जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव के बीच जहां एक ओर बीजेपी ने कानून व्यवस्था को चुनावी मुद्दा बना दिया है, वहीं एनसीआरबी के आंकड़ों को लेकर राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष आमने-सामने हैं. रविवार को पूर्व राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष सुमन शर्मा ने प्रदेश में हो रहे महिला हिंसा और दुष्कर्म के आंकड़ों को लेकर गहलोत सरकार को निशाने पर लिया तो इसका जवाब देने खुद राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज सामने आईं. रियाज ने सोमवार को बयान जारी कर सुमन शर्मा पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने आंकड़े तोड़-मरोड़ कर पेश किया है.
तोड़-मरोड़ कर दिए आंकड़े : राजस्थान राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती ने महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा के आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि सुमन शर्मा की ओर से राजस्थान के मामले में जो आंकड़े दिए गए हैं, वह तोड़-मरोड़ कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति राज्य सरकार अत्यंत संवेदनशील है. पुलिस थानों में आने वाली प्रत्येक महिला की ओर से अपराध की सूचना मात्र देने पर रिपोर्ट दर्ज की जा रही है. जिसके कारण अपराध दर्ज होने में बढ़ोतरी हुई है.
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महिला उत्पीड़न के मामले में पुलिस विभाग जीरो टॉलरेंस की नीति पर त्वरित एवं न्यायोचित कार्रवाई कर रहा है. उन्होंने कहा कि जनसंख्या के आधार पर महिला अपराधों में भाजपा और केन्द्रशासित प्रदेश असम, दिल्ली और हरियाणा टॉप 5 में हैं. महिलाओं से सर्वाधिक दुष्कर्म मध्यप्रदेश में हो रहे हैं. हत्या, महिला अपराध, अपहरण उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक हैं. पॉक्सो मामलों में मध्य प्रदेश पहले और राजस्थान 12वें स्थान पर है.
एसपी-कलेक्टर की बैठक तय समय पर हो : रेहाना रियाज ने कहा कि महिलाओं को बेहतर और सुरक्षित माहौल देने का उनका दायित्व है. इससे किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है. राजस्थान राज्य महिला आयोग पूरी निष्ठा और कुशलता के साथ अपने कार्य को अंजाम दे रहा है. राजस्थान राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज चिश्ती ने स्वीकार किया कि शासन स्तर पर प्रदेश के जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षकों की बैठक एक तय समय पर होनी चाहिए, ताकि कार्य परिणाम में सुधार आए.
सुमन शर्मा ने ये लगाए थे आरोप : बता दें कि महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष सुमन शर्मा ने आरोप लगाया था कि प्रदेश में गैंगरेप के मामले दोगुने हो गए और दुष्कर्म के मामलों में 50 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. गहलोत सरकार के इस कुराज में महिला उत्पीड़न और दुष्कर्म के मामलों ने प्रदेश को शर्मसार किया है. सुमन शर्मा ने कहा कि प्रदेश की महिला आयोग की वर्तमान अध्यक्ष ने खुद माना है कि प्रदेश में दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ीं हैं. सरकार में बैठे लोग खुद न्यायोचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध अब सरकार के नियंत्रण से बाहर है.