जयपुर. राजस्थान में सरपंच बीते 20 अप्रैल से अपनी मांगों को लेकर पंचायतों में तालाबंदी करके बैठे हैं. साथ ही राज्य सरकार के महंगाई राहत कैंपों का बहिष्कार कर रहे हैं. लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद अब तक राज्य सरकार और सरपंचों के बीच वार्ता पटरी पर नहीं बैठी है. ऐसे में अब सरपंचों ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष और राजस्थान स्टेट एग्रो के अध्यक्ष रामेश्वर डूडी का रुख किया. रविवार रात को एक गुट और सोमवार को दूसरा गुट जब समान मांगों को लेकर रामेश्वर डूडी के पास पहुंचा तो डूडी ने साफ कहा कि जब तक सरपंच एकजुट होकर अपनी मांगे सरकार के सामने नहीं रखेंगे तब तक लगता नहीं है कि उनकी मांगों पर सुनवाई होगी.
वहीं, डूडी के कहने का असर भी सरपंचों पर दिखाई दिया और सोमवार शाम होते-होते दोनों सरपंच संघ एकजुट हो गए. अब सरकार के सामने अपनी मांगे ये दोनों गुट मिलकर रखेंगे. दोनों गुटों की आपसी चर्चा के बाद सरपंचों ने 30 सदस्य कमेटी बनाई है और अब ये लड़ाई सरपंच संयुक्त होकर लड़ेंगे.
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मीडिया से बात करते हुए रामेश्वर डूडी ने कहा कि पूरे राजस्थान में पंचायतों की सबसे बड़ी दिक्कत और समस्या यह है कि ग्राम पंचायतों का पैसा काम करने के बावजूद उन्हें नहीं मिल रहा है. जिससे पंचायतें लेबर और मटेरियल का पैसा भुगतान नहीं कर पा रही है. डूडी ने सरपंचों को भरोसा दिलाया कि वो इस मामले में मुख्यमंत्री और पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा से बात करेंगे और सरपंचों की जायज मांगों को पूरा करवाने का प्रयास करेंगे.