जयपुर. जयपुर के निगम में पहली मर्तबा कांग्रेस का बोर्ड बना और वो भी अब पूरी तरह अस्थिर नजर आ रहा है. कांग्रेस के ही 37 पार्षदों ने महापौर मुनेश गुर्जर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. महापौर को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर पार्षदों ने पहले सीएम के नाम मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, विधायक अमीन कागजी और रफीक खान को ज्ञापन सौंपा. वहीं, सोमवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से गुहार लगाई और अब मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात करेंगे.
हैरिटेज नगर निगम क्षेत्र में आने वाले कांग्रेस के चार विधायकों में से तीन विधायक फिलहाल मुनेश गुर्जर के खिलाफ खड़े हैं. सिविल लाइंस, किशनपोल और आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र में आने वाले कांग्रेस के 37 पार्षदों ने महापौर को भ्रष्टाचार में लिप्त बताते हुए गिरफ्तारी की मांग की है. सोमवार को हैरिटेज निगम के 37 पार्षदों के साइन वाला ज्ञापन लेकर पार्षदों का प्रतिनिधि मंडल कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से मिला.
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पार्षदों के प्रतिनिधिमंडल ने डोटासरा से कहा कि मुनेश गुर्जर ने पूरी कांग्रेस को बदनाम कर दिया है. भ्रष्टाचार का वाकया छह बार एसीडी की रिकॉर्डिंग में सत्यापित हुआ है. बावजूद इसके आज तक एसीडी ने मुनेश गुर्जर की गिरफ्तारी नहीं किया. इसी वजह से सरकार की जीरो टॉलरेंस पर जनता सवाल उठा रही है. वहीं, कांग्रेस पार्षद मनोज मुद्गल ने कहा कि महापौर की गिरफ्तारी नहीं होने से जनता में गलत मैसेज जा रहा है, इसलिए महापौर को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और जिन 300 लोगों ने उनके खिलाफ एसीडी के पोर्टल पर सीधी शिकायतें दर्ज करवाई हैं, उनके पैसे उन्हें वापस दिलाई जाए. इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि महापौर के सभी लॉकरों की जांच की जाए और इन ढाई सालों में महापौर के साथ मिलकर भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाले सभी अधिकारी और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जाए.
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पार्षदों ने प्रदेश अध्यक्ष के सामने तर्क दिया कि महापौर ने कांग्रेस सरकार के निलंबन के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती देकर प्रोसीजर की मानवीय भूल से स्टे का फायदा उठाया है. महापौर कांग्रेस सरकार के आदेश के खिलाफ स्टे ले रही है, वो कांग्रेस की कभी भी सगी नहीं हो सकती. मामले पर डोटासरा ने मुख्यमंत्री तक पार्षदों की बात पहुंचाने को लेकर आश्वस्त किया.