जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-6 द्वितीय ने भूमि के फर्जी दस्तावेजों से जुड़े मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपी उपेन यादव को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने यह आदेश आरोपी के जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए दिए. निचली अदालत ने गत दिनों आरोपी के जमानत प्रार्थना (Upen Yadav gets Bail) पत्र को खारिज किया था. इस आदेश को एडीजे कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
प्रार्थना पत्र में कहा गया कि प्रकरण में वर्ष 2016 में उसके भाई के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था और वर्ष 2020 में आरोप पत्र भी पेश हो चुका है. प्रार्थी का न तो एफआईआर में नाम था और न ही आरोप पत्र में, फिर भी उसे आरोपी बनाया गया. ऐसे में उसे गिरफ्तार करने से पूर्व कोर्ट की अनुमति जरूरी थी, लेकिन मामले में अदालत से अनुमति नहीं ली गई. उसे राजनीतिक द्वेषता के चलते फंसाया गया है.
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यह है मामला : गौरतलब है कि मुख्य आरोपी मुकेश यादव ने जेडीए में फर्जी दस्तावेज पेश कर पार्श्वनाथ कॉलोनी में स्थित 320-320 वर्ग गज के (Case of issuing Fake lease of Land) प्लॉट के पट्टे जारी करवा लिए थे. इस षड्यंत्र में आरोपी उपेन यादव का भी सहयोग रहा. उसने जेडीए के बंध पत्रों पर अपने साइन किए थे. साल 2016 में मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें उसी समय उपेन यादव के भाई मुकेश यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. फिलहाल, वह जमानत पर बाहर हैं. जिसके बाद 20 नवंबर को श्याम नगर थाना पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में उपने यादव को गिरफ्तार किया.