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World Brain Tumor Day : सिर दर्द-थकान को न करें नजरअंदाज, मामूली सा लक्षण बन सकता है बड़े मर्ज का कारण - Rajasthan Hindi News

मस्तिष्क को शरीर का 'कमांड और कंट्रोल सिस्टम' कहा जाता है. आज के भाग-दौड़ के जीवन और बदलती लाइफस्टाइल के कारण हम मस्तिष्क से जुड़ी परेशानियों को आम बात मान लेते हैं, जो कई बार बड़ी समस्याओं का कारण बन जाता है. आज 'वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे' पर जानिए कैसे जागरूकता के अभाव में लोग इस बीमारी का शिकार हो जाते हैं...

World brain tumor day
वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे
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Published : Jun 8, 2023, 6:22 AM IST

जानिए ब्रेन ट्यूमर के बारे में

जयपुर. हर साल पूरी दुनिया में 8 जून को 'वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे' के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को ब्रेन ट्यूमर का शिकार लोगों और उनके परिजनों को समर्पित किया गया है. इस खास दिन का मकसद है लोगों को मस्तिष्क में सामान्य सी लगने वाली गांठ के जानलेवा होने तक की जानकारी देना है. लोग अपनी और अपनों की सेहत को लेकर जागरूक बनें और ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों का पहचानने के साथ ही इलाज के लिए लोगों को प्रेरित भी करें.

इस कारण होता है ब्रेन ट्यूमर : विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रेन ट्यूमर के मरीजों को इलाज से जोड़ने में समाज की भूमिका ज्यादा होनी चाहिए, जो फिलहाल नजर नहीं आ रही. तकनीक और बदलती लाइफ स्टाइल के दौर में ब्रेन ट्यूमर रोग ने काफी जल्दी अपने पैर पसार लिए हैं. इसका इलाज लेने वाले लोगों की तादाद में मर्ज के मुताबिक इजाफा नहीं हुआ है. एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक इस जानलेवा बीमारी के शिकार आधे लोग ही इलाज के लिए पहुंच पाते हैं. इसके पीछे बीमारी को लेकर जानकारी का अभाव और समाज में फैले भ्रम भी बड़ी वजह बताई जाती है. आम तौर पर मस्तिष्क में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि के कारण यह रोग बढ़ता है.

पढ़ें. ये लक्षण दिखें, तो ना करें नजरअंदाज, हो सकता है सोरायसिस, जानिए क्या कहते हैं चर्म रोग विशेषज्ञ

इस बार ये है ब्रेन ट्यूमर डे थीम : जयपुर के भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के न्यूरो ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर नितिन द्विवेदी के मुताबिक ब्रेन ट्यूमर की पहचान से लेकर इसके इलाज के लिए समाज में जागरूकता की बेदह कमी है. इस साल वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे की थीम 'यूनाइटिंग फॉर होप, एंपावरिंग ब्रेन ट्यूमर पेशेंट' रखी गई है, जो मौजूदा परिदृश्य में खासा प्रासंगिक है. अक्सर देखा जाता है कि मरीज को जब पता लगता है कि उसे ब्रेन ट्यूमर है तो वह मानसिक रूप से टूट जाता है. ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उम्मीद के लिए एक होकर मरीजों को मजबूत बनाने पर जोर दिया है.

World brain tumor day
इन लक्षण को नहीं करें नजरअंदाज

इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज : उन्होंने बताया कि आमतौर पर सिरदर्द को सामान्य समझा जाता है. इसी तरह से शरीर के एक हिस्से में कमजोरी, जी मिचलाना, बोलने में परेशानी महसूस करना, धुंधला दिखना और शरीर के रोजमर्रा के काम में कई परेशानियों को भी लोग नजरअंदाज कर देते हैं. इन लक्षणों के बारे में भी लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता है. अगर ये लक्षण आपको या आपके आस-पास के लोगों में दिखते हैं तो तत्काल डॉक्टर की मदद दिखाएं और इलाज लें.

पढ़ें. Eating Disorder : टीनएजर्स में ज्यादा देखा जाता है ये मनोरोग, शारीरिक और मानसिक दुर्बलता का बनता है कारण

ऐसे हो सकता है इलाज : आम तौर पर ब्रेन ट्यूमर का पता करने के लिए सिटी स्कैन, एमआरआई, फंक्शनल एमआरआई और जेनेटिक मैपिंग जैसी जांच की मदद ली जा सकती है. इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के लिए सर्जरी के अलावा रेडिएशन और कीमोथेरेपी जैसे विकल्प भी इलाज में कारगर साबित हो सकते हैं. ऐसे व्यक्ति को रेडिएशन से बचकर रहना चाहिए. साथ ही स्मोकिंग और नशे से दूर रहना चाहिए.

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66 फीसदी ट्यूमर कैंसर नहीं होते

66 फीसदी ट्यूमर कैंसर नहीं होते : डॉक्टर नितिन द्विवेदी के मुताबिक लोग ब्रेन ट्यूमर के नाम से डरते हैं, लेकिन यह ट्यूमर दूसरे ट्यूमर से बिल्कुल अलग होते हैं. जांच में 66 फीसदी ट्यूमर सामान्य ट्यूमर होते हैं, जो कैंसर का कारण नहीं बनते हैं. डॉक्टर द्विवेदी के मुताबिक 15 साल से कम उम्र के मरीजों का सर्वाइवल रेट 75 फीसदी होता है, जबकि 15 से 39 उम्र के मरीज में 72 फीसदी और 40 से ज्यादा उम्र के मरीजों में 21 फीसदी सर्वाइवल रेट होता है. ऐसे में आज के दौर में सबसे अहम है कि मरीज का हौसला बढ़ाया जाए. उसे डराने की जगह इलाज के लिए आगे बढ़ने का रास्ता सुझाया जाए. इस तरह से गंभीर मरीज को भी बीमारी से लड़ने में मदद मिलेगी.

जानिए ब्रेन ट्यूमर के बारे में

जयपुर. हर साल पूरी दुनिया में 8 जून को 'वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे' के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को ब्रेन ट्यूमर का शिकार लोगों और उनके परिजनों को समर्पित किया गया है. इस खास दिन का मकसद है लोगों को मस्तिष्क में सामान्य सी लगने वाली गांठ के जानलेवा होने तक की जानकारी देना है. लोग अपनी और अपनों की सेहत को लेकर जागरूक बनें और ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों का पहचानने के साथ ही इलाज के लिए लोगों को प्रेरित भी करें.

इस कारण होता है ब्रेन ट्यूमर : विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रेन ट्यूमर के मरीजों को इलाज से जोड़ने में समाज की भूमिका ज्यादा होनी चाहिए, जो फिलहाल नजर नहीं आ रही. तकनीक और बदलती लाइफ स्टाइल के दौर में ब्रेन ट्यूमर रोग ने काफी जल्दी अपने पैर पसार लिए हैं. इसका इलाज लेने वाले लोगों की तादाद में मर्ज के मुताबिक इजाफा नहीं हुआ है. एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक इस जानलेवा बीमारी के शिकार आधे लोग ही इलाज के लिए पहुंच पाते हैं. इसके पीछे बीमारी को लेकर जानकारी का अभाव और समाज में फैले भ्रम भी बड़ी वजह बताई जाती है. आम तौर पर मस्तिष्क में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि के कारण यह रोग बढ़ता है.

पढ़ें. ये लक्षण दिखें, तो ना करें नजरअंदाज, हो सकता है सोरायसिस, जानिए क्या कहते हैं चर्म रोग विशेषज्ञ

इस बार ये है ब्रेन ट्यूमर डे थीम : जयपुर के भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के न्यूरो ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर नितिन द्विवेदी के मुताबिक ब्रेन ट्यूमर की पहचान से लेकर इसके इलाज के लिए समाज में जागरूकता की बेदह कमी है. इस साल वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे की थीम 'यूनाइटिंग फॉर होप, एंपावरिंग ब्रेन ट्यूमर पेशेंट' रखी गई है, जो मौजूदा परिदृश्य में खासा प्रासंगिक है. अक्सर देखा जाता है कि मरीज को जब पता लगता है कि उसे ब्रेन ट्यूमर है तो वह मानसिक रूप से टूट जाता है. ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उम्मीद के लिए एक होकर मरीजों को मजबूत बनाने पर जोर दिया है.

World brain tumor day
इन लक्षण को नहीं करें नजरअंदाज

इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज : उन्होंने बताया कि आमतौर पर सिरदर्द को सामान्य समझा जाता है. इसी तरह से शरीर के एक हिस्से में कमजोरी, जी मिचलाना, बोलने में परेशानी महसूस करना, धुंधला दिखना और शरीर के रोजमर्रा के काम में कई परेशानियों को भी लोग नजरअंदाज कर देते हैं. इन लक्षणों के बारे में भी लोगों को जागरूक करने के लिए वर्ल्ड ब्रेन ट्यूमर डे मनाया जाता है. अगर ये लक्षण आपको या आपके आस-पास के लोगों में दिखते हैं तो तत्काल डॉक्टर की मदद दिखाएं और इलाज लें.

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ऐसे हो सकता है इलाज : आम तौर पर ब्रेन ट्यूमर का पता करने के लिए सिटी स्कैन, एमआरआई, फंक्शनल एमआरआई और जेनेटिक मैपिंग जैसी जांच की मदद ली जा सकती है. इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति के लिए सर्जरी के अलावा रेडिएशन और कीमोथेरेपी जैसे विकल्प भी इलाज में कारगर साबित हो सकते हैं. ऐसे व्यक्ति को रेडिएशन से बचकर रहना चाहिए. साथ ही स्मोकिंग और नशे से दूर रहना चाहिए.

World brain tumor day
66 फीसदी ट्यूमर कैंसर नहीं होते

66 फीसदी ट्यूमर कैंसर नहीं होते : डॉक्टर नितिन द्विवेदी के मुताबिक लोग ब्रेन ट्यूमर के नाम से डरते हैं, लेकिन यह ट्यूमर दूसरे ट्यूमर से बिल्कुल अलग होते हैं. जांच में 66 फीसदी ट्यूमर सामान्य ट्यूमर होते हैं, जो कैंसर का कारण नहीं बनते हैं. डॉक्टर द्विवेदी के मुताबिक 15 साल से कम उम्र के मरीजों का सर्वाइवल रेट 75 फीसदी होता है, जबकि 15 से 39 उम्र के मरीज में 72 फीसदी और 40 से ज्यादा उम्र के मरीजों में 21 फीसदी सर्वाइवल रेट होता है. ऐसे में आज के दौर में सबसे अहम है कि मरीज का हौसला बढ़ाया जाए. उसे डराने की जगह इलाज के लिए आगे बढ़ने का रास्ता सुझाया जाए. इस तरह से गंभीर मरीज को भी बीमारी से लड़ने में मदद मिलेगी.

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