जयपुर. आमेर के राजकीय बालिका विद्यालय में यूनेस्को की टीम पहुंचने पर काफी उत्साह देखने को मिला. स्कूल की छात्राओं ने राजस्थानी संस्कृति में यूनेस्को डायरेक्टर ऑफ जनरल ऑद्रे अजोले का स्वागत किया.
यूनेस्को डायरेक्टर ऑफ जनरल ऑद्रे अजोले इस स्वागत से बहुत खुश हुई और स्कूली छात्रा और अध्यापकों को गले लगाया. साथ ही यूनेस्को का प्रतिनिधि मंडल पहली बार सरकारी स्कूल में पहुंचने पर स्टाफ भी बहुत खुश नजर आया. एक छात्रा ने तो ऑद्रे अजोले का फोटो देखकर स्केच बनाकर भेंट भी किया. इसके लिए उन्होंने छात्रा के साथ फोटो भी खिंचवाई और उस स्केच पर ऑटोग्राफ भी किया.
ऑद्रे अजोले ने स्कूल में बच्चों से मुलाकात कर स्कूल स्टाफ के समक्ष कहा कि उन्हें अपने बचपन के दिन याद आ गए. उन्होंने स्कूली छात्राओं के साथ कक्षा में टेबल कुर्सी पर बैठकर बात भी की और उन्हें समझाया कि कि स्कूली समय बहुत ही मस्ती भरा होता है. इस समय छात्राएं मस्ती के साथ अपने जीवन का लक्ष्य भी तय करती हैं. स्कूल में छात्राओं की अलग-अलग कक्षा में जाकर यूनेस्को की टीम ने भ्रमण किया. इस दौरान उन्होंने एसयूपीडब्ल्यू कैंप में छात्राओं की तैयारियों को भी देखा.
यूनेस्को टीम ने स्कूल की छात्राओं के मेडिकल कैंप, ब्यूटी पार्लर और फोटो चित्र का स्केच भी देखा. यूनेस्को की टीम ने करीब 1 घंटे तक स्कूल में रही. ऑद्रे अजोले छात्राओं के आत्मरक्षा हुनर को देख अभिभूत हुईं और फोटो खिंचवाकर उनकी हौसला अफजाई की.
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भारत देश में विश्व विरासत को करीब 38 वर्ष हो चुके हैं. इससे पूर्व 2 साल पहले यूनेस्को की डीजी गुजरात का दौरा भी कर चुकी हैं. अब एक बार फिर से यूनेस्को की टीम का भारत में आना गौरवमई है. यह राजस्थान की गुलाबी नगरी के इतिहास में एक अध्याय जुड़ गया है. भारत का इतिहास बहुत पुराना रहा है. भारत का यूनेस्को के साथ बहुत पुराना मजबूत गहरा रिश्ता रहा है.