जयपुर. एक दिसंबर को राजस्थान भारतीय जनता पार्टी मौजूदा अशोक गहलोत सरकार के 4 साल पूरा होने पर विरोध स्वरूप जन आक्रोश यात्रा निकालेगी. राज्य की सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में इस यात्रा के आगाज से पहले एक तरफ पार्टी एकजुटता का संदेश दे रही है, तो दूसरी ओर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को राजधानी में आयोजित होने वाली रैली में बुलाकर ताकत का जोहर भी दिखा रही है.
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के लिए राज्य में ताजपोशी के बाद और चुनाव से पहले यह सबसे (BJP Jan Akrosh Rally) बड़ा मौका है, लेकिन इस बीच कमल के कुनबे में सुलगती बगावत विधानसभा चुनाव से पहले कि 1 साल में भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनौतियां पेश करती हुई दिख रही है. साफ संकेत हैं कि जन आक्रोश यात्रा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके समर्थक समझे जाने वाले नेताओं की कोई खास दिलचस्पी नहीं है. यहां तक की डिजिटल मीडिया कैंपेन में भी राज्य और उनका गुट दूरी बनाए हुए हैं.
Twitter तो यही कहता है कि कुछ ठीक नहीं है : राजस्थान भाजपा के नेताओं ने जन आक्रोश यात्रा (Vasundhara group away from BJP Jan Akrosh Rally) से पहले नेशनल ट्रेंड के मुताबिक आपने सोशल मीडिया हैंडल की प्रोफाइल बदलने का काम किया. प्रदेश के ज्यादातर नेताओं ने अपने चेहरे को हटाकर जन आक्रोश यात्रा के स्लोगन वाले चित्र को ही प्रोफाइल पिक्चर पर लगा लिया.
इस कैंपेन के लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, भाजपा के संगठन महासचिव चंद्रशेखर, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, राष्ट्रीय प्रवक्ता कर्नल राज्यवर्धन सिंह और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया समेत राजेंद्र राठौड़ और अन्य प्रमुख नेताओं ने अपने ट्विटर प्रोफाइल की तस्वीर को बदलकर जन आक्रोश यात्रा की बैनर वाली तस्वीर को लगा दिया, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके सिपहसालार और करीबी नेता पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनमी, पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने अपने ट्विटर प्रोफाइल पर खुद की तस्वीरों को ही तरजीह दी. ऐसे में यह जाहिर हो रहा है कि राजस्थान भाजपा में फिलहाल अंदर अंतर्द्वंद की चिंगारियां सुलग रही हैं.
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सरदारशहर उपचुनाव हो या मेगा प्रेस कॉन्फ्रेंस, राजे रहीं नदारद : राजनीतिक यात्राओं और रैलियों की बातों (Jan Aakrosh Rally in Rajasthan) के बीच प्रदेश में सत्ता के सेमीफाइनल रूपी सरदारशहर की विधानसभा पर उपचुनाव होना है. जाहिर है कि कांग्रेस और बीजेपी शिद्दत के साथ इस उपचुनाव में जीत चाहती है, पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से स्टार कैंपेनर और प्रभावशाली नेता होने के बावजूद वसुंधरा राजे चुनाव मैदान के प्रचार में नजर नहीं आ रही हैं. न ही वसुंधरा राजे के करीबी किसी नेता को सरदार शहर में देखा गया है.
ऐसे में बीते दिनों आयोजित की गई जन आक्रोश यात्रा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी राज्य के प्रमुख नेताओं के बीच राजे का नदारद रहना चर्चा का मुद्दा रहा. मौजूदा दौर में वसुंधरा राजे की प्रदेश मुख्यालय से बढ़ती दूरियां कई तरह की राजनीतिक अटकलों को भी हवा दे रही है. ऐसे में जेपी नड्डा की मौजूदगी में सतीश पूनिया के लिए राजस्थान में पार्टी को एकजुट दिखाना एक बड़ी चुनौती साबित होने वाले हैं.
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क्या है भीलवाड़ा की स्थिति ? : भीलवाड़ा जिला भाजपा संगठन की ओर से जिले में जन आक्रोश यात्रा निकाली जाएगी. 2 दिसंबर से जिले की सात विधानसभा क्षेत्रों के लिए रथ शहर के सूचना केंद्र चौराहे से शुरू होंगे जो जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत, ढाणी व गांव में प्रदेश सरकार की विफलताओं को गिनाएंगे. वहीं, दिसंबर माह के अंतिम दिनों में प्रत्येक विधानसभा स्तर पर विशाल जन आक्रोश महासम्मेलन का आयोजन होगा.
भाजपा जिलाध्यक्ष लादू लाल तेली ने सोमवार को कहा कि पूरे प्रदेश में भाजपा की ओर से जन आक्रोश यात्रा निकाली जाएगी. यात्रा की शुरुआत 1 दिसंबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जयपुर में 200 विधानसभा के लिए 200 रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. प्रत्येक विधानसभा में एक-एक रथ घूमेगा. यह रथ जिले के सभी विधानसभा क्षेत्र में गांव, ढाणी व कस्बे में चौपाल करेगा. रथ के माध्यम से आम जनता को प्रदेश सरकार के हालात के बारे में बताया जाएगा. यात्रा का उद्देश्य आम जनता को राहत महसूस करवाना है.