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बची हुई  9 सीटें भाजपा के लिए बनी....ये आग का दरिया है..और डूब के जाना है...जाने हर सीट का महाभारत - Jaipur

लोकसभा चुनाव का महासंग्राम अब धीरे-धीरे अपने चरम पर पहुंचता जा रहा है. इस बीच भाजपा के 9 प्रत्याशियों की लिस्ट पर छाई संशय की बदली साफ होती नजर आ रही है. ऐसे में इन सीटों पर प्रत्याशियों के नामों के ऐलान का काउंटडाउन शुरू हो गया है.

भाजपा के लिए ये 9 सीटें बनीं गले की फांस
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Published : Mar 25, 2019, 4:56 PM IST

जयपुर. लोकसभा चुनाव का महासंग्राम अब धीरे-धीरे अपने चरम पर पहुंचता जा रहा है. इस बीच भाजपा के 9 प्रत्याशियों की लिस्ट पर छाई संशय की बदली साफ होती नजर आ रही है. ऐसे में इन सीटों पर प्रत्याशियों के नामों के ऐलान का काउंटडाउन शुरू हो गया है.


बता दें, इन 9 सीटों में कुछ सीटों पर विवाद की स्थिति थी तो कुछ सीटों पर पार्टी मौजूदा सांसदों को बदलना चाहती थी. ऐसे में विवाद के चलते इन सीटों पर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा था. लेकिन, इस बीच खबर है कि पार्टी बची इन 9 सीटों पर किसी भी वक्त प्रत्याशियों का ऐलान कर सकती है. मतलब साफ है इन सीटों पर प्रत्याशी के नाम का काउंटडाउन शुरु हो चुका है.


लेकिन, इस बीच ये भी जानना जरूरी है कि आखिर क्या वजह रही की भाजपा अपनी इन 9 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर पा रही थी. आइए जानतें हैं जिन सीटों पर विवाद की स्थिति थी.

भाजपा के लिए ये 9 सीटें बनीं गले की फांस


बाड़मेर
इस सीट पर मौजूदा सांसद कर्नल सोनाराम को बदले जाने की संभावना है. कारण साफ है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा में आने वाली कई विधानसभा सीटों पर बुरी तरह मुंह की खानी पड़ी है. यही कारण है कि सोनाराम के खिलाफ क्षेत्र में पार्टी के ही भाजपा नेता खड़े हो गए हैं और अंदर खाते खिलाफत इतनी बड़ी की पार्टी को सोनाराम का टिकट काटने पर विचार करना पड़ा है. यही कारण है कि भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची में बाड़मेर-जैसलमेर में किसी भी प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया गया.

चूरु
इस सीट पर मौजूदा सांसद राहुल कस्ंवा का पार्टी के भीतर काफी विरोध है. उप नेता राजन राठौड़ भी उनके पक्ष में नजर नहीं आते. यही कारण है की सीट पर राठौड़ का नाम भी प्रमुखता से उठाया गया. विवाद बढ़ता देख भाजपा ने अपनी पहली सूची में चूरू सीट पर प्रत्याशी के नाम का ऐलान रोक दिया.

अलवर
अलवर लोकसभा सीट पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के खाते में गई. लेकिन, मौजूदा सांसद के निधन के बाद हुए उपचुनाव में यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई. उपचुनाव में जसवंत यादव बुरी तरह चुनाव हारे. जिसके बाद पार्टी के लिए असमंजस की स्थिति बन गई. अब पार्टी इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के नाम के ऐलान का इंतजार कर रही है क्योंकि पार्टी यहां जातिगत समीकरण को ध्यान में रखकर ही टिकट देगी. सीट पर पूर्व विधायक रामहेत यादव, जसवंत सिंह और उनके पुत्र मोहित यादव के साथ ही मौजूदा विधायक संजय शर्मा और बाबा बालक नाथ का नाम भी प्रमुखता से चल रहा है.

नागौर
भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची में नागौर से मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी के नाम का ऐलान नहीं हुआ. जो इस बात का इशारा करता है कि पार्टी इस सीट पर मौजूदा सांसद के अलावा किसी अन्य चेहरे को उतार सकती है. पार्टी सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे यहां से पूर्व विधायक यूनुस खान को टिकट दिए जाने के पक्ष में हैं लेकिन, संगठन फिलहाल अल्पसंख्यक प्रत्याशी को टिकट देने से बच रहा है. इस बीच भाजपा नेता श्री राम भिंचर, हरीश कुमावत, मानसिंह, मंजू बाघमार और विजय सिंह चौधरी भी खुलकर टिकट मांग रहे हैं. यही कारण है कि पार्टी ने अब तक इस सीट को पेंडिंग रखा हुआ है.

दौसा
दौसा संसदीय सीट पर भाजपा के कई दावेदार हैं. खासतौर पर डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा अपने परिवार से इस सीट के लिए टिकट मांग रहे हैं. लेकिन, पार्टी के भीतर किरोड़ी लाल मीणा की खिलाफत है और पार्टी इस बात को भाप चुकी है. यही कारण है कि इस सीट पर अब तक किसी नाम की घोषणा नहीं हुई. हालांकि पूर्व संसदीय सचिव ओमप्रकाश हुडला और उनकी पत्नी प्रेम प्रकाश को भी पार्टी टिकट देने पर विचार कर रही है.

बांसवाड़ा
इस सीट पर भाजपा के मौजूदा सांसद मान शंकरनिनामा हैं लेकिन, यहां विधानसभा चुनाव में बीटीपी का प्रभाव अधिक देखा गया. इसलिए फिलहाल भाजपा ने यहां टिकट घोषित नहीं किया और दूसरी पार्टी के प्रत्याशियों के नाम का ऐलान होने का इंतजार चल रहा है ताकि उसके अनुरूप ही पार्टी रणनीतिक रूप से प्रत्याशी उतार सके.

भरतपुर
इस सीट पर भाजपा जातिगत समीकरण को देखते हुए फिलहाल टिकट और प्रत्याशी घोषित करने से बच रही है. वहीं, मौजूदा सांसद बहादुर सिंह कोली का प्रफॉर्मेंस भी ठीक नहीं रहा है. जिसके चलते उनके टिकट पर तलवार लटकी हुई है.

करौली-धौलपुर
इस सीट पर भी भाजपा के मौजूदा सांसद मनोज राजोरिया हैं. लेकिन, पहली सूची में इस सीट पर प्रत्याशी के नाम का ऐलान रोक लिया गया. माना जा रहा है पार्टी के भीतर राजोरिया के कामकाज की रिपोर्ट सही नहीं आई, जिसके चलते इस सीट पर प्रत्याशी बदला जा सकता है. बताया जा रहा है कि इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का वीटो ही काम करेगा.

राजसमंद
राजसमंद सीट भाजपा के लिए इस बार सबसे चर्चित सीट साबित हुई. मौजूदा सांसद हरिओम सिंह राठौड़ ने खराब तबीयत का हवाला देकर चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया. जिसके बाद यहां दावेदारों की लंबी फेहरिस्त लग गई. वहीं, पार्टी इस सीट पर कुछ पैराशूटर्स उम्मीदवार को भी उतारना चाहती है. खासतौर पर जयपुर राजपरिवार से आने वाली दीया कुमारी का नामइस सीट में प्रमुखता से चलाया जा रहा है. वहीं, भाजपा के मौजूदा विधायक किरण माहेश्वरी का नाम भी यहां से आगे किया गया है. इसके अलावा पूर्व विधायक हरिसिंह रावत यहां से दावेदारी कर रहे हैं.

जयपुर. लोकसभा चुनाव का महासंग्राम अब धीरे-धीरे अपने चरम पर पहुंचता जा रहा है. इस बीच भाजपा के 9 प्रत्याशियों की लिस्ट पर छाई संशय की बदली साफ होती नजर आ रही है. ऐसे में इन सीटों पर प्रत्याशियों के नामों के ऐलान का काउंटडाउन शुरू हो गया है.


बता दें, इन 9 सीटों में कुछ सीटों पर विवाद की स्थिति थी तो कुछ सीटों पर पार्टी मौजूदा सांसदों को बदलना चाहती थी. ऐसे में विवाद के चलते इन सीटों पर कोई निर्णय नहीं हो पा रहा था. लेकिन, इस बीच खबर है कि पार्टी बची इन 9 सीटों पर किसी भी वक्त प्रत्याशियों का ऐलान कर सकती है. मतलब साफ है इन सीटों पर प्रत्याशी के नाम का काउंटडाउन शुरु हो चुका है.


लेकिन, इस बीच ये भी जानना जरूरी है कि आखिर क्या वजह रही की भाजपा अपनी इन 9 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर पा रही थी. आइए जानतें हैं जिन सीटों पर विवाद की स्थिति थी.

भाजपा के लिए ये 9 सीटें बनीं गले की फांस


बाड़मेर
इस सीट पर मौजूदा सांसद कर्नल सोनाराम को बदले जाने की संभावना है. कारण साफ है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा में आने वाली कई विधानसभा सीटों पर बुरी तरह मुंह की खानी पड़ी है. यही कारण है कि सोनाराम के खिलाफ क्षेत्र में पार्टी के ही भाजपा नेता खड़े हो गए हैं और अंदर खाते खिलाफत इतनी बड़ी की पार्टी को सोनाराम का टिकट काटने पर विचार करना पड़ा है. यही कारण है कि भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची में बाड़मेर-जैसलमेर में किसी भी प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया गया.

चूरु
इस सीट पर मौजूदा सांसद राहुल कस्ंवा का पार्टी के भीतर काफी विरोध है. उप नेता राजन राठौड़ भी उनके पक्ष में नजर नहीं आते. यही कारण है की सीट पर राठौड़ का नाम भी प्रमुखता से उठाया गया. विवाद बढ़ता देख भाजपा ने अपनी पहली सूची में चूरू सीट पर प्रत्याशी के नाम का ऐलान रोक दिया.

अलवर
अलवर लोकसभा सीट पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के खाते में गई. लेकिन, मौजूदा सांसद के निधन के बाद हुए उपचुनाव में यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई. उपचुनाव में जसवंत यादव बुरी तरह चुनाव हारे. जिसके बाद पार्टी के लिए असमंजस की स्थिति बन गई. अब पार्टी इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के नाम के ऐलान का इंतजार कर रही है क्योंकि पार्टी यहां जातिगत समीकरण को ध्यान में रखकर ही टिकट देगी. सीट पर पूर्व विधायक रामहेत यादव, जसवंत सिंह और उनके पुत्र मोहित यादव के साथ ही मौजूदा विधायक संजय शर्मा और बाबा बालक नाथ का नाम भी प्रमुखता से चल रहा है.

नागौर
भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची में नागौर से मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी के नाम का ऐलान नहीं हुआ. जो इस बात का इशारा करता है कि पार्टी इस सीट पर मौजूदा सांसद के अलावा किसी अन्य चेहरे को उतार सकती है. पार्टी सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे यहां से पूर्व विधायक यूनुस खान को टिकट दिए जाने के पक्ष में हैं लेकिन, संगठन फिलहाल अल्पसंख्यक प्रत्याशी को टिकट देने से बच रहा है. इस बीच भाजपा नेता श्री राम भिंचर, हरीश कुमावत, मानसिंह, मंजू बाघमार और विजय सिंह चौधरी भी खुलकर टिकट मांग रहे हैं. यही कारण है कि पार्टी ने अब तक इस सीट को पेंडिंग रखा हुआ है.

दौसा
दौसा संसदीय सीट पर भाजपा के कई दावेदार हैं. खासतौर पर डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा अपने परिवार से इस सीट के लिए टिकट मांग रहे हैं. लेकिन, पार्टी के भीतर किरोड़ी लाल मीणा की खिलाफत है और पार्टी इस बात को भाप चुकी है. यही कारण है कि इस सीट पर अब तक किसी नाम की घोषणा नहीं हुई. हालांकि पूर्व संसदीय सचिव ओमप्रकाश हुडला और उनकी पत्नी प्रेम प्रकाश को भी पार्टी टिकट देने पर विचार कर रही है.

बांसवाड़ा
इस सीट पर भाजपा के मौजूदा सांसद मान शंकरनिनामा हैं लेकिन, यहां विधानसभा चुनाव में बीटीपी का प्रभाव अधिक देखा गया. इसलिए फिलहाल भाजपा ने यहां टिकट घोषित नहीं किया और दूसरी पार्टी के प्रत्याशियों के नाम का ऐलान होने का इंतजार चल रहा है ताकि उसके अनुरूप ही पार्टी रणनीतिक रूप से प्रत्याशी उतार सके.

भरतपुर
इस सीट पर भाजपा जातिगत समीकरण को देखते हुए फिलहाल टिकट और प्रत्याशी घोषित करने से बच रही है. वहीं, मौजूदा सांसद बहादुर सिंह कोली का प्रफॉर्मेंस भी ठीक नहीं रहा है. जिसके चलते उनके टिकट पर तलवार लटकी हुई है.

करौली-धौलपुर
इस सीट पर भी भाजपा के मौजूदा सांसद मनोज राजोरिया हैं. लेकिन, पहली सूची में इस सीट पर प्रत्याशी के नाम का ऐलान रोक लिया गया. माना जा रहा है पार्टी के भीतर राजोरिया के कामकाज की रिपोर्ट सही नहीं आई, जिसके चलते इस सीट पर प्रत्याशी बदला जा सकता है. बताया जा रहा है कि इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का वीटो ही काम करेगा.

राजसमंद
राजसमंद सीट भाजपा के लिए इस बार सबसे चर्चित सीट साबित हुई. मौजूदा सांसद हरिओम सिंह राठौड़ ने खराब तबीयत का हवाला देकर चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया. जिसके बाद यहां दावेदारों की लंबी फेहरिस्त लग गई. वहीं, पार्टी इस सीट पर कुछ पैराशूटर्स उम्मीदवार को भी उतारना चाहती है. खासतौर पर जयपुर राजपरिवार से आने वाली दीया कुमारी का नामइस सीट में प्रमुखता से चलाया जा रहा है. वहीं, भाजपा के मौजूदा विधायक किरण माहेश्वरी का नाम भी यहां से आगे किया गया है. इसके अलावा पूर्व विधायक हरिसिंह रावत यहां से दावेदारी कर रहे हैं.

Intro:9 सीटों पर उलझा पेच सुलझने के आसार, प्रत्याशी एलान का काउंटडाउन शुरु


जयपुर (इंट्रो एंकर)

प्रदेश की 25 में से 9 सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों के नाम पर चल रहा गतिरोध अब सुलझने के आसार है। यही कारण है कि भाजपा के भीतर बची हुई सीटों पर प्रत्याशी के नाम का ऐलान का काउंटडाउन शुरू हो चुका है हालांकि इन 9 सीटों वैसे कुछ पर विवाद की स्थिति थी तो वहीं कुछ सीट ऐसी थी जहां पार्टी अपने मौजूदा सांसद को बदलना चाहती है लेकिन विवाद के चलते कोई निर्णय नहीं हो पा रहा था। हालांकि प्रदेश संगठन से जुड़े नेता बची हुई सीटों पर प्रत्याशी के नाम का ऐलान किसी भी क्षण होने की बात कहते हैं मतलब इन सीटों पर प्रत्याशी के नाम का काउंटडाउन शुरु हो चुका है लेकिन इन सीटों पर भाजपा प्रत्याशी की घोषणा क्यों नहीं कर पाई यह जानना भी बेहद जरूरी है।  जिन सीटों पर विवाद था उसमें


1 बाड़मेर- इस सीट पर मौजूदा सांसद कर्नल सोनाराम को बदले जाने की संभावना है। कारण साफ है कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा बाड़मेर जैसलमेर लोकसभा में आने वाली कई विधानसभा सीटों पर बुरी तरह हारी। यही कारण है कि सोनाराम के खिलाफ क्षेत्र में पार्टी के ही भाजपा नेता खड़े हो गए और अंदर खाते खिलाफत इतनी बड़ी की पार्टी को सोनाराम का टिकट काटने पर विचार करना पड़ा। यही कारण है कि भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची में बाड़मेर जैसलमेर किसी भी प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया गया।

2 चुरु- इस सीट पर मौजूदा सांसद राहुल कसवा का पार्टी के भीतर काफी विरोध है। उप नेता राजन राठौड भी उनके पक्ष में नजर नहीं आते। यही कारण है की सीट पर राठौड़ का नाम भी प्रमुखता से उठाया गया। विवाद बढ़ता देख भाजपा ने अपनी पहली सूची में चूरू सीट पर प्रत्याशी का नाम का ऐलान रोक दिया।

3 अलवर- अलवर लोकसभा सीट पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा के खाते में गई लेकिन मौजूदा सांसद के निधन के बाद हुए उपचुनाव में यह सीट कांग्रेस के खाते में चली गई। उपचुनाव में जसवंत यादव बुरी तरह चुनाव हारे। जिसके बाद पार्टी के लिए असमंजस की स्थिति बन गई। अब पार्टी इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के नाम के ऐलान का इंतजार कर रही है क्योंकि पार्टी यहां जातिगत समीकरण को ध्यान में रखकर ही टिकट देगी। सीट पर पूर्व विधायक रामहेत यादव जसवंत सिंह और उनके पुत्र मोहित यादव के साथ ही मौजूदा विधायक संजय शर्मा और बाबा बालक नाथ का नाम भी प्रमुखता से चल रहा है।

4 नागौर- भाजपा प्रत्याशियों की पहली सूची में नागौर से मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री सीआर चौधरी के नाम का ऐलान नहीं हुआ। जो इस बात का इशारा करता है कि पार्टी इस सीट पर मौजूदा सांसद के अलावा किसी अन्य चेहरे को उतार सकती है। पार्टी सूत्रों के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे यहां से पूर्व विधायक यूनुस खान को टिकट दिए जाने के पक्ष में है लेकिन संगठन फिलहाल अल्पसंख्यक प्रत्याशी को टिकट देने से बच रहा है। इस बीच भाजपा नेता श्री राम भिंचर,हरीश कुमावत,मानसिंह, मंजू बाघमार और विजय सिंह चौधरी भी खुलकर टिकट मांग रहे हैं। यही कारण है कि पार्टी ने अब तक इस सीट को पेंडिंग रखा हुआ है।

5 दौसा- दौसा संसदीय सीट पर भाजपा के कई दावेदार है। खासतौर पर डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा अपने परिवार से इस सीट के लिए टिकट मांग रहे हैं लेकिन पार्टी के भीतर किरोड़ी लाल मीणा की खिलाफत है और पार्टी इस बात को भाप चुकी है। यही कारण है कि इस सीट पर अब तक किसी नाम का डिक्लेरेशन नहीं हुआ। हालांकि पूर्व संसदीय सचिव ओमप्रकाश हुडला और उनकी पत्नी प्रेम प्रकाश को भी पार्टी टिकट देने पर विचार कर रही है अंतिम फैसला दिल्ली के स्तर पर होगा।

6- बांसवाड़ा- इस सीट पर भाजपा के मौजूदा सांसद मान शंकर निनामा है लेकिन यहां विधानसभा चुनाव में बीटीपी का प्रभाव अधिक देखा गया इसलिए फिलहाल भाजपा ने यहां टिकट घोषित नहीं किया और दूसरी पार्टी के प्रत्याशियों के नाम का ऐलान होने का इंतजार चल रहा है ताकि उसके अनुरूप ही पार्टी रणनीतिक रूप से प्रत्याशी उतार सके।

7- भरतपुर- इस सीट पर भाजपा जातिगत समीकरण को देखते हुए फिलहाल टिकट और प्रत्याशी घोषित करने से बच रही है. वहीं मौजूदा सांसद बहादुर सिंह कोली का प्रोफॉर्मेंस भी ठीक नहीं रहा जिसके चलते हैं उन के टिकट पर तलवार लटकी हुई है।

8- करौली धौलपुर- इस सीट पर भी भाजपा के मौजूदा सांसद मनोज राजोरिया है लेकिन पहली सूची में इस सीट पर प्रत्याशी के नाम का ऐलान रोक लिया गया। माना जा रहा है पार्टी के भीतर राजोरिया के कामकाज की रिपोर्ट सही नहीं आई, जिसके चलते इस सीट पर प्रत्याशी बदला जा सकता है। लेकिन इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का वीटो ही काम करेगा।

9 -राजसमंद- राजसमंद सीट भाजपा के लिए इस बार सबसे चर्चित सीट साबित हुई। मौजूदा सांसद हरिओम सिंह राठौड़ ने खराब तबीयत का हवाला देकर चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया, जिसके बाद यहां दावेदारों की लंबी फेहरिस्त लग गई। वहीं पार्टी इस सीट पर कुछ पैराशूटर्स उम्मीदवार को भी उतारना चाहती है। खासतौर पर जयपुर राजपरिवार से आने वाली दीया कुमारी का नाम  इस सीट से प्रमुखता से चलाया जा रहा है। वही भाजपा के मौजूदा विधायक किरण माहेश्वरी का नाम भी यहां से आगे किया गया है। इसके अलावा पूर्व विधायक हरि सिंह रावत यहां से दावेदारी कर रहे हैं।

बाइट- प्रकाश जावड़ेकर,प्रभारी लोकसभा चुनाव राजस्थान
बाइट- राजेंद्र राठौड़,सदस्य, कोर कमेटी भाजपा
विजुअल- भाजपा कार्यालय व कोर कमेटी के







Body:बाइट- प्रकाश जावड़ेकर,प्रभारी लोकसभा चुनाव राजस्थान
बाइट- राजेंद्र राठौड़,सदस्य, कोर कमेटी भाजपा
विजुअल- भाजपा कार्यालय व कोर कमेटी के


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