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शिक्षकों और कर्मचारियों की नई सरकार से बंधी उम्मीदें, खुद सुनिए... - ETV Bharat Rajasthan News

प्रदेश के शिक्षा महकमे के कर्मचारी और शिक्षकों की कई मांगे पूर्वर्ती सरकार ने नजरअंदाज की, जिसका खामियाजा कांग्रेस को सत्ता की कुर्सी गंवाकर भुगतना पड़ा. कारण साफ है, शिक्षा विभाग में तकरीबन साढ़े 5 लाख शिक्षक हैं और लगभग तीन लाख कर्मचारी हैं, जिनका हर घर से सीधा जुड़ाव रहता है. अब इन शिक्षक कर्मचारियों की उम्मीद नई सरकार से है.

expectations from new government of rajasthan
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 21, 2023, 12:17 PM IST

शिक्षकों और कर्मचारियों की नई सरकार से बंधी उम्मीदें

जयपुर. प्रदेश में नई सरकार की पारी शुरू हो चुकी है. ऐसे में प्रदेश के कर्मचारी और शिक्षक उम्मीद लगाए बैठे हैं कि पूर्ववर्ती सरकार ने ट्रांसफर पॉलिसी, तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले, डीपीसी जैसी मांगों को पूरा नहीं किया था, उन्हें नई सरकार निस्तारित करेगी. साथ ही अपेक्षा है कि आरजीएचएस और ओपीएस जैसे कांग्रेस सरकार के फैसलों से भी कोई छेड़छाड़ नहीं होगी.

ये है समस्या : अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश महामंत्री विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि इन दिनों कर्मचारियों और पेंशनर एक बड़ी समस्या का अनुभव कर रहे हैं. उन्हें आरजीएचएस में इलाज नहीं मिल पा रहा. प्रदेश के करीब 10 लाख कर्मचारी और पेंशनर्स को न तो दवाई मिल पा रही है और न ही इलाज मिल पा रहा है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से यही मांग है कि संवेदनशीलता दिखाते हुए आरजीएचएस के मसले पर तुरंत संज्ञान ले और इसके माध्यम से होने वाले इलाज को जारी रखा जाए.

पढ़ें. राजस्थान के नए सीएम भजनलाल से क्या है जनता को उम्मीद, सांगानेर और भरतपुर के लोगों ने बताई अपने मन की बात

वहीं, शिक्षा विभाग में करीब 3 साल से एक लाख से ज्यादा पदोन्नतियां अटकी पड़ी हैं, जिसकी वजह से स्कूलों में शिक्षकों की कमी हो रही है. व्याख्याता के करीब 50 हजार पद खाली पड़े हैं और बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. ऐसे में सरकार पदोन्नति के नए नियमों की व्याख्या करते हुए इस पर संज्ञान ले. वहीं, शिक्षक नेता अंजनी कुमार ने बताया कि 5 साल में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं हो पाए हैं. उम्मीद यही है कि सरकार तबादला नीति लेकर आए और शिक्षकों को राहत प्रदान करें. उन्होंने वर्तमान बीजेपी सरकार से ये भी अपेक्षा जताई कि वो पूर्वर्ती कांग्रेस सरकार के ओपीएस के फैसले को जारी रखेगी. साथ ही शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से भी मुक्त किया जाएगा.

नई सरकार से ये उम्मीद :

  1. शिक्षा विभाग में सुधार के कदम उठाए
  2. तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले किए जाए
  3. स्थाई और पारदर्शी तबादला नीति बनाई जाए
  4. शिक्षकों की लंबित डीपीसी कर 50000 व्याख्याता के रिक्त पद भरें
  5. शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करे
  6. ओपीएस और आरजीएचएस लागू रखे

शिक्षकों और कर्मचारियों की नई सरकार से बंधी उम्मीदें

जयपुर. प्रदेश में नई सरकार की पारी शुरू हो चुकी है. ऐसे में प्रदेश के कर्मचारी और शिक्षक उम्मीद लगाए बैठे हैं कि पूर्ववर्ती सरकार ने ट्रांसफर पॉलिसी, तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले, डीपीसी जैसी मांगों को पूरा नहीं किया था, उन्हें नई सरकार निस्तारित करेगी. साथ ही अपेक्षा है कि आरजीएचएस और ओपीएस जैसे कांग्रेस सरकार के फैसलों से भी कोई छेड़छाड़ नहीं होगी.

ये है समस्या : अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश महामंत्री विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि इन दिनों कर्मचारियों और पेंशनर एक बड़ी समस्या का अनुभव कर रहे हैं. उन्हें आरजीएचएस में इलाज नहीं मिल पा रहा. प्रदेश के करीब 10 लाख कर्मचारी और पेंशनर्स को न तो दवाई मिल पा रही है और न ही इलाज मिल पा रहा है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से यही मांग है कि संवेदनशीलता दिखाते हुए आरजीएचएस के मसले पर तुरंत संज्ञान ले और इसके माध्यम से होने वाले इलाज को जारी रखा जाए.

पढ़ें. राजस्थान के नए सीएम भजनलाल से क्या है जनता को उम्मीद, सांगानेर और भरतपुर के लोगों ने बताई अपने मन की बात

वहीं, शिक्षा विभाग में करीब 3 साल से एक लाख से ज्यादा पदोन्नतियां अटकी पड़ी हैं, जिसकी वजह से स्कूलों में शिक्षकों की कमी हो रही है. व्याख्याता के करीब 50 हजार पद खाली पड़े हैं और बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. ऐसे में सरकार पदोन्नति के नए नियमों की व्याख्या करते हुए इस पर संज्ञान ले. वहीं, शिक्षक नेता अंजनी कुमार ने बताया कि 5 साल में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं हो पाए हैं. उम्मीद यही है कि सरकार तबादला नीति लेकर आए और शिक्षकों को राहत प्रदान करें. उन्होंने वर्तमान बीजेपी सरकार से ये भी अपेक्षा जताई कि वो पूर्वर्ती कांग्रेस सरकार के ओपीएस के फैसले को जारी रखेगी. साथ ही शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से भी मुक्त किया जाएगा.

नई सरकार से ये उम्मीद :

  1. शिक्षा विभाग में सुधार के कदम उठाए
  2. तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले किए जाए
  3. स्थाई और पारदर्शी तबादला नीति बनाई जाए
  4. शिक्षकों की लंबित डीपीसी कर 50000 व्याख्याता के रिक्त पद भरें
  5. शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त करे
  6. ओपीएस और आरजीएचएस लागू रखे
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