जयपुर. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी की 136 दिन चली भारत जोड़ो यात्रा में उन्होंने 4080 किलोमीटर पैदल सफर तय किया. इस सफर में उनके साथ राजस्थान के भी 13 जनप्रतिनिधि शामिल हुए. प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में शनिवार को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन की ओर से इन प्रतिनिधियों का सम्मान किया गया. इस दौरान यात्रा में शामिल हुए राजस्थान यूथ बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम लांबा सहित सभी भारत यात्रियों ने अपने संस्मरण भी साझा किए.
देश को नजदीक से जाना : राजस्थान यूथ बोर्ड के अध्यक्ष सीताराम लांबा ने बताया कि राहुल गांधी ने देश में फैली नफरत, युवाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार, बेरोजगारी, महंगाई और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई. सामाजिक ताने-बाने और इस देश को बचाने के लिए, दिल से दिल को जोड़ने के लिए नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने के लिए राहुल गांधी ने यात्रा की. कन्याकुमारी से कश्मीर तक 4080 किलोमीटर की यात्रा की. उसका हर कदम भारत को जोड़ने के लिए था. इस यात्रा में जितने यात्री चलें, उन सभी ने देश को नजदीक से जाना, समझा और जीवन में राजनीति कैसी होनी चाहिए वो इस यात्रा में बहुत हद तक तय हुआ.
अहम मुद्दों को दबाया जा रहा : लांबा ने कहा कि देश में यात्राओं का अपना इतिहास रहा है. एक दांडी यात्रा ने देश से अंग्रेजों को उखाड़ फेंकने का काम किया था. एक रथयात्रा ने देश को तोड़ने का काम किया और एक भारत जोड़ो यात्रा देश को जोड़ने का काम किया. उन्होंने कहा कि इस देश में राजनीति को गाय, गोबर, भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारों के बीच में दबा दिया गया. जब भी बेरोजगार अपनी बात करता है, अपना हक मानता है, महिला अपनी सुरक्षा की बात करती हैं, महंगाई की बात होती है, उन मुद्दों को दबा दिया जाता है. आज कम से कम उन मुद्दों पर देश में चर्चा हो रही है. उन्होंने कहा कि चर्चाएं बदलती हैं, जब कोई विचार आता है तो वो एक्शन में तब्दील होता है. जब एक्शन होता है तो देश और समाज बदलता है. ये काम राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने किया है.
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वहीं एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा होना ही एक सम्मान का विषय है. यात्रा के दौरान पूरे देश के नौजवानों में कुतूहल हुआ. लोग घरों से निकले, इस यात्रा से जुड़े, जो लोग यात्रा में जा नहीं सकते थे, उन्होंने मीडिया- सोशल मीडिया के माध्यम से यात्रा से जुड़ने की कोशिश की. राजस्थान से 13 लोग इस यात्रा में शामिल हुए. जिन्होंने प्रदेश की 8 करोड़ जनता का प्रतिनिधित्व किया. ये सभी के लिए सौभाग्य का विषय रहा. प्रदेश की युवाओं कि इच्छा थी कि वह इन यात्रियों से मिले, इनकी बात सुने अपने जीवन में उनके विचारों को उतार सकें. इसलिए इस कार्यक्रम को किया जाना सुनिश्चित किया गया. उन्होंने बताया कि राजस्थान एनएसयूआई के प्रभारी गुरजोत सिंह संधू ने भी इस यात्रा में एनएसयूआई का प्रतिनिधित्व किया और यात्रा के बाद पहली मर्तबा राजस्थान आए. उन्होंने भी इस यात्रा से जुड़े अपने संस्मरण युवाओं के समक्ष साझा किए.
भारत जोड़ो यात्रा में राजस्थान से शामिल हुए 13 यात्री : भारत जोड़ो यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक करीब 13 राज्यों से गुजरी. राहुल गांधी के साथ इस यात्रा से जुड़े लोगों को हर राज्य में अलग भाषा, पहनावा, खानपान, वातावरण और समस्याओं से रूबरू होने का मौका मिला. राजस्थान के भी 13 जनप्रतिनिधि इस यात्रा में राहुल गांधी के साथ कदम से कदम मिलाते हुए चले और इन राज्यों की परिस्थितियों का अनुभव लिया. इनमें सीताराम लांबा, विजेंद्र सिंह महलावत, श्रवण कुमार गुर्जर, शत्रुघ्न शर्मा, रूबी खान, जगदीश विश्नोई, विवेक भटनागर, योगेश कुमार मीणा, रामदयाल भाटी, विकास व्यास, झाबर शेरावत, राधाकिशन चेतानी और जितेंद्र नागदा शामिल रहे.