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मनरेगा निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की कमी के लिए जिला परिषदों के सीईओ होंगे जिम्मेदार - MGNREGA

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की ओर से मनरेगा में बनाई जाने वाली ग्रेवल सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता की कमी के लिए जिला परिषदों के सीईओ जिम्मेदार होंगे. इसे लेकर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मंगलवार को वीसी के जरिए जिला परिषदों के कार्यकारी अधिकारियों को निर्देश दिए.

Zila parishad CEO will be responsible for low quality construction under MGNREGA
मनरेगा निर्माण कार्यों में गुणवत्ता की कमी के लिए जिला परिषदों के सीईओ होंगे जिम्मेदार
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Published : Jan 10, 2023, 7:19 PM IST

जयपुर. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की ओर से मनरेगा में बनाई जाने वाली ग्रेवल सड़कों के निर्माण के विभिन्न चरणों में रोड रोलर से कॉम्पैक्शन किए जाने के फोटोग्राफ लिया जाना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही कार्यस्थलों पर निर्माण कार्य से संबंधित सम्बन्धित सूचना पट्ट मय निशुल्क टोल फ्री हैल्पलाइन नम्बर (1800-180-6127) अंकित कर लगाना जरूरी (Toll free complaint numbers for development works) होगा. जिससे काम के संबंध में आमजन को जानकारी मिल सके और कार्य की गुणवत्ता के संबंध में शिकायत की जा सके.

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने मंगलवार को शासन सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की बैठक लेकर यह निर्देश (ACS VC with CEOs of Zila Parishads) दिए. उन्होंने कहा कि मनरेगा में निर्माण कार्यों का फिजिकल वेरिफिकेशन किए बिना भुगतान करने पर गुणवत्ता खराब मिलने पर जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार ( low quality construction under MGNREGA) होंगे.

पढ़ें: New Directions: ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं की जिलेवार प्रगति के अनुसार जिला कलक्टर्स देंगे रैंकिंग

एसीएस ने निर्देशित किया कि हर जिले में शत प्रतिशत कार्यों एवं मेजरमेंट बुक का वेरिफिकेशन होना चाहिए. इसके साथ ही किसी प्रकरण में जांच पेंडिंग होने पर उसका भुगतान नहीं किया जाए. उन्होंने वीसी में मनरेगा में रोजगार सृजन, निर्माणकार्याें की जियोटैगिंग, सामग्री मद में भुगतान की स्थिति, ऑफिसर इंस्पेक्शन एप के माध्यम से अधिकारियों द्वारा फील्ड में कार्यों के इंस्पेक्शन की स्थिति, मनरेगा श्रमिकों की सॉफ्टवेयर के जरिए हाजिरी, जॉब कार्डों की आधार सीडिंग सहित अन्य विभागीय योजनाओं की समीक्षा की.

जयपुर. ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की ओर से मनरेगा में बनाई जाने वाली ग्रेवल सड़कों के निर्माण के विभिन्न चरणों में रोड रोलर से कॉम्पैक्शन किए जाने के फोटोग्राफ लिया जाना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही कार्यस्थलों पर निर्माण कार्य से संबंधित सम्बन्धित सूचना पट्ट मय निशुल्क टोल फ्री हैल्पलाइन नम्बर (1800-180-6127) अंकित कर लगाना जरूरी (Toll free complaint numbers for development works) होगा. जिससे काम के संबंध में आमजन को जानकारी मिल सके और कार्य की गुणवत्ता के संबंध में शिकायत की जा सके.

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने मंगलवार को शासन सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की बैठक लेकर यह निर्देश (ACS VC with CEOs of Zila Parishads) दिए. उन्होंने कहा कि मनरेगा में निर्माण कार्यों का फिजिकल वेरिफिकेशन किए बिना भुगतान करने पर गुणवत्ता खराब मिलने पर जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी व्यक्तिगत तौर पर जिम्मेदार ( low quality construction under MGNREGA) होंगे.

पढ़ें: New Directions: ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं की जिलेवार प्रगति के अनुसार जिला कलक्टर्स देंगे रैंकिंग

एसीएस ने निर्देशित किया कि हर जिले में शत प्रतिशत कार्यों एवं मेजरमेंट बुक का वेरिफिकेशन होना चाहिए. इसके साथ ही किसी प्रकरण में जांच पेंडिंग होने पर उसका भुगतान नहीं किया जाए. उन्होंने वीसी में मनरेगा में रोजगार सृजन, निर्माणकार्याें की जियोटैगिंग, सामग्री मद में भुगतान की स्थिति, ऑफिसर इंस्पेक्शन एप के माध्यम से अधिकारियों द्वारा फील्ड में कार्यों के इंस्पेक्शन की स्थिति, मनरेगा श्रमिकों की सॉफ्टवेयर के जरिए हाजिरी, जॉब कार्डों की आधार सीडिंग सहित अन्य विभागीय योजनाओं की समीक्षा की.

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