जयपुर. साहित्य और साहित्यकारों को एक नया मंच उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार की ओर से अनोखी पहल की गई है. पर्यटन विभाग की ओर से 'शहरनामा: कहानी अपने शहरों की' का आयोजन कराया जा रहा है. जिसमें जयपुर, जोधपुर, पुष्कर, दिल्ली, भोपाल और लखनऊ जैसे शहरों पर किताब लिखने वाले लेखक अपने-अपने शहरों से जुड़ी यादें, किस्से, विरासत और कला-संस्कृति के बारे में बात किए. साहित्य के इस उत्सव का आगाज सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ हुआ, जो आगामी 20 फरवरी तक चलेगा.
जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के बाद भारतीय साहित्यकारों और लेखकों को एक नया मंच उपलब्ध कराया गया है. प्रभा खेतान फाउंडेशन की ओर से 19 व 20 फरवरी को गुलाबी नगरी के एक पांच सितारा होटल में दो दिवसीय साहित्योत्सव का आगाज हुआ. पर्यटन विभाग के सहयोग से देश के ख्यातनाम शहरों पर किताबें लिखने वाले लेखकों से चर्चा की गई. आयोजकों ने बताया कि इस तरह के आयोजनों से देशभर में विभिन्न शहरों के लोगों को एक-दूसरे से जुड़ने का मौका मिलता है. साथ ही पर्यटन के दौरान उन्हें कोई भी शहर अनजाना नहीं लगेगा. साहित्य के इस उत्सव में श्रोताओं को देश के विभिन्न शहरों के इतिहास, परंपरा, लोकोक्तियां और ऐतिहासिक स्थलों के बारे में जानने का भी मौका मिलेगा.
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वहीं, पर्यटन विभाग के अधिकारियों की मानें तो विभाग लोक संस्कृति, विरासत और परंपराओं को सहेजने के साथ ही लोक कलाकारों और देशी-विदेशी पर्यटन को बढ़ावा देने में जुटा है. सरकार का प्रयास है कि कोरोना काल में लोक कलाकारों की बिगड़ी आर्थिक स्थिति को सुधारा जाए. यही कारण है कि इस बजट में लोक कलाकारों के लिए कलैंडर ईयर में 100 दिन के रोजगार की व्यवस्था की गई है.
बता दें कि शहरनामा में दो दिन में करीब 20 सत्र होने हैं. जिसमें फैजल अलकाजी, डॉ. संदीप पुरोहित, महक माहेश्वरी, वर्तुल सिंह, अभय के, अनूठी विशाल, मेहरू जफर, मिहिर वत्स, अदिति दुग्गड, मनीष मल्होत्रा, हिमांशु बाजपेई, यतींद्र मिश्रा, सुतापा मुखर्जी, जितेंद्र दीक्षित, सलमान चिश्ती, अनंत विजय, आलोक श्रीवास्तव, रशीद किदवई, अनीसुर रहमान, सुधा सदानंद, तृप्ति पांडे, अधिरजा रायचौधरी, अमनदीप संधु, स्वप्ना लिंडले, आशुतोष पोद्दार, संदेश भंडारी, प्रो. विनोद शास्त्री, जितेंद्र सिंह शेखावत, स्मिता भारद्वाज, मोजेज सिंह और लक्ष्मीप्रसाद पंत जैसे लेखक व साहित्यकार विभिन्न सत्रों में चर्चा करेंगे.