जैसलमेर. भारत-पाक सीमा पर युद्ध वाली देवी के नाम से बने ऐतिहासिक प्राचीन तनोट माता मंदिर के प्रति सीमा पर तैनात जवानों से लेकर देश के विभिन्न कोनों में बसे लोगों में अटूट आस्था है. इस आस्था का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि सरहद पर बने इस मंदिर में पूजा-अर्चना और सफाई से लेकर अन्य देखरेख के सभी काम बीएसएफ के जवानों की ओर से की जा रही है.
देश के अलग-अलग कोनों से भी श्रद्धालु इस मंदिर के प्रति अपने समर्पण का प्रमाण समय-समय पर देते रहते हैं. रविवार को गुजरात के अहमदाबाद शहर के रहने वाले एक शख्स और उसके परिवार ने देवी पर अगाध आस्था के चलते तनोट माता के लिए सवा किलो सोने और 1 किलो चांदी से बने आभूषण माता के श्रृंगार के लिए भेंट किए हैं.
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अहमदाबाद के भामाशाह दिनेशचन्द्र अग्रवाल का परिवार पिछले लंबे समय से तनोट माता के प्रति आस्था रख रहा है और समय-समय पर वे अपने परिवार के साथ माता के दर्शनों के लिए भी यहां पर आते रहते हैं. इस बार कोरोना के चलते उन्होंने अहमदाबाद से अपना प्रतिनिधि जैसलमेर भेजा है, जिसने रविवार को तनोट माता मंदिर पहुंच कर मंदिर ट्रस्ट और बीएसएफ के अधिकारियों की मौजूदगी में तनोट माता के सवा किलो सोने और एक किलो चांदी से बने आभूषण समर्पित किए हैं.