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रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार

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Published : May 10, 2021, 10:47 PM IST

जयपुर पुलिस ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. मामले में कुछ डॉक्टर्स के भी शामिल होने की बात सामने आ रही है जिसके बारे में पुलिस अब जानकारी जुटा रही है.

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रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार

जयपुर. प्रदेश में लगातार कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है. कोरोना काल के दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी भी जमकर हो रही है. जयपुर पुलिस ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन कालाबाजारी करने के मामले में तीन मेल नर्सों को गिरफ्तार किया है. जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की सीएसटी टीम ने शिप्रा पथ थाना पुलिस के सहयोग से कार्रवाई को अंजाम दिया है.

पुलिस ने इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के मामले में आरोपी दिनेश खटीक राकेश प्रजापत और सोनू मीणा को गिरफ्तार किया है. डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद के निर्देशन में कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. जानकारी के मुताबिक आरोपी दिनेश न्यू सांगानेर रोड स्थित स्पर्श हॉस्पिटल में मेल नर्स है. सोनू निगम मानसरोवर स्थित टैगोर हॉस्पिटल में मेल नर्स है और राकेश प्रजापत होम केयर मेल नर्स है.

डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद के मुताबिक सीएसटी टीम को सूचना मिली थी कि मानसरोवर में एक युवक रेमडेसीविर इंजेक्शन बेच रहा है. सूचना पर पुलिस की स्पेशल टीम का गठन किया गया. शिप्रा पथ थाना अधिकारी महावीर सिंह राठौड़ और इंस्पेक्टर रविंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में स्पेशल टीमों का गठन किया गया.

पुलिस की स्पेशल टीमें टैगोर हॉस्पिटल के पास पहुंची, जहां पर राकेश को पकड़ा तो उसके पास इंजेक्शन बरामद हुए. आरोपी राकेश से पूछताछ की गई तो जानकारी नहीं आया कि इंजेक्शन दिनेश से लिए गए हैं. वह 30 हजार प्रति इंजेक्शन के हिसाब से बेचने के लिए आया है.

इस पूरे मामले में प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों की मिलीभगत की भी आशंका जताई जा रही है आरोपी दिनेश से पूछताछ में सामने आया कि सोनू नाम का आरोपी भी इसमें शामिल है. इसके बाद सोनू को भी पकड़ा गया. आरोपियों के मोबाइल फोन में 10 दिन की चैट मिली है. जिसमें गिरोह की इंजेक्शन और ऑक्सीजन खरीद बिक्री की बातें हुई है.

ये भी पढ़ें: जोधपुर: तलवार से पत्नी की गर्दन काटकर थाने पहुंचा पति, कहा- मार डाला

गिरोह से शहर के कई प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर भी जुड़े हुए हैं इसके बारे में भी पूछताछ की जा रही है. आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि इंजेक्शन कुछ समय पहले प्राइवेट हॉस्पिटल से लिए गए हैं इसके बाद इंजेक्शन पर सरकार ने सख्ती कर दी तो पैसे बढ़ाकर बेच रहे हैं.

पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया है कि आरोपियों ने रेमडेसीविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन बेचने के लिए प्राइवेट अस्पताल में काम करने वाले मेल नर्स और कर्मचारियों ने एक गिरोह बना रखा है. जिसमें कुछ लोग इंजेक्शन और ऑक्सीजन की व्यवस्था करते हैं, और कुछ लोग जरूरतमंद लोगों की तलाश करके इसे बेचने का काम कर रहे हैं.

जयपुर. प्रदेश में लगातार कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है. कोरोना काल के दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी भी जमकर हो रही है. जयपुर पुलिस ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन कालाबाजारी करने के मामले में तीन मेल नर्सों को गिरफ्तार किया है. जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की सीएसटी टीम ने शिप्रा पथ थाना पुलिस के सहयोग से कार्रवाई को अंजाम दिया है.

पुलिस ने इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के मामले में आरोपी दिनेश खटीक राकेश प्रजापत और सोनू मीणा को गिरफ्तार किया है. डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद के निर्देशन में कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. जानकारी के मुताबिक आरोपी दिनेश न्यू सांगानेर रोड स्थित स्पर्श हॉस्पिटल में मेल नर्स है. सोनू निगम मानसरोवर स्थित टैगोर हॉस्पिटल में मेल नर्स है और राकेश प्रजापत होम केयर मेल नर्स है.

डीसीपी क्राइम दिगंत आनंद के मुताबिक सीएसटी टीम को सूचना मिली थी कि मानसरोवर में एक युवक रेमडेसीविर इंजेक्शन बेच रहा है. सूचना पर पुलिस की स्पेशल टीम का गठन किया गया. शिप्रा पथ थाना अधिकारी महावीर सिंह राठौड़ और इंस्पेक्टर रविंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में स्पेशल टीमों का गठन किया गया.

पुलिस की स्पेशल टीमें टैगोर हॉस्पिटल के पास पहुंची, जहां पर राकेश को पकड़ा तो उसके पास इंजेक्शन बरामद हुए. आरोपी राकेश से पूछताछ की गई तो जानकारी नहीं आया कि इंजेक्शन दिनेश से लिए गए हैं. वह 30 हजार प्रति इंजेक्शन के हिसाब से बेचने के लिए आया है.

इस पूरे मामले में प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों की मिलीभगत की भी आशंका जताई जा रही है आरोपी दिनेश से पूछताछ में सामने आया कि सोनू नाम का आरोपी भी इसमें शामिल है. इसके बाद सोनू को भी पकड़ा गया. आरोपियों के मोबाइल फोन में 10 दिन की चैट मिली है. जिसमें गिरोह की इंजेक्शन और ऑक्सीजन खरीद बिक्री की बातें हुई है.

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गिरोह से शहर के कई प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर भी जुड़े हुए हैं इसके बारे में भी पूछताछ की जा रही है. आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि इंजेक्शन कुछ समय पहले प्राइवेट हॉस्पिटल से लिए गए हैं इसके बाद इंजेक्शन पर सरकार ने सख्ती कर दी तो पैसे बढ़ाकर बेच रहे हैं.

पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया है कि आरोपियों ने रेमडेसीविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन बेचने के लिए प्राइवेट अस्पताल में काम करने वाले मेल नर्स और कर्मचारियों ने एक गिरोह बना रखा है. जिसमें कुछ लोग इंजेक्शन और ऑक्सीजन की व्यवस्था करते हैं, और कुछ लोग जरूरतमंद लोगों की तलाश करके इसे बेचने का काम कर रहे हैं.

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