जैसलमेर. जिले में 'डेंगू' तेजी से फैल रहा है. हाल ही में जैसलमेर में डेंगू के करीब 15 मरीजों के सामने आने की बात बताई जा रही है. हालांकि सरकारी रिकॉर्ड में 7 मरीजों की ही पुष्टि की जा रही है, लेकिन निजी अस्पतालों और इलाज के लिए सीधे जोधपुर जाने वाले मरीज को मिलाकर यह आंकड़ा 15 से अधिक है.
बता दें कि मलेरिया के मामले में जैसलमेर पहले ही डार्क जोन में है. कई बार मलेरिया ने जैसलमेर में विकट स्थिति पैदा कर दी है. फिलहाल, दो-तीन सालों से मलेरिया कंट्रोल में है, लेकिन इस बीच डेंगू अपने पांव पसार रहा है. इतना ही नहीं स्वाइन फ्लू के भी मरीज जैसलमेर में कई बार सामने आ चुके हैं. कुल मिलाकर चिकित्सा के मामले में जैसलमेर पिछड़ा जिला है.
ऐसे में इस तरह की बीमारियों के फैलने से जिले में दहशत का माहौल बन रहा है. सरकारी रिकॉर्ड में निजी अस्पतालों का आंकड़ा ही नहीं है. सरकारी अस्पताल में केवल जवाहर अस्पताल में पिछले दिनों आए 7 मरीजों का आंकड़ा है.
यह भी पढे़ं. जैसलमेर में जुटे जीन चिकित्सा के विशेषज्ञ, भविष्य की संभावनाओं पर हुई चर्चा
वहीं, जब ईटीवी भारत की टीम ने निजी अस्पताल संचालकों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि रोजाना डेंगू के मरीज आ रहे हैं. जैसलमेर में इन दिनों डेंगू पांव पसार रहा है. कई मरीज इलाज के लिए अन्य जिलों में जाते हैं. जैसलमेर में कई केस ऐसे हैं, जहां बुखार नहीं उतरने पर जोधपुर जाने पर डेंगू की पुष्टी होती है.
ऐसे में मरीजों का इलाज जोधपुर में चलता है और जैसलमेर के चिकित्सा विभाग के पास इसकी कोई जानकारी तक नहीं होती. चिकित्सकों के अनुसार डेंगू के लिए अलग से कोई दवा नहीं है. इसके इलाज के तहत मरीज की देखभाल करना जरूरी है.
यह भी पढे़ं. देव दर्शन को निकली यात्रा पहुंची पोकरण, आशापुरा माता के लगाए जयकारे
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूपेंद्र कुमार बारूपाल ने बताया कि अभी तक जैसलमेर में 5 से 7 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है. जिन पर संबंधित डॉक्टर्स द्वारा तुरंत कार्रवाई करते हुए उनका इलाज शुरू कर दिया गया है. साथ ही डेंगू और अन्य मौसमी बिमारियों की रोकथाम के लिए विभाग द्वारा पूरे प्रयास किये जा रहे हैं. चिकित्सा विभाग द्वारा लोगों को इसके बचाव के लिए जागरूक भी किया जा रहा है.