जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति सचिवालय के बाहर सोमवार को कुलपति के गुमशुदा होने के पोस्टर लगाए गए. इन पोस्टर पर लिखा गया, 'आवश्यक सूचना : गुमशुदा की तलाश, नाम - राजीव जैन, कुलपति राजस्थान विश्वविद्यालय, रंग - गेहुआं, हाइट - 5 फीट 7 इंच, बाल - काले, शिक्षा सत्र में पिछले कई दिनों से वीसी राजीव जैन दिखाई नहीं दे रहे हैं. कहीं दिखे तो कृपया बताएं. राजस्थान विश्वविद्यालय की छात्र शक्ति अनाथ होने के कगार पर है.' निवेदक में समस्त छात्र शक्ति का जिक्र किया गया. यही नहीं, कुलपति सचिवालय के बाहर ही 'रघुपति राघव राजा राम' भजन गाते हुए शांति पाठ भी किया गया. इस दौरान छात्र नेता हरफूल चौधरी ने श्रीमद्भगवद्गीता और गुलाब के फूल के साथ चीफ प्रॉक्टर को मांगों का ज्ञापन सौंपा.
छात्रसंघ चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले छात्र नेताओं का शक्ति प्रदर्शन का दौर जारी है. इस क्रम में मंगलवार को छात्र नेता हरफूल चौधरी ने यूनिवर्सिटी कैंपस में रैली निकालते हुए कुलपति सचिवालय का घेराव किया और यहां कुलपति के गुमशुदा होने के पोस्टर लहराए. हरफूल ने कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति छात्रों से मिलते नहीं. जब भी मांगों का ज्ञापन लेकर पहुंचे हैं तो उसे स्वीकार नहीं करते. चीफ प्रॉक्टर एचएस पलसानिया छात्रों से ज्ञापन लेते हैं और उसे डस्टबिन में डाल देते हैं.
उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों और फौजियों के बच्चों के लिए स्टेट पॉलिसी में 3% रिजर्वेशन का प्रावधान है, लेकिन इसका लाभ उन्हें नहीं मिलता. इस प्रस्ताव को सिंडिकेट में ही नहीं रखा गया. डिपार्टमेंट में विभागाध्यक्षों की मनमानी चल रही है. उन्होंने कहा कि पहले उग्र प्रदर्शन किए तो राजकार्य में बाधा के मुकदमे लगा दिया. इसलिए इस बार गांधीवादी तरीके से 'रघुपति राघव राजा राम' भजन गाते हुए शांति पाठ किया गया है. चीफ प्रॉक्टर को पवित्र ग्रंथ गीता की भी शपथ दिलाई है.
हरफूल ने कटाक्ष करते हुए कहा कि छात्रों की ओर से इस विश्वविद्यालय प्रशासन को जितने ज्ञापन दिए हुए हैं कि उसकी रद्दी बेचकर आधी आय हो सकती है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आज मांगें मानी जाती हैं तो ठीक, अन्यथा छात्र पुराने रास्ते पर ही उतरेंगे. उन्होंने कहा कि ये विश्वविद्यालय के लिए विडंबना की बात है कि कुलपति सीट पर नहीं मिलते हैं जो सरकार की ओर से तय किए गए रजिस्ट्रार हैं, उन्होंने ज्वाइन नहीं किया और उनका दोबारा ट्रांसफर कर दिया गया. ऐसे में छात्र अपनी पीड़ा किसके सामने रखें.