जयपुर. प्रदेश में बच्चों और गर्भवती महिलाओं के शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. चिकित्सा विभाग की ओर से अब विशेष अभियान चलाते हुए स्लम, पेरीफेरी एरिया सहित ऐसे क्षेत्र जिनमें टीकाकरण का प्रतिशत कम है, उन्हें विशेष रूप से चिह्नित किया जाएगा. इस सम्बंध में मुख्य सचिव ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सहित संबंधित विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी है.
सीएस उषा शर्मा ने कहा कि टीकाकरण का 100 परसेंट लक्ष्य हासिल करने के साथ ही मिजल्स और रूबेला जैसी बीमारियों से प्रदेश को पूरी तरह मुक्त करना है. इसके लिए लोगों में जागरूकता लानी होगी. इसके लिए धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं, स्वयंसेवी संस्थाओं से सहयोग लेने के निर्देश दिए गए हैं. इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिए टीकाकरण की जानकारी घर-घर तक पहुंचाएं. टीकाकरण दिवस के दिन महिला पर्यवेक्षक सीडीपीओ और उच्च स्तरीय अधिकारी फील्ड विजिट करें. इसी तरह शिक्षा विभाग प्रार्थना सभा, बाल सभा और पैरंट्स मिटिंग में टीकाकरण की जानकारी प्रसारित करें.
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इसके साथ ही उन्होंने अल्पसंख्यक विभाग के जिला अल्पसंख्यक अधिकारियों को मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए. इस दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की एसीएस शुभ्रा सिंह ने बताया कि प्रदेश में पहले 7 से 12 अगस्त, फिर 11 से 16 सितम्बर और 9 से 14 अक्टूबर के बीच सघन टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा. इसे लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.
राजस्थान में जरूरत से बहुत कम हो रहा अंगदान, अब उठाया जा रहा ये कदम : अंगदान जीवनदान अभियान के जरिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेज के साथ-साथ समाज के प्रबुद्धजनों, जिला अस्पतालों और स्वयंसेवी संस्थाओं सहित विभिन्न संस्थानों को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा, ताकि आमजन को अंगदान के लिए प्रेरित किया जा सके और अनुदान के प्रति जनचेतना पैदा हो. इसके साथ ही सभी स्कूल, कॉलेज, ट्रॉमा सेन्टर, पुलिस विभाग सहित विभिन्न विभागों को इससे जोड़ा जाएगा.
इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की एसीएस शुभ्रा सिंह ने बताया कि राजस्थान में आवश्यकता से बहुत कम अंगदान हो रहा है, जो राष्ट्रीय औसत की तुलना में कम है. हालांकि, मेडिकल कॉलेजों में अंग प्रत्यारोपण यूनिट स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि प्रत्यारोपण की प्रक्रिया सहज और सुलभ हो. इसी को मद्देनजर रखते हुए अब अभियान चलाया जाएगा, ताकि जिन लोगों को अंगों की आवश्यकता है उन्हें अंग उपलब्ध हो सके. वहीं, चिकित्सा शिक्षा प्रमुख शासन सचिव टी. रविकांत ने सभी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य को इस कार्य को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए. साथ ही कहा कि अपने क्षेत्र के ऐसे लोगों को आगे लाए जिन्होंने अंगदान किया है. इन कार्यक्रमों से स्थानीय जनप्रतिनिधियों को जोड़ने के भी निर्देश दिए.
आपको बता दें कि 3 अगस्त को भारतीय अंगदान दिवस है. इसी दिन से अंगदान जीवनदान अभियान की शुरुआत की जाएगी, जिसमें 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को प्रदेश स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक अंगदान की शपथ दिलवाई जाएगी. साथ ही जो लोग अंगदान करना चाहते हैं, उनसे सहमति भी ली जाएगी. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी कैम्पेन चलाया जाएगा. अभियान में बेहतरीन कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया जाएगा. इसके साथ वर्कशॉप, रैली, साइकिल रैली, पोस्टर प्रतियोगिता जैसे आयोजन कर आंगनाबाड़ी-आशा, पुलिस के जवानों, कॉलेज के छात्रों सहित विभिन्न वर्गों को जोड़ा जाएगा.