जयपुर. राजधानी में फिलहाल 91 वार्ड है. लेकिन इनमें से अधिकतर वार्ड बीवीजी कंपनी की ओर से किए जा रहे. डोर टू डोर कचरा संग्रहण से संतुष्ट नहीं है. कहीं कचरा संग्रहण की गाड़ियां नहीं पहुंचती, तो कहीं ये नियमित नहीं हैं. इस संबंध में बीवीजी कंपनी को कई बार चेताया भी जा चुका है.
बावजूद व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के, बीवीजी कंपनी हाथ पर हाथ धरे बैठी है. ऐसे में अब निगम प्रशासन ने कंपनी को 15 जून तक की मोहलत दी है. जिसने बीवीजी कंपनी जिन तीन फेज में काम कर रही है, उनमें कचरा संग्रहण के काम को पटरी पर लेकर आए. अन्यथा अब किसी भी 1 फेज का काम दूसरी कंपनी को दिया जाएगा.
निगम महापौर विष्णु लाटा ने बताया कि बीवीजी कंपनी को कई बार चेताया जा चुका है और अब 3 फेज में से किसी भी एक फेज को तोड़कर किसी दूसरी कंपनी को काम सौंपा जाएगा. ताकि दोनों के बीच कंपटीशन हो, और जयपुर को बेहतर रिजल्ट मिल सके.
दरअसल, राजधानी के 8 जोन को 3 फेज में बांटा हुआ है. जिसके तहत फेज वन में विद्याधर नगर, हवामहल पश्चिम और आमेर जोन, फेज टू में सिविल लाइंस और मानसरोवर जोन जबकि फेज 3 में मोती डूंगरी, सांगानेर और हवा महल पूर्व जोन को शामिल किया गया है. ऐसे में अब निगम की मोहलत के अनुसार यदि बीवीजी कंपनी व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं करती है, तो इनमें से किसी भी एक फेज का काम दूसरी कंपनी को दे दिया जाएगा.