जयपुर. राजस्थान में महिला एवं बाल विकास विभाग को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसी बजट में इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी शक्ति निधि के नाम पर एक हजार करोड़ रुपए दिए थे. जिसे महिला एवं बाल विकास विभाग को खर्च करने थे. इसके तहत महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री ममता भूपेश ने 5 सालों के लिए अपने विभाग की कार्य योजना तैयार कर ली है.
जिसके तहत हर साल 200 करोड़ रुपए तीन अलग-अलग योजनाओं में महिलाओं के लिए इस्तेमाल में लिए जाएंगे. महिला एवं बाल विकास विभाग इसमें इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी महिला उद्यम प्रोत्साहन योजना शुरु करने जा रहा है. इस योजना में एकल महिलाओं और एसएसजी से जुड़ी महिलाओं को एक करोड़ तक के कर्ज दिए जाएंगे. उद्यमी महिलाओं को 25 फीसदी तक की लोन में सब्सिडी भी सरकार देगी.
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इस योजना के तहत सालाना 15 करोड़ की सब्सिडी भी दी जाएगी. इसी तरीके से इंदिरा गांधी प्रियदर्शनी महिला बेसिक कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना और एडवांस प्रशिक्षण योजना के नाम से दो अलग-अलग योजनाएं चलेंगी. साथ ही बेसिक प्रशिक्षण योजना में एक लाख महिलाओं को सालाना कंप्यूटर की बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी और स्किल डेवलपमेंट के लिए भी महिलाओं को ले जाया जाएगा.
कंप्यूटर की एडवांस ट्रेनिंग के तहत 5 हजार महिलाओं को टेलीमार्केटिंग और कंप्यूटर की एडवांस ट्रेनिंग दी जाएगी. इन तीनों योजनाओं से महिलाओं को फायदा महिला एवं बाल विकास विभाग पहुंचाएगा. हालांकि, तीनों योजनाओं के नाम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम से रखे जाएंगे.
वहीं, मंत्री ममता भूपेश का कहना है कि इन योजनाओं से केंद्र का कोई लेना देना नहीं है. क्योंकि राजस्थान सरकार अपने स्तर पर यह 1 हजार करोड़ का फंड प्रियदर्शनी फंड के नाम पर पहले ही बना चुकी है और इस तरीके का यह अपने आप में पहला फंड है और उसी के तहत योजनाएं शुरू की जाएंगी.