जयपुर. स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 को शुरू हुए 4 महीने से ज्यादा समय हो गया है. लेकिन शहरवासियों को इस अभियान से जोड़ने के लिये अब तक कोई प्रयास सामने नहीं आए हैं. तीन चरणों में हो रहे स्वच्छता सर्वेक्षण का एक चरण 30 जून को खत्म हो चुका है. इसके 45 दिन बाद भी शहर की स्थिति में कोई बदलाव नहीं दिखा है. घरों पर समय से तो हूपर आ रहे हैं और ना ही सड़कों के किनारे लगे कूड़ेदानों से कचरा उठाया जा रहा है. वहीं सड़क कचरा डिपो भी बढ़ते ही जा रहे हैं.
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साथ ही बरसात की वजह से स्वच्छता के हाल तो बद से बदतर होते जा रहे हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या जयपुर को कभी गंदगी से आजादी मिल पाएगी. हालांकि आजादी की वर्षगांठ पर मेयर और कमिश्नर दोनों को शहर की स्वच्छता की याद आई. एक ओर मेयर ने स्वच्छता के लिए निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों का आह्वान किया. वहीं निगम कमिश्नर ने भी इसे सतत प्रयास बताते हुए कहा कि निगम की कोशिश रहती है कि शहर को ज्यादा से ज्यादा स्वच्छ रखें. अभी निगम की पूरी टीम के साथ मॉनिटरिंग की जा रही है. हालांकि उन्होंने माना कि बरसात के मौसम में समस्या बढ़ जाती है. जिससे जूझते हुए जयपुर को स्वच्छ रखने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि स्वच्छ शहरों की सूची में जयपुर का पायदान और ऊंचा हो ऐसे प्रयास हैं.
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वहीं जयपुर को गंदगी मुक्त कराने के सवाल पर कमिश्नर ने कहा कि ये सतत प्रक्रिया है. इसके लिए ये नहीं कह सकते कि आज हमने ये मुकाम हासिल कर लिया है और आगे कुछ करने की जरूरत नहीं. यदि स्वच्छ रहना है तो हर व्यक्ति को अपने घर से शुरुआत करनी होगी.
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बता दें कि बीते एक महीने से निगम आयुक्त वीपी सिंह और महापौर विष्णु लाटा ने जो आदेश जारी किए, उनकी अब तक पालना ही शुरू नहीं हुई है. ऐसे में देखना होगा कि आजादी के दिन जो संकल्प लिया गया है उससे क्या जयपुर को गंदगी से आजादी मिलेगी.