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जैसलमेर में स्कूल के पहले दिन ही बच्चों को सजा, मासूमों को चिलचिलाती धूप में ग्राउंड में बैठाया

जैसलमेर के सरकारी स्कूल में बच्चे पहले दिन उत्साह के साथ (Rajasthan School Reopens) पहुंचे लेकिन उनकी उत्साह सजा में बदल गई. बच्चों को स्कूल में बैठने की जगह ही नहीं मिली. स्कूल पहुंचने पर उन्हें बाहर कड़ी धूप में ग्राउंड में बैठाया गया.

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जैसलमेर के सरकारी स्कूल के बच्चे को बाहर बैठाया
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Published : Sep 27, 2021, 11:59 AM IST

Updated : Sep 27, 2021, 1:25 PM IST

जैसलमेर. राजस्थान में सोमवार से पहली से पांचवी कक्षा के स्कूल खुल गए हैं. कोरोना के बाद करीब डेढ़ साल बाद स्कूल खुलने के बाद बच्चे उत्साह के साथ स्कूल पहुंचे लेकिन जैसलमेर के एक सरकारी स्कूल में बच्चे पहुंचे तो उन्हें क्लास की जगह चिलचिलाती धूप में बैठना पड़ा.

जैसलमेर जिले के सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल महात्मा गांधी में अभिभावक बच्चों को लेकर पहुंचे तो उनके होश उड़ गए. स्कूल में बैठने की जगह नहीं थी. बच्चों को स्कूल के बाहर में ग्राउंड में बैठना पड़ा.

जैसलमेर के सरकारी स्कूल के बच्चे को बाहर बैठाया

अभिभावक एडवोकेट प्रतापपुरी ने बताया कि आज से छोटे बच्चों के स्कूल खुल रहे हैं. वे अपनी बेटी को महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल छोड़ने आए तो यहां आने पर देखा कि बच्चों को बाहर ग्राउंड में बिठाया गया है. प्रिंसिपल से बात की तो उन्होंने कहा कि स्कूल में कमरे खाली नहीं होने की वजह से बच्चों को बाहर बैठाया गया है. पहले जिन कमरों में बच्चों की क्लास लगती थी, उस भवन को आरएसी (RAC) को दे रखा है.

यह भी पढ़ें. राजस्थान में 19 महीने बाद खुले प्राथमिक स्कूल, पहले दिन दोस्तों से मिलकर खिले बच्चों के चेहरे

वहीं अभिभावक का आरोप है कि शिक्षा के नाम पर राजनीति करने वाले जनप्रतिनिधि पर मासूम बच्चों की इस समस्या पर फोन भी नही रिसीव करते. अभिभावकों ने मांग है कि आरएसी को किसी अन्य जगह शिफ्ट किया जाए और यह पूरा परिसर स्कूल को सौंप दिया जाए. फिलहाल, यह स्कूल 10वीं तक है. जिसमें कुल 13 कक्षाएं संचालित होती है लेकिन विद्यालय में मात्र 10 कक्ष ही हैं.

कोरोना गाइडलाइन की पालना कराने के लिए विद्यार्थियों के बैठक व्यवस्था के बीच उचित दूरी भी बनाए रखनी है. ऐसे में कक्षों की अधिक आवश्यकता है. अभिभावकों का कहना है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान हो नहीं हुआ तो वे इन छोटे बच्चों को लेकर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचेंगे.

जैसलमेर. राजस्थान में सोमवार से पहली से पांचवी कक्षा के स्कूल खुल गए हैं. कोरोना के बाद करीब डेढ़ साल बाद स्कूल खुलने के बाद बच्चे उत्साह के साथ स्कूल पहुंचे लेकिन जैसलमेर के एक सरकारी स्कूल में बच्चे पहुंचे तो उन्हें क्लास की जगह चिलचिलाती धूप में बैठना पड़ा.

जैसलमेर जिले के सरकारी अंग्रेजी माध्यम स्कूल महात्मा गांधी में अभिभावक बच्चों को लेकर पहुंचे तो उनके होश उड़ गए. स्कूल में बैठने की जगह नहीं थी. बच्चों को स्कूल के बाहर में ग्राउंड में बैठना पड़ा.

जैसलमेर के सरकारी स्कूल के बच्चे को बाहर बैठाया

अभिभावक एडवोकेट प्रतापपुरी ने बताया कि आज से छोटे बच्चों के स्कूल खुल रहे हैं. वे अपनी बेटी को महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल छोड़ने आए तो यहां आने पर देखा कि बच्चों को बाहर ग्राउंड में बिठाया गया है. प्रिंसिपल से बात की तो उन्होंने कहा कि स्कूल में कमरे खाली नहीं होने की वजह से बच्चों को बाहर बैठाया गया है. पहले जिन कमरों में बच्चों की क्लास लगती थी, उस भवन को आरएसी (RAC) को दे रखा है.

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वहीं अभिभावक का आरोप है कि शिक्षा के नाम पर राजनीति करने वाले जनप्रतिनिधि पर मासूम बच्चों की इस समस्या पर फोन भी नही रिसीव करते. अभिभावकों ने मांग है कि आरएसी को किसी अन्य जगह शिफ्ट किया जाए और यह पूरा परिसर स्कूल को सौंप दिया जाए. फिलहाल, यह स्कूल 10वीं तक है. जिसमें कुल 13 कक्षाएं संचालित होती है लेकिन विद्यालय में मात्र 10 कक्ष ही हैं.

कोरोना गाइडलाइन की पालना कराने के लिए विद्यार्थियों के बैठक व्यवस्था के बीच उचित दूरी भी बनाए रखनी है. ऐसे में कक्षों की अधिक आवश्यकता है. अभिभावकों का कहना है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान हो नहीं हुआ तो वे इन छोटे बच्चों को लेकर जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचेंगे.

Last Updated : Sep 27, 2021, 1:25 PM IST
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