जयपुर. सात मई रविवार को दुनियाभर में विश्व हास्य दिवस मनाया जा रहा है. मई के पहले रविवार को हंसी के नाम इस दिन को तय किया गया है, जिसका मकसद है कि दौड़-भाग की इस जिंदगी के बीच कुछ हसीन लम्हों को खुशी के नाम निकाला जाए. कहावतों में भी कहा जाता है कि हंसना सेहत के लिए बेहतर होता है और यह किसी भी बीमारी का इलाज है. ऐसे में आज हम आपको राजस्थान के ऐसे हास्य कलाकारों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने मुफलिसी से निकलकर अपनी कामयाबी का सफर तय किया है. ऐसे नामों में चूरू जिले के मुरारी लाल पारीक , हनुमानगढ़ जिले के ख्याली सहारण, श्याम रंगीला और जयपुर के दीपक मीणा या कहें कि पन्या सेपट शामिल हैं.
मुरारी लाल का जमीनी सफरः चूरू जिले की रतनगढ़ तहसील के गोगासर के रहने वाले मुरारी लाल पारीक की कामयाबी के पहले उनकी जिंदगी में स्ट्रगल का सफर भी खासा मशक्कतों से भरा रहा है. आज यूट्यूब पर मुरारीलाल एक कामयाब कॉमेडियन हैं. उनकी कमाई करीब 60 लाख रुपए सालाना के लिहाज से 5 लाख रुपए प्रतिमाह है. 1 मार्च 1976 को जन्मे मुरारी लाल का परिवार काफी गरीब था, जिसकी वजह से उन्हें कई बार अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी. साल 2020 में मुरारी ने अपनी दसवीं की परीक्षा दी थी. बचपन से कॉमेडी के शौकीन मुरारी लाल हिन्दी फिल्म जगत के हास्य कलाकार जॉनी लीवर को आदर्श मानते थे.
वे अक्सर स्कूल में अपने साथियों के बीच मिमिक्री किया करते थे. नौकरी की तलाश में रिश्तेदारों की मदद से वह असम के एक चारकोल प्लांट में भी गए. इसके बाद उन्होंने मैंगलोर और केरल में भी नौकरी की. केरल में ही काम करते-करते उन्होंने यूट्यूब पर अपनी कॉमेडी के वीडियो डालना शुरू किया और उन्हें करीब साढ़े छह हजार रुपए की मासिक आय होने लगी. इसके बाद मुरारी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा, उनके परिवार में उनकी पत्नी और बेटा-बेटी हैं. उनके ठेठ राजस्थानी अंदाज में हंसी ठिठोली के मुरीद आज सिर्फ राजस्थान ही नहीं, बल्कि हरियाणा में भी हैं.
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श्याम रंगीला की रंगीन यात्राः कॉमेडियन श्याम रंगीला की पहचान प्रमुख राजनेताओं की मिमिक्री से बनी है. साल 2013 में नरेंद्र मोदी के लिए वोट अपील करने वाले श्याम रंगीला आज राजनीतिक जीवन में उतर चुके हैं. वे आज आम आदमी पार्टी के सक्रिय सदस्य भी हैं, उन्होंने पीएम मोदी और राहुल गांधी के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भी नकल उतारी है. श्याम रंगीला का जीवन विवादों से घिरा रहा है. 25 अगस्त 1994 को हनुमानगढ़ के पीलीबंगा के नजदीक माणकथेरी गांव में जन्मे श्याम एक किसान जवाहरलाल के बेटे हैं. पारिवारिक समस्या के कारण साल 2013 में श्याम रंगीला का परिवार श्रीगंगानगर जिले के रायसिंहनगर के नजदीक मोकामावाला गांव में शिफ्ट हो गया.
उन्होंने सूरतगढ़ में बारहवीं तक तालीम हासिल करने के बाद जयपुर में एनिमेशन का कोर्स भी किया. श्याम बचपन से ही कॉमेडियन बनने का सपना देखते थे, उन्होंने द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज से अपनी पहचान बनाई. उनका दावा है कि एक शो के दौरान राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी की मिमिक्री पर अभिनेता अक्षय कुमार ने उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन दी थी, पर विवादों के चलते इस शो का कभी प्रसारण नहीं हो सका. यहां तक कि उन्हें भविष्य में बड़े नेताओं की मिमिक्री नहीं करने की सलाह भी दी गई थी. हाल में वे जयपुर के झालाना लेपर्ड रिजर्व में अपने वीडियो को लेकर विवादों में रहे, जब वे प्रधानमंत्री की नकल करते हुए वन्यजीव एक्ट के उल्लंघन के दोषी पाए गए थे. इसके पहले वे पंजाब की सीएम भगवंत मान , पीएम मोदी और राहुल गांधी की नकल करने को लेकर विवादों से घिरे रहे हैं.
ख्याली की दुनिया से बाहर ख्याल-ए-सहारणः कॉमेडियन ख्याली सहारण हाल ही में एक एक रेप के मामले को लेकर विवादों से घिरे रहे हैं. राजस्थान के इस कॉमेडियन का सफर भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. गरीब परिवार से निकलकर कॉमेडी जगत में शोहरत कमाने तक ख्याली सहारण की जिन्दगी कई उतार-चढ़ाव से भरी रही है. वे फिलहाल आम आदमी पार्टी के सदस्य हैं और सरहदी जिले से चुनाव लड़कर राजनीतिक जीवन की पारी को नया मोड़ देना चाहते हैं. इसके पहले साल 2018 में उन्होंने कांग्रेस से भी टिकट मांगा था. ख्याली हनुमानगढ़ जिले के 18 SDP बड़ोपल गांव के रहने वाले हैं.
बचपन से ही स्कूल में वे अपने अध्यापकों और दोस्तों को कॉमेडी वाले अंदाज से हंसाते थे. ख्याली ने 6 साल तक श्रीगंगानगर जिले की एक फैक्ट्री में नौकरी की. इसके बाद उनकी जिन्दगी में साल 2006 में बदलाव आया, जब वह टीवी पर एक लाफ्टर प्रोग्राम के लिए सेलेक्ट हो गए. यहां से कामयाबी के रास्ते पर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. जिस गांव में वह तालीम हासिल कर रहे थे, उसी गांव में स्कूल के लिए ख्याली ने 20 बीघा जमीन दी, साथ ही सामाजिक कार्यों के लिए लाखों रुपए का दान किया. वे बॉलीवुड फिल्म सिंह इज किंग के एक गाने में अभिनेता अक्षय कुमार के साथ रोल अदा कर चुके हैं. इसके अलावा कॉमेडी फिल्म बॉम्बे टू गोवा में भी उनका रोल सराहा गया था, ख्याली ने अपना यूट्यूब चैनल भी शुरू किया है, जिसके दर्शकों आज लाखों की संख्या में है.
हरफनमौला दीपक मीणा उर्फ पन्या सेपटः ढूंढाड़ी अंदाज और चार्ली चैपलिन की मूंछ वाले लुक में पन्या सेपट का हास्य किरदार फिल्मी पर्दे से लेकर सोशल मीडिया तक सबकी पसंद का है. कभी किसी सामाजिक मुद्दे पर इंस्टाग्राम रील्स तो कभी भजन मंडली के बीच माइक पर भजन गाते हुए पन्या सेपट से रूबरू होना उनके प्रशंसकों को खासा पसंद है. कॉमेडियन दीपक मीणा असल जिन्दगी में अपने पर्दे के नाम से ही सुर्खियां बटोर चुके हैं.
साल 2022 में उन्हें जयपुर नगर निगम ग्रेटर ने स्वच्छता का ब्रांड एम्बेसडर भी बनाया था. 17 अप्रैल 1972 को जन्मे दीपक ने मायानगरी मुंबई में एक्टिंग की दुनिया में भाग्य आजमाया, पर उन्हें पहचान और कामयाबी राजस्थानी फिल्मों ने दिलाई. उनका अंदाज सबको पसंद आया. साथ ही उनके गाए हुए राजस्थानी गीतों को पसंद करने वाले लोगों की संख्या भी बड़ी है. कोरोना काल के दौरान उन्होंने मुखर होकर राजस्थान सरकार से अपील की थी कि स्थानीय सिनेमा यानी जॉलीवुड को आगे बढ़ाने के लिए अशोक गहलोत सरकार एक पैकेज का ऐलान करें.