहीं संभाला. हालांकि उनके साथ परिवार के कुछ अन्य सदस्य भी कोविड सेंटर में भर्ती हैं. उन्हीं में से किसी ने उन्हें देखा और बाद में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन तक रिसीव नहीं किए.

पढ़ें- बूंदी में मिले 37 कोरोना पॉजिटिव, 2 लोगों की हुई मौत

उन्होंने कहा कि यहां व्यवस्थाएं सही नहीं हैं और पिछले कई घंटों से यहां आने के बाद भी उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है. मृतक के पुत्र का कहना है कि उनके पिता तो अब इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन वह चाहते हैं कि महेश्वरी अस्पताल में चल रहे कोविड केयर सेंटर की व्यवस्थाएं दुरुस्त हों. सेंटर में 24 घंटे चिकित्सीय टीम तैनात रहे तो किसी अन्य के साथ इस तरह की घटना ना हो. मरीज को समय रहते यदि उपचार मिले तो उन्हें बचा जा सकता है.

वहीं इस मामले पर मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीके बारूपाल ने कहा कि चिकित्सकीय टीम सेंटर के बाहर 24 घंटे तैनात रहती है, लेकिन समय पर अंदर से जानकारी बाहर नहीं मिलने के कारण यह सभी हुआ. उन्होंने कहा कि जैसे ही अंदर से मृतक के रिश्तेदार जो साथ में भर्ती थे, उन्होंने सूचना दी तो टीम द्वारा जाकर उनका परीक्षण किया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.

पढ़ें- पाली में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर 30 सितंबर तक धारा 144 लागू

उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया लग रहा है कि मौत का कारण हार्ट अटैक हो सकता है, क्योंकि कल शाम जब उनका परीक्षण किया गया था तब तक सब कुछ सामान्य था. वहीं इस मामले की जानकारी मिलने के बाद यूआईटी सचिव एवं कोविड-19 रोकथाम के लिए जिले के नोडल अधिकारी अनुराग भार्गव मौके पर पहुंचे और खुद चिकित्सकीय टीम के साथ सेंटर में जाकर स्थिति की जांच की.

भार्गव ने कहा कि मौका देखकर और साथ मौजूद परिजनों से बात करके जांच की जा रही है, यदि किसी की लापरवाही सामने आती है तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि यदि केयर सेंटर में किसी आवश्यक सेवा की कमी पाई जाती है तो उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा.

जैसलमेर. जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है. शुक्रवार सुबह फिर से जिले में 25 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद जिले में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 450 के पार हो गया है. कोरोना को लेकर चिकित्सा विभाग कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोविड केयर सेंटर में एक 80 वर्षीय बुजुर्ग की बाथरूम में गिरने से मौत हो जाती है और उसे कई घंटों बाद भी संभालने वाला कोई नहीं था.

कोविड केयर सेंटर के बाथरूम में गिरने से बुजुर्ग की मौत

मृतक के पुत्र ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बाथरूम में गिरने से उनके पिता की मौत हो गई और उन्हें घंटों तक किसी ने नहीं संभाला. हालांकि उनके साथ परिवार के कुछ अन्य सदस्य भी कोविड सेंटर में भर्ती हैं. उन्हीं में से किसी ने उन्हें देखा और बाद में चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन तक रिसीव नहीं किए.

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उन्होंने कहा कि यहां व्यवस्थाएं सही नहीं हैं और पिछले कई घंटों से यहां आने के बाद भी उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है. मृतक के पुत्र का कहना है कि उनके पिता तो अब इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन वह चाहते हैं कि महेश्वरी अस्पताल में चल रहे कोविड केयर सेंटर की व्यवस्थाएं दुरुस्त हों. सेंटर में 24 घंटे चिकित्सीय टीम तैनात रहे तो किसी अन्य के साथ इस तरह की घटना ना हो. मरीज को समय रहते यदि उपचार मिले तो उन्हें बचा जा सकता है.

वहीं इस मामले पर मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीके बारूपाल ने कहा कि चिकित्सकीय टीम सेंटर के बाहर 24 घंटे तैनात रहती है, लेकिन समय पर अंदर से जानकारी बाहर नहीं मिलने के कारण यह सभी हुआ. उन्होंने कहा कि जैसे ही अंदर से मृतक के रिश्तेदार जो साथ में भर्ती थे, उन्होंने सूचना दी तो टीम द्वारा जाकर उनका परीक्षण किया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.

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उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया लग रहा है कि मौत का कारण हार्ट अटैक हो सकता है, क्योंकि कल शाम जब उनका परीक्षण किया गया था तब तक सब कुछ सामान्य था. वहीं इस मामले की जानकारी मिलने के बाद यूआईटी सचिव एवं कोविड-19 रोकथाम के लिए जिले के नोडल अधिकारी अनुराग भार्गव मौके पर पहुंचे और खुद चिकित्सकीय टीम के साथ सेंटर में जाकर स्थिति की जांच की.

भार्गव ने कहा कि मौका देखकर और साथ मौजूद परिजनों से बात करके जांच की जा रही है, यदि किसी की लापरवाही सामने आती है तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि यदि केयर सेंटर में किसी आवश्यक सेवा की कमी पाई जाती है तो उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा.

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