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जयपुर ब्लास्ट में किसी का सुहाग उजड़ा तो किसी ने भाई खोया लेकिन इस सरकार ने उनकी चीखें नहीं सुनी: वसुंधरा - Rajasthah hindi news

जयपुर ब्लास्ट मामले में आरोपियों के बरी होने पर गहलोत सरकार पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने निशाना साधा है. वहीं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी हमला बोला है.

Vasundhara target Gehlot on Jaipur serial blast
Vasundhara target Gehlot on Jaipur serial blast
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Published : Apr 1, 2023, 9:51 PM IST

जयपुर. जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों को हाईकोर्ट से बरी किए जाने के बाद अब भले गहलोत सरकार इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात करे, लेकिन कोर्ट में हुई कमजोर पैरवी ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. बीजेपी लगातार इस मुद्दे पर हमलावर है. एक तरफ विपक्ष की ओर से गहलोत सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी गहलोत सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई है. वसुंधरा ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि किसी का सुहाग उजड़ा तो किसी का भाई जुदा हुआ लेकिन उनकी चीखें इस सरकार को सुनाई नहीं दे रहीं.

कांग्रेस सरकार ने ढंग से पैरवी नहीं की
पूर्व सीएम और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुन्धरा राजे ने कहा है कि मई 2008 में गुलाबी नगरी को रक्त रंजित कर 71 लोगों की जान लेने और कई लोगों को अपाहिज बनाने वाले हाईकोर्ट से बरी कर दिए गए हैं. जयपुर बम ब्लास्ट मामले में कांग्रेस सरकार की ओर से कमजोर पैरवी उसी का परिणाम है. राजे ने कहा कि घटना के बाद आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ने इसकी ज़िम्मेदारी ली थी. ऐसे गम्भीर प्रकरण को सरकार ने जानबूझ कर हल्के में लिया वरना निचली अदालत का फ़ैसला बरकरार रहता.

पढ़ें. BJP on Jaipur Serial Blast: गहलोत सरकार के खिलाफ ब्लास्ट पीड़ितों संग 1 अप्रैल से मोर्चा खोलेगी भाजपा

अतिरिक्त महाअधिवक्ता ने पैरवी ही नहीं की
राजे ने कहा कि इस केस में तो सरकार के अतिरिक्त महाअधिवक्ताओं ने कई दिनों तक मामले में पैरवी ही नहीं की. कहीं सरकार के इशारे पर तो ऐसा नहीं हुआ? उन्होंने कहा कि आज उन परिवारों पर क्या बीत रही होगी जिनके अपने उस वक्त हुए धमाकों में जान गंवा चुके हैं. किसी का सुहाग उजड़ा तो किसी का भाई जुदा हो गया. किसी का पिता, किसी की मां, किसी की बहन, किसी के बच्चे इस हादसे में चल बसे. क्या उनकी चीखें इस सरकार के कानों तक नही पहुंच रहीं. कहीं सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीति के चलते तो ऐसा नहीं किया? पूर्व सीएम ने कहा कि इस प्रकरण में सरकार ही पूरी तरह दोषी है. जयपुर में हुए बम ब्लास्ट के आरोपी भले ही बरी हो गए हों, लेकिन जनता समय आने पर इस सरकार को जवाब देगी.

पढ़ें. Jaipur Serial Blast Case : हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी गहलोत सरकार

पढ़ें. जयपुर सीरियल ब्लास्ट: हाईकोर्ट ने बचाव पक्ष की ओर से जांच में लापरवाही को लेकर पेश दलीलों को माना सही

पढ़ें. जयपुर सीरियल ब्लास्ट: सभी आरोपी हाईकोर्ट से बरी, ट्रायल कोर्ट ने सुनाई थी फांसी की सजा

एक अतिरिक्त महाधिवक्ता की सेवाएं समाप्त कर देने से क्या होगा?
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत में जयपुर ब्लास्ट में सभी आरोपियों के बरी होने पर अशोक गहलोत सरकार पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि एक अतिरिक्त महाधिवक्ता की सेवाएं समाप्त कर देने से क्या होगा? सरकार, प्रशासन, मंत्री सब आपके तो राजस्थान की जनता के प्रति जवाबदेही भी तो आप ही की होगी. जब न्याय दिलाना था, तब सोए रहे और अब सुप्रीम कोर्ट का नाम लेकर बच रहे हैं. क्या कहें? अब तो निंदा शब्द भी छोटा है. इससे पहले, शेखावत ने कहा था कि जयपुर बम धमाके के सभी आरोपियों का बरी हो जाना बताता है कि कांग्रेस न्याय नहीं वोट देख रही है. विस्फोट में 71 निर्दोष लोगों की जान गई, लेकिन गहलोत सरकार ने तुष्टीकरण को चुना, जिसका सबसे बड़ा प्रमाण है कि सरकार के वकील सुनवाई में ही नहीं गए और ये पहली बार नहीं हुआ. यही कांग्रेस की सियासत है.

जयपुर. जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों को हाईकोर्ट से बरी किए जाने के बाद अब भले गहलोत सरकार इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात करे, लेकिन कोर्ट में हुई कमजोर पैरवी ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. बीजेपी लगातार इस मुद्दे पर हमलावर है. एक तरफ विपक्ष की ओर से गहलोत सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी गहलोत सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई है. वसुंधरा ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि किसी का सुहाग उजड़ा तो किसी का भाई जुदा हुआ लेकिन उनकी चीखें इस सरकार को सुनाई नहीं दे रहीं.

कांग्रेस सरकार ने ढंग से पैरवी नहीं की
पूर्व सीएम और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुन्धरा राजे ने कहा है कि मई 2008 में गुलाबी नगरी को रक्त रंजित कर 71 लोगों की जान लेने और कई लोगों को अपाहिज बनाने वाले हाईकोर्ट से बरी कर दिए गए हैं. जयपुर बम ब्लास्ट मामले में कांग्रेस सरकार की ओर से कमजोर पैरवी उसी का परिणाम है. राजे ने कहा कि घटना के बाद आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन ने इसकी ज़िम्मेदारी ली थी. ऐसे गम्भीर प्रकरण को सरकार ने जानबूझ कर हल्के में लिया वरना निचली अदालत का फ़ैसला बरकरार रहता.

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अतिरिक्त महाअधिवक्ता ने पैरवी ही नहीं की
राजे ने कहा कि इस केस में तो सरकार के अतिरिक्त महाअधिवक्ताओं ने कई दिनों तक मामले में पैरवी ही नहीं की. कहीं सरकार के इशारे पर तो ऐसा नहीं हुआ? उन्होंने कहा कि आज उन परिवारों पर क्या बीत रही होगी जिनके अपने उस वक्त हुए धमाकों में जान गंवा चुके हैं. किसी का सुहाग उजड़ा तो किसी का भाई जुदा हो गया. किसी का पिता, किसी की मां, किसी की बहन, किसी के बच्चे इस हादसे में चल बसे. क्या उनकी चीखें इस सरकार के कानों तक नही पहुंच रहीं. कहीं सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीति के चलते तो ऐसा नहीं किया? पूर्व सीएम ने कहा कि इस प्रकरण में सरकार ही पूरी तरह दोषी है. जयपुर में हुए बम ब्लास्ट के आरोपी भले ही बरी हो गए हों, लेकिन जनता समय आने पर इस सरकार को जवाब देगी.

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एक अतिरिक्त महाधिवक्ता की सेवाएं समाप्त कर देने से क्या होगा?
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत में जयपुर ब्लास्ट में सभी आरोपियों के बरी होने पर अशोक गहलोत सरकार पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि एक अतिरिक्त महाधिवक्ता की सेवाएं समाप्त कर देने से क्या होगा? सरकार, प्रशासन, मंत्री सब आपके तो राजस्थान की जनता के प्रति जवाबदेही भी तो आप ही की होगी. जब न्याय दिलाना था, तब सोए रहे और अब सुप्रीम कोर्ट का नाम लेकर बच रहे हैं. क्या कहें? अब तो निंदा शब्द भी छोटा है. इससे पहले, शेखावत ने कहा था कि जयपुर बम धमाके के सभी आरोपियों का बरी हो जाना बताता है कि कांग्रेस न्याय नहीं वोट देख रही है. विस्फोट में 71 निर्दोष लोगों की जान गई, लेकिन गहलोत सरकार ने तुष्टीकरण को चुना, जिसका सबसे बड़ा प्रमाण है कि सरकार के वकील सुनवाई में ही नहीं गए और ये पहली बार नहीं हुआ. यही कांग्रेस की सियासत है.

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