रैनवाल/जयपुर. डीएफसी के असिंसटेंट मैनेजर वीके गुप्ता ने बताया कि रिकार्डिग कर (टीआरसी) द्वारा रेवाड़ी से मदार तक ट्रैक का परीक्षण किया जा रहा है. ट्रेन में लगी मशीन से लाइन की क्वालिटी और कैपेसिटी की जांच की जा रही है. यह लाइन का अंतिम चरण का काम है. एक दिसंबर से रेवाड़ी से मदार वाया फुलेरा तक के इस ट्रैक पर मालगाडियां दौड़ने लगेंगी.
DFC (डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में देश भर में 82000 करोड़ की लागत से करीब 34 हजार किलोमीटर के दो फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण चल रहा है. जिसमें दिल्ली-मुंबई तक बनने वाला फ्रेट कॉरिडोर का कार्य वर्ष 2012 में शुरू हुआ था. भूमि अधिगृहण और मुआवजा के निस्तारण में काफी समय इसमें लग गया जिसके बाद तेज गति से काम हो रहा है.
पूरी कॉरिडोर पर दिल्ली से मुंबई के बीच तेज गति से डबल-डेकर गाडियां चलेगी. दिल्ली से मुंबई के बीच की कॉरिडोर में कहीं भी रेलवे फाटक नहीं होगा. इसके लिए अंडरपास या ओवरब्रिज बनेंगे. मालगाडियां केवल निश्चित स्थानों पर ही रूकेंगी. डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण एलएंडटी कंपनी द्वारा किया जा रहा है.