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Special : सर्दियों में बढ़ते हैं त्वचा रोग...जानिए आयुर्वेद में क्या है इलाज

प्रदेश में सर्द हवाओं के चलते तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. इसी के साथ सर्दियों के दौरान होने वाली बीमारियों के मामलों में भी बढ़ोतरी हो रही है. खासकर त्वचा संबंधी बीमारियों के मामले सबसे अधिक सर्दियों के मौसम में देखने को मिलते हैं. हालांकि, त्वचा संबंधी रोगों से छुटकारा पाने के लिए घरेलू और आयुर्वेदिक दोनों ही उपचार अपनाए जा सकते हैं. पेश है जयपुर से खास रिपोर्ट...

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सर्दियों में बढ़ते हैं चर्म रोग
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Published : Nov 24, 2020, 7:04 PM IST

जयपुर. सर्दियों में जिन लोगों को चर्मरोग से संबंधित बीमारियां होती हैं, यह खबर उनके लिए विशेष है. साथ ही सर्दियों के मौसम में त्वचा के रूखेपन से अगर आप परेशान रहते हैं तो आयुर्वेद में इसके लिए खास इलाज है. इस खबर में आप चिकित्सक द्वारा बताए कुछ घरेलू नुस्खे भी अपना सकते हैं.

सर्दियों में बढ़ जाते हैं चर्म रोग

त्वचा संबंधी रोगों को लेकर आयुर्वेद चिकित्सक श्याम नारायण शर्मा का कहना है कि सर्दियों के मौसम में त्वचा आमतौर पर रूखी हो जाती है. ऐसे में त्वचा संबंधी रोग सबसे अधिक देखने को मिलते हैं. डॉ. श्याम नारायण का कहना है कि त्वचा सर्दियों के मौसम में जब रूखी हो जाती है तो खुजली, दाद और कुष्ठ रोग तक हो सकता है. ऐसे में आयुर्वेद में कई तरह के उपचार त्वचा संबंधी रोगों के लिए बताए गए हैं. उनका कहना है कि कई ऐसी दवाइयां आयुर्वेद में है, जिनके उपयोग से त्वचा के रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है

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सर्दियों में बढ़ जातें हैं त्वचा रोग

सोरायसिस बीमारी सबसे अधिक...

आयुर्वेद चिकित्सक श्याम नारायण का कहना है कि आमतौर पर सर्दियों के मौसम में त्वचा की नमी कम हो जाती है और ऐसे में सोरायसिस नाम की बीमारी मरीजों को घेर लेती है. उन्होंने बताया कि सोरायसिस बीमारी के दौरान शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना शुरू हो जाते हैं. इसके अलावा कोहनी, घुटने और शरीर के कुछ हिस्सों पर सबसे अधिक इस बीमारी का असर देखने को मिलता है.

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त्वचा रोगों के लिए आयुर्वेद में इलाज

कई बार इस बीमारी के चलते जलन भी मरीज को महसूस होने लगती है. हालांकि इस बीमारी का उपचार आयुर्वेद में बताया गया है. आयुर्वेद चिकित्सक का कहना है कि सही समय पर इलाज कराया जाए तो इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है. सर्दियों के मौसम में त्वचा रूखी पड़ जाती है तो कई बार स्वस्थ मरीजों को घी का अधिक से अधिक सेवन करने को कहा जाता है ताकि त्वचा में नरमी आ सके.

पढ़ें- हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना का सभी निभाएं दायित्व, चिकित्साकर्मियों को वैक्सीन प्राथमिकता में सबसे ऊपर रखा जाए : CM गहलोत

इन दवाओं से उपचार संभव...

आयुर्वेद चिकित्सकों का कहना है कि आयुर्वेद में त्वचा संबंधी बीमारियों का इलाज है. आयुर्वेद चिकित्सालय आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग करते हुए कुछ दवाइयां तैयार करता है जो त्वचा संबंधी रोगों में काम आती हैं. इसके लिए कई रसायनशाला बनाई गई हैं, जहां इन त्वचा संबंधी दवाइयों को तैयार किया जाता है.आयुर्वेद चिकित्सकों का कहना है कि आमतौर पर सोमराजी तेल, खदिरारिष्ट, महामारिचयादी तेल, शुद्ध गंधक और हरिद्रा खंड नाम की कुछ आयुर्वेद दवाएं सामान्य त्वचा रोगों में उपयोग में ली जा सकती हैं. चिकित्सकों का कहना है कि दवाइयों के उपयोग से पहले एक बार चिकित्सक की राय जरूर ली जानी चाहिए.

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आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति है चर्मरोग में कारगर

घरेलू नुस्खे...

आयुर्वेद चिकित्सकों का कहना है कि घरेलू नुस्खों से भी सामान्य खुजली जैसी बीमारी से निजात पाया जा सकता है.आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. श्याम नारायण शर्मा का कहना है कि सामान्य खुजली में शरीर की तेल से मालिश करनी चाहिए. इसके लिए सरसों या तिल्ली के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करने से काफी राहत मिलती है. इसके अलावा हल्दी की पीठी बनाकर भी खुजली वाले स्थान पर लगाया जा सकता है, जिससे काफी राहत मिलती है.

जयपुर. सर्दियों में जिन लोगों को चर्मरोग से संबंधित बीमारियां होती हैं, यह खबर उनके लिए विशेष है. साथ ही सर्दियों के मौसम में त्वचा के रूखेपन से अगर आप परेशान रहते हैं तो आयुर्वेद में इसके लिए खास इलाज है. इस खबर में आप चिकित्सक द्वारा बताए कुछ घरेलू नुस्खे भी अपना सकते हैं.

सर्दियों में बढ़ जाते हैं चर्म रोग

त्वचा संबंधी रोगों को लेकर आयुर्वेद चिकित्सक श्याम नारायण शर्मा का कहना है कि सर्दियों के मौसम में त्वचा आमतौर पर रूखी हो जाती है. ऐसे में त्वचा संबंधी रोग सबसे अधिक देखने को मिलते हैं. डॉ. श्याम नारायण का कहना है कि त्वचा सर्दियों के मौसम में जब रूखी हो जाती है तो खुजली, दाद और कुष्ठ रोग तक हो सकता है. ऐसे में आयुर्वेद में कई तरह के उपचार त्वचा संबंधी रोगों के लिए बताए गए हैं. उनका कहना है कि कई ऐसी दवाइयां आयुर्वेद में है, जिनके उपयोग से त्वचा के रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है

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सर्दियों में बढ़ जातें हैं त्वचा रोग

सोरायसिस बीमारी सबसे अधिक...

आयुर्वेद चिकित्सक श्याम नारायण का कहना है कि आमतौर पर सर्दियों के मौसम में त्वचा की नमी कम हो जाती है और ऐसे में सोरायसिस नाम की बीमारी मरीजों को घेर लेती है. उन्होंने बताया कि सोरायसिस बीमारी के दौरान शरीर पर लाल चकत्ते पड़ना शुरू हो जाते हैं. इसके अलावा कोहनी, घुटने और शरीर के कुछ हिस्सों पर सबसे अधिक इस बीमारी का असर देखने को मिलता है.

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त्वचा रोगों के लिए आयुर्वेद में इलाज

कई बार इस बीमारी के चलते जलन भी मरीज को महसूस होने लगती है. हालांकि इस बीमारी का उपचार आयुर्वेद में बताया गया है. आयुर्वेद चिकित्सक का कहना है कि सही समय पर इलाज कराया जाए तो इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है. सर्दियों के मौसम में त्वचा रूखी पड़ जाती है तो कई बार स्वस्थ मरीजों को घी का अधिक से अधिक सेवन करने को कहा जाता है ताकि त्वचा में नरमी आ सके.

पढ़ें- हेल्थ प्रोटोकॉल की पालना का सभी निभाएं दायित्व, चिकित्साकर्मियों को वैक्सीन प्राथमिकता में सबसे ऊपर रखा जाए : CM गहलोत

इन दवाओं से उपचार संभव...

आयुर्वेद चिकित्सकों का कहना है कि आयुर्वेद में त्वचा संबंधी बीमारियों का इलाज है. आयुर्वेद चिकित्सालय आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग करते हुए कुछ दवाइयां तैयार करता है जो त्वचा संबंधी रोगों में काम आती हैं. इसके लिए कई रसायनशाला बनाई गई हैं, जहां इन त्वचा संबंधी दवाइयों को तैयार किया जाता है.आयुर्वेद चिकित्सकों का कहना है कि आमतौर पर सोमराजी तेल, खदिरारिष्ट, महामारिचयादी तेल, शुद्ध गंधक और हरिद्रा खंड नाम की कुछ आयुर्वेद दवाएं सामान्य त्वचा रोगों में उपयोग में ली जा सकती हैं. चिकित्सकों का कहना है कि दवाइयों के उपयोग से पहले एक बार चिकित्सक की राय जरूर ली जानी चाहिए.

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आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति है चर्मरोग में कारगर

घरेलू नुस्खे...

आयुर्वेद चिकित्सकों का कहना है कि घरेलू नुस्खों से भी सामान्य खुजली जैसी बीमारी से निजात पाया जा सकता है.आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. श्याम नारायण शर्मा का कहना है कि सामान्य खुजली में शरीर की तेल से मालिश करनी चाहिए. इसके लिए सरसों या तिल्ली के तेल में कपूर मिलाकर मालिश करने से काफी राहत मिलती है. इसके अलावा हल्दी की पीठी बनाकर भी खुजली वाले स्थान पर लगाया जा सकता है, जिससे काफी राहत मिलती है.

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