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बांसखाेह को पंचायत समिति बनाने की मांग काे लेकर चार दिन से आमरण अनशन जारी

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Published : Nov 5, 2019, 12:55 AM IST

राजधानी के बस्सी उपखंड क्षेत्र में बांसखोह को पंचायत समिति बनाने की मांग को लेकर आज भी ग्रामीणों का आमरण अनशन जारी रहा. वहीं, प्रशासन ने नए सिरे से बांसखोह का नाम प्रस्तावित करने का आश्वासन दिया है.

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जयपुर. राजधानी के बस्सी उपखंड क्षेत्र में पंचायत समिति परिसीमन में बांसखोह को पंचायत समिति बनाने की मांग को लेकर चौथे दिन सोमवार को 27 लोगों का आमरण अनशन जारी रहा. साथ ही कस्बे के बाजार भी बंद रहे. परिसीमन में तूंगा को पंचायत समिति प्रस्तावित होने के बाद से क्षेत्र के अधिकतर गांवों के लोगों में रोष फैल गया है.

बांसखाेह में ग्रामीणों का आमरण अनशन जारी

पंचायत समिति बनाओं संघर्ष समिति बांसखोह के अध्यक्ष और बांसखोह ग्राम पंचायत के सरपंच मंगलाराम मीणा का कहना है कि परिसीमन की प्रक्रिया प्रशासनिक नहीं होकर राजनैतिक हो गई है. स्थानीय विधायक तूंगा से होने के कारण वे अपनी ग्राम पंचायत पर पंचायत समिति बनाना चाहते हैं. जबकि तूंगा का क्षेत्रफल और जनसंख्या बांसखोह से आधे से भी कम है.

यह भी पढ़ें . कांग्रेस की लिस्ट में 70 में से एक भी ऐसा चेहरा नहीं, जो महापौर बनने के लायक हो : गुलाबचंद कटारिया

मंगलाराम मीणा का कहना है कि बस्सी उपखंड की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत होने के साथ क्षेत्र के मध्य में स्थित है. यहां हाइवे और रेलवे लाइन होने कारण लोगों के लिए आवागमन सुगम है. पंचायत समिति बनाओ संघर्ष समिति बांसखोह के ग्रामीण जो धरने में बैठे हुए हैं, उन्होंने बताया कि पंचायत समिति बनाने की मांग को लेकर चौथे दिन भी कस्बे में 27 लोग आमरण अनशन पर बैठे रहे. जिनमें 25 पुरुष और 2 महिलाएं शामिल हैं.

यह भी पढ़ें. प्रियंका के फोन टैपिंग पर बोले गहलोत- बनना चाहिए कमीशन, जिससे पता चले किन-किन नेताओं के फोन टैप हुए

वहीं, कस्बे के बाजार बंद है. जिससे आसपास के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बस्सी विधानसभा क्षेत्र में पहले नंबर पर बांसखोह होने के बाद भी तूंगा का नाम आगे करने से 16 अक्टूबर से धरना-प्रदर्शन जारी है. प्रशासन की ओर से गलती स्वीकार करते हुए नए सिरे से बांसखोह का नाम प्रस्तावित करने का आश्वासन दिया गया है.

जयपुर. राजधानी के बस्सी उपखंड क्षेत्र में पंचायत समिति परिसीमन में बांसखोह को पंचायत समिति बनाने की मांग को लेकर चौथे दिन सोमवार को 27 लोगों का आमरण अनशन जारी रहा. साथ ही कस्बे के बाजार भी बंद रहे. परिसीमन में तूंगा को पंचायत समिति प्रस्तावित होने के बाद से क्षेत्र के अधिकतर गांवों के लोगों में रोष फैल गया है.

बांसखाेह में ग्रामीणों का आमरण अनशन जारी

पंचायत समिति बनाओं संघर्ष समिति बांसखोह के अध्यक्ष और बांसखोह ग्राम पंचायत के सरपंच मंगलाराम मीणा का कहना है कि परिसीमन की प्रक्रिया प्रशासनिक नहीं होकर राजनैतिक हो गई है. स्थानीय विधायक तूंगा से होने के कारण वे अपनी ग्राम पंचायत पर पंचायत समिति बनाना चाहते हैं. जबकि तूंगा का क्षेत्रफल और जनसंख्या बांसखोह से आधे से भी कम है.

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मंगलाराम मीणा का कहना है कि बस्सी उपखंड की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत होने के साथ क्षेत्र के मध्य में स्थित है. यहां हाइवे और रेलवे लाइन होने कारण लोगों के लिए आवागमन सुगम है. पंचायत समिति बनाओ संघर्ष समिति बांसखोह के ग्रामीण जो धरने में बैठे हुए हैं, उन्होंने बताया कि पंचायत समिति बनाने की मांग को लेकर चौथे दिन भी कस्बे में 27 लोग आमरण अनशन पर बैठे रहे. जिनमें 25 पुरुष और 2 महिलाएं शामिल हैं.

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वहीं, कस्बे के बाजार बंद है. जिससे आसपास के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बस्सी विधानसभा क्षेत्र में पहले नंबर पर बांसखोह होने के बाद भी तूंगा का नाम आगे करने से 16 अक्टूबर से धरना-प्रदर्शन जारी है. प्रशासन की ओर से गलती स्वीकार करते हुए नए सिरे से बांसखोह का नाम प्रस्तावित करने का आश्वासन दिया गया है.

Intro:बाँसखोह को पंचायत समिति बनाने को लेकर धरना अनशन में हुआ तब्दील

27 ग्रामीण बैठे अनशन में

25 पुरुष व 02 महिलाएं बैठी अनशन पर

पिछले 22 दिन से जारी हैं धरना

बाजार बंद होने से रोजमरा की वस्तुओं के लिए परेशान हो रहे ग्रामीण

ग्रामीणों की मांग नही मानने पर उग्र आंदोलन की दी चेतावनीBody:
बस्सी ( जयपुर ) राजधानी जयपुर के बस्सी उपखण्ड क्षेत्र में पंचायत समिति परिसीमन में बांसखोह काे पंचायत समिति बनाने की मांग काे लेकर आज चौथे दिन 27 लाेगाें का आमरण अनशन जारी रहा अाैर कस्बे के बाजार बंद रहे। परिसीमन में तूंगा काे पंचायत समिति प्रस्तावित हाेने के बाद से क्षेत्र के अधिकतर गांवों के लाेगाें में रोष फैल गया। पंचायत समिति बनाअाें संघर्ष समिति बांसखोह के अध्यक्ष अाैर बांसखोह ग्राम पंचायत के सरपंच मंगलाराम मीणा का कहना है कि परिसीमन की प्रक्रिया प्रशासनिक नहीं हाेकर राजनैतिक हाे गई। स्थानीय विधायक तूंगा से हाेने के कारण वे अपनी ग्राम पंचायत पर पंचायत समिति बनाना चाहते हैं जबकि तूंगा का क्षेत्रफल व जनसंख्या बांसखोह से अाधे से भी कम है। मंगलाराम मीणा का कहना है कि बस्सी उपखंड की सबसे बडी ग्राम पंचायत हाेने के साथ क्षेत्र के मध्य में स्थित है। यहां हाइवे व रेलवे लाइन हाेने के कारण लाेगाें के लिए अवागमन सुगम है। पंचायत समिति बनाअाें संघर्ष समिति बांसखोह के ग्रामीण जो धरने में बैठे हैं उन्होंने बताया कि पंचायत समिति बनाने की मांग काे लेकर चौथे दिन भी कस्बे में 27 लाेगाें का आमरण अनशन पर बैठे रहे। जिनमे 25 पुरुष व 2 महिलाएं शामिल हैं । कस्बे के बाजार बंद है जिससे अासपास के लाेगाें काे परेशानी हाे रही है। बस्सी विधानसभा क्षेत्र में पहले नंबर पर बांसखोह हाेने के बाद भी तूंगा का नाम अागे करने से 16 अक्टूबर से धरना-प्रदर्शन जारी है। प्रशासन की अाेर से भूल स्वीकारते हुए नए सिरे से बांसखोह का नाम प्रस्तावित करने का आश्वासन दिया। उनका कहना है कि तूंगा क्षेत्र के अंतिम छाेर हाेने से क्षेत्र में गांवों के लाेगाें काे अाने-जाने में परेशानी हाेगी। उन्हाेंने बताया कि बांसखोह में पहले से कई सरकारी संस्थान माैजूद है प्रशासन काे नए भवन की अावश्यकता नहीं हाेगी।

01 बाइट :- मंगलाराम मीणा , सरपंच बाँसखोह

02 बाइट :- नीतू जंगम , धरने में आमरण अनशन पर बैठी महिलाConclusion:
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