जयपुर. राज्य सरकार से मिले आश्वासन के बाद अपना आंदोलन स्थगित करने वाले नर्सिंग कर्मियों ने एक बार फिर आंदोलन की राह पर उतरने का ऐलान किया है. राजस्थान नर्सिंग संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले नर्सिंग कर्मी 27 सितंबर से स्थगित किए गए आंदोलन को दोबारा शुरू करेंगे और इस बार निर्णायक फैसला आने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी गई है.
विधानसभा चुनाव को लेकर कभी भी आचार संहिता लग सकती है. इससे पहले नर्सिंग कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों पर निर्णायक फैसला चाहते हैं. कर्मचारी बीते 4 साल में नर्सेज कैडर का पुनर्गठन करने, संविधान नर्सेज भर्ती बंद करने, नर्सेज निदेशालय की स्थापना करने, नर्सिंग छात्रों के स्टाइपेंड में बढ़ोतरी करने, नर्स को दवाई लिखने के राइट्स देने, एएनएम, एलएचवी और नर्सिंग ट्यूटर्स के पद नाम परिवर्तन करने जैसी मांगों को लेकर दर्जनों बार आंदोलन कर चुके हैं.
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हालांकि नर्सिंग कर्मचारियों को अपनी मांगों पर निर्णायक फैसले का आज भी इंतजार है. ऐसे में अब इन नर्सिंग कर्मियों ने दोबारा आंदोलन की राह पर उतरने का ऐलान किया है. नर्सेज संघर्ष समिति के नेता प्यारेलाल चौधरी ने बताया कि 5 सितंबर को राजस्थान में तमाम नर्सिंग कर्मियों की ओर से हड़ताल की भी घोषणा की गई थी. लेकिन विभाग के आला अधिकारियों की ओर से 30 अगस्त को संगठन के पदाधिकारी से वार्ता की गई और 15 दिन में मांगों पर कार्रवाई करने के लिए समय मांगा गया.
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लेकिन 26 दिन बीत जाने के बाद आज तक फिर कोई निर्णायक फैसला नहीं लिया गया. ऐसे में जो आंदोलन स्थगित किया गया था, उसे 27 सितंबर से दोबारा शुरू किया जाएगा. आपको बता दें कि बीते दिनों 45 दिन तक चले आंदोलन के बाद वित्तीय मांगों पर विचार करने के लिए एक हाई लेवल कमेटी बनाई गई थी. जबकि नर्सिंग कर्मचारियों की यूनिफॉर्म में बदलाव के आदेश हाथोंहाथ जारी कर दिए गए थे.