विद्याधर नगर (जयपुर). लोगों को नशे से मुक्त कराने और उन्हें जागरूक करने के उद्देश्य से दुनिया भर में हर साल 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन लोगों को नशे के कुप्रभाव, नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के प्रति जागरूक किया जाता है. दुनिया भर में इस दिन विभिन्न समुदाय और संगठन के लोगों द्वारा नशीली दवाओं के प्रति क्षेत्रीय स्तर पर लोगों को जागरूक करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जाते हैं. जिसके अंतर्गत लोगों को घर-घर जाकर या सामूहिक सभा बुलाकर नशीले पदार्थों से होने वाले नुकसान और खतरों के बारे में बताया जाता है.
राजधानी जयपुर में भी ऐसा ही एक कार्यक्रम जमात-ए-इस्लामी हिंद की तरफ से किया गया. अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस पर ईटीवी भारत से खास बातचीत में जमात-ए-इस्लामी हिंद के जयपुर संस्थापक मोहम्मद रमजान यूसुफ इंजीनियर ने बताया की फैक्ट्री और दिहाड़ी पर काम करने वाले किशोर ज्यादातर नशे के शिकार हो रहे हैं. नशा करने के कई कारण हो सकते हैं. चाहे वो हर चीज को अनुभव करने की इच्छा हो या फिर परिवारिक और सामाजिक माहौल के कारण भी युवा नशे की तरफ बढ़ रहे हैं.
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उन्होंने बताया कि ऐसे लोगों को जागरूक करने के लिए हमारी संस्था की ओर से राजधानी जयपुर के गली मोहल्लों में घर-घर जाकर लोगों को रैली के माध्यम से व नुक्कड़ नाटक के जरिए लोगों को नशे के प्रति जागरूक किया जाता है. नशे की लत छुड़ाने के लिए संस्था की ओर से आयुर्वेद जड़ी बूटियों से बनी दवा देकर नशे से छुटकारा दिलाया जाता है.
नशे के लिए युवा बन रहे अपराधी
मोहम्मद रमजान युसुफ इंजीनियर ने बताया राजधानी जयपुर में अफीम गांजा के अलावा स्मैक का नशा किशोरों और युवाओं को अपराधी बना रहा है. स्मैक की लत युवाओं को नशे के सौदागर इस प्रकार लगाते हैं की यह लोग नशे की लत को पूरा करने के लिए पहले तो घर से मिलने वाली जेब खर्च फिर घर से रुपए या कीमती सामान चुराने लग जाते हैं. फिर लोगों से उधार मांगना इसके बाद अंत में मोबाइल पर्स व चेन लूटने जैसी वारदातों को अंजाम देते हैं. वर्ष 2018 में 266 किलोग्राम अफीम, 815 ग्राम गांजा और 6333 किलोग्राम डोडा पोस्त बरामद हुआ.