जयपुर. राजधानी जयपुर में विजेंद्र सिंह गुलाबबाड़ी हत्याकांड के आरोपी गैंग सरगना शिवराज सिंह ने पुलिस की चलती गाड़ी से भागने की कोशिश की. करधनी थाना पुलिस ने आरोपी शिवराज सिंह को 12 फरवरी को गिरफ्तार किया था. आरोपी मर्डर मामले में पुलिस कस्टडी में चल रहा था. लेकिन पुलिस की कस्टडी से भागने के प्रयास में आरोपी का पैर फैक्चर हो गया. इसके बाद पुलिस ने तुरंत आरोपी को पकड़ लिया और उसे इलाज के लिए सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
बताया गया कि आरोपी शिवराज सिंह करधनी थाने का हिस्ट्रीशीटर है, जो कि मर्डर केस में पुलिस की कस्टडी में चल रहा है. सोमवार शाम को करधनी थाना पुलिस आरोपी को मौके की तस्दीक के लिए घटनास्थल पर लेकर गई थी. इस दौरान पुलिस की गाड़ी से बदमाश ने भागने की कोशिश की. हालांकि, पुलिसकर्मियों की तत्परता के कारण उसे अविलंब दबोच लिया गया. लेकिन चलती गाड़ी से कूदने के कारण उसके दोनों पैर फैक्चर हो गए. जिसके बाद उसे इलाज के लिए सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. करधनी थाना पुलिस ने 12 फरवरी को विजेंद्र सिंह हत्या मामले में आरोपी शिवराज सिंह समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इससे पहले आरोपी शिवराज सिंह को साल 2019 में महावीर मीणा हत्याकांड मामले में गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि विजेंद्र सिंह गुलाबबाड़ी हत्याकांड मामले में अब तक कुल 12 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
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डीसीपी वेस्ट वंदिता राणा ने बताया कि 9 नवंबर, 2022 को करधनी थाना इलाके में आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से हत्याकांड को अंजाम दिया था. आरोपी ने चाकू, तलवार, सरिए से वार करके विजेंद्र सिंह की हत्या कर दी थी. हालांकि, जब विजेंद्र सिंह का भाई उसे अस्पताल लेकर पहुंचा तो उसकी मौत वहां इलाज के दौरान मौत हो गई थी. पूछताछ में सामने आया है कि वारदात के बाद आरोपी शिमला, अयोध्या, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, अमदाबाद, भीलवाड़ा, नागौर समेत अन्य जगहों पर फरारी काट रहा था. जिसे अथक प्रयासों के बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
पुलिस के मुताबिक सागर सिंह, शिवराज सिंह, शिवराज ऊर्फ शेखू, भगवान सिंह, संग्राम सिंह, अजय सिंह, अजय, नीटूडी, सुल्तान गुर्जर, दुर्गेश सिंह, जितेंद्र, नागर सिंह राठौड़, भूपेंद्र, बलदीप सिंह, विजय सिंह, अंकित, रविंद्र सिंह, राघवेंद्र उर्फ बंटी ने अलग-अलग स्थानों पर एकत्रित होकर विजेंद्र सिंह को मारने की योजना बनाई थी. सभी सदस्यों को वारदात को अंजाम देने के लिए अलग-अलग टास्क दिए गए थे. हत्याकांड के बाद फरारी काटने के लिए पहले से ही जयपुर के विद्याधर नगर, भांकरोटा, जगतपुरा और मानसरोवर में फ्लैट किराए पर भी लिए थे.