जयपुर. राजस्थान के उल्लासमय लोक सांस्कृतिक पर्व तीज गुरुवार यानि की आज मनाई जाएगी. हिंदी पंचांग के अनुसार हरियाली तीज श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. इस दिन मां पार्वती का भगवान शिव से पुनर्मिलन हुआ था इसलिए नव विवाहिताएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और माता पार्वती और भगवान शिव की विधि पूर्वक आराधना करती है.
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इसी प्रकार अमृत काल दोपहर 3 बजकर 30 मिनट से 5 बजे तक रहेगा. वहीं विजय मुहूर्त दोपहर 2:45 मिनट से 3.40 मिनट तक होगा. बता दे कि, गुरुवार को ही दोपहर 2:10 मिनट से दोपहर 3:52 मिनट तक राहुकाल रहेगा. हालांकि शिव शक्ति की पूजा में राहुकाल का दोष नहीं माना जाता है.
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लोक पर्व तीज पर सोलह श्रृंगार में नव विवाहिताएं शुभ मुहूर्त में व्रत रखती है और माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ की पूजा करती हैं. आज के दिन सुहागिन महिलाएं स्नानादि से निवृत्त होकर मायके से आए हुए नए कपड़े पहनती है. पंडित के अनुसार पूजा के शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर माता पार्वती, भगवान शिव के साथ गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए. फिर माता पार्वती को सोलह श्रंगार की सामग्री लहरिया, आभूषण, अक्षत धूप दीप आदि अर्पित करें, फिर भगवान भोलेनाथ को भांग, धतूरा, अक्षत, बेलपत्र, श्वेत फूल, वस्त्र चढ़ाकर प्रथम पूजनीय भगवान गणेश जी की पूजा करें. इसके बाद हरियाली तीज की कथा सुन भगवान शिव और माता पार्वती की आरती कर पति के दीर्घायु की कामना करें.