जयपुर. विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ की ओर से हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. साल 1948 को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना के साथ में इस दिन की शुरुआत हुई थी. जिसका मकसद था विश्व में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाए रखना. स्वास्थ्य दिवस के मौके पर ईटीवी भारत पर हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक गर्ग ने आज के समय में स्वास्थ्य को लेकर चुनौतियां और उनके समाधान पर बातचीत की. उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की नजर में शरीर में बीमारियां और इसके समाधान को ही हेल्थ के दृष्टिकोण से जोड़कर नहीं रखा गया है. बल्कि शरीर, समाज और आसपास के वातावरण के हर बिंदु को स्वास्थ्य के व्यापक दृष्टिकोण के साथ जोड़ा गया है. इसमें शारीरिक, मानसिक और सामाजिक बिंदु को मिलाकर ही स्वास्थ्य को परिभाषित किया गया है. विशेष रूप से कोरोना वायरस जैसी महामारी के बाद आम व्यक्ति के लिए किस प्रकार से पूरे विश्व में मुश्किलें खड़ी होने लगी है.
युवाओं में कोविड-19 का असर : डॉक्टर अशोक गर्ग ने बताया कि आज के समय में पूरे विश्व के सामने कोविड-19 के बात की चुनौतियां खड़ी है. उन्होंने बताया कि कोरोना के बाद विशेष रूप से हार्ट से जुड़ी हुई बीमारियों में बढ़ोत्तरी हुई है. उन्होंने हेल्थ जनरल मेडिकल ऑफ वायरोलॉजी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मौजूदा आर्टिकल के मुताबिक दुनिया भर में 25 से 44 वर्ष की आयु के युवाओं में दिल की बीमारी से जुड़े मामलों में 30 फ़ीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. डॉक्टर गर्ग ने बताया कि कोविड का वायरस हृदय की धमनियों के अंदर की सतह, जिसे मेडिकल की भाषा में एंटोथिलियम कहा जाता है, जो खुरदरा बना देता है. इस वजह से प्लेटलेट्स हार्ट में जमने लगती है और व्यक्ति ह्रदय रोग के शिकार हो जाता है. इसके अलावा कोरोना का शिकार हुए व्यक्ति के खून में थक्का जमने की भी शिकायत ज्यादा होती है. जिसकी वजह से दिल का दौरा पड़ने के ज्यादा कारण हो सकते हैं.
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बीमारी के दुष्प्रभावों से कैसे बचा जाए : डॉ. अशोक गर्ग ने बताया कि किसी भी समस्या का समाधान भी हमारे आसपास ही मौजूद होता है. अगर हम अपने खानपान में सुधार करें, तो बीमारियों के दुष्परिणाम को कम किया जा सकता है. डॉक्टर गर्ग के मुताबिक खाने-पीने में मोटे अनाज के साथ-साथ फल सब्जियों का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा किया जाना चाहिए. वहीं, फैट यानि वसा से युक्त भोजन को अपनी रोजमर्रा की डाइट में यथासंभव कम इस्तेमाल करें. साथ ही व्यायाम को रोजमर्रा की दिनचर्या में शामिल किया जाना चाहिए. रोजाना कम से कम 30 मिनट पैदल चलने के साथ-साथ व्यक्ति को अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार कसरत पर ध्यान देना चाहिए. डॉक्टर अशोक गर्ग ने कहा कि मौजूदा दौर में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि चिंता के अनेक रूपों में तनाव यानी डिप्रेशन युवाओं को खासतौर पर टारगेट कर रहा है. इस वजह से डायबिटीज, हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट से जुड़ी हुई बीमारियां यूथ में बढ़ रही है. इसलिए प्रत्येक व्यक्ति का मानसिक रूप से स्वस्थ बना रहना ज्यादा जरूरी है.
कोरोना ने हर अंग को किया प्रभावित : एक्सपर्ट के मुताबिक कोरोना जैसी महामारी के आज भारी असर देखने को मिले हैं. अकेले हार्ट में तीन से चार तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वही लंग्स की परेशानियों में इजाफा हुआ है. यह भी कहा जा सकता है कि इस बीमारी ने शरीर के हर अंग पर असर डाला है. एक्सपर्ट ने कहा कि लोगों में मधुमेह के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में समय-समय पर शारीरिक जांच अति आवश्यक है. ताकि किसी भी तरह की शारीरिक व्याधि पर उसके समाधान का या उपचार का तुरंत रास्ता निकाला जा सके. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि फिजिकल, मेंटल और सोशल नेचर ही हेल्थ है. ऐसे में सभी को इस दिशा में ध्यान रखने की बेहद जरूरत है.