जयपुर. राजधानी में गुरुवार को गिरफ्तार किए गए शातिर वाहन चोरों ने पूछताछ के दौरान गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में खुलासा किया. साथ ही बताया कि वह राजधानी के जवाहर सर्किल और उसके आस-पास के इलाके से वाहन चुराते और फिर उन्हें लेकर दौसा पहुंचाते. दौसा पहुंचाने के बाद चुराए गए वाहनों को अलवर के मेवात इलाके में जाकर बेचने का काम किया जाता.
गैंग के सदस्य मेवात में ग्रामीण इलाकों में जाकर महज 2 हजार से लेकर 5 हजार रुपए में चुराए गए वाहनों को बेच दिया करते. पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए गैंग के सदस्य चुराए गए वाहनों को उन इलाकों में बेचा करते थे, जहां पर पुलिस की पहुंच न हो.
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फिलहाल जिन लोगों को चोरी के वाहन गैंग के सदस्यों द्वारा बेचे गए है. उनके बारे में भी पुलिस जानकारी जुटा रही है. इसके साथ ही गैंग के सदस्य अन्य किन-किन लोगों के संपर्क में थे. इसकी भी जानकारी पुलिस जुटा रही है. गौरतलब है कि पुलिस ने प्रमोद मीणा, राहुल मीणा और रूप सिंह नामक तीन शातिर वाहन चोरों को गिरफ्तार किया है. जिनसे पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं.