जयपुर. छात्र राजनीति के लिए चर्चाओं में रहने वाली राजस्थान यूनिवर्सिटी की क्लास से खबर आई है. मामला क्लास लगने से जुड़ा है. सिंडीकेट सदस्य राम लखन मीणा ने औचक निरीक्षण करते हुए 25 विभागों में जायजा लेने का दावा किया साथ ही यह भी दावा किया उनमें से एक या दो जगह ही क्लास लगी हुई मिली.
मीणा ने जो पत्र कुलपति को लिखा उसमें सिंडिकेट में इन मुद्दों को भी उठाए जाने की बात कही है. मीणा के लिखे पत्र में 30 सितंबर और 7 अक्टूबर का जिक्र किया गया है जिसमें कॉमर्स कॉलेज, राजस्थान कॉलेज और विभागों के दौरे का जिक्र किया गया है.
राम लखन मीणा ने ये तक दावा किया है कि शिक्षक कैंपस में ही नहीं रहते कैंपस के बाहर अक्सर रहते है. हालांकि, मीना के इस पत्र के बाद शिक्षकों ने नाराजगी जाहिर की तो कुछ शिक्षकों ने कहा कि सिंडिकेट सदस्य को औचक निरीक्षण करने का कोई अधिकार नहीं है साथ ही ये भी दावा किया कि शिक्षक नियमित रूप से क्लास ले रहे हैं.
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यूनिवर्सिटी के शिक्षकों पर सवाल खड़े हुए तो शिक्षकों ने सिंडिकेट सदस्य के औचक निरीक्षण करने के अधिकार पर सवाल खड़े किए लेकिन इस दोरान कुलपति के टिप्पणी नहीं करने से भी कई सवाल खड़े हो गए. यूनिवर्सिटी में कुलपति सर्वेसर्वा होता है, ऐसे में कुलपति ने सिंडीकेट सदस्य के औचक निरीक्षण के अधिकार पर कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन इतना जरूर कहा कि कैंपस और संगठक कॉलेजों में वे खुद कई बार औचक निरीक्षण कर चुके है और कहीं भी उनको खाली क्लास नहीं मिली साथ मीना के मिले पत्र पर कहा कि उस पत्र को सभी विभागों को भेज दिया गया है.
राजस्थान की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी में अब स्टूडेंट नहीं बल्कि शिक्षक के क्लास बंक करने की शिकायतें हो रही है. हालांकि, सिंडिकेट सदस्य को इसका अधिकार है या नहीं ये अलग मुद्दा है लेकिन यदि शिकायत में जरा भी सच्चाई है तो इसको बड़ा गंभीर मुद्दा कहा जा सकता है. वही अब मुद्दे को लेकर छात्र राजनीति को लेकर चर्चाओं में रहने वाला ये कैंपस शिक्षकों की सियासत का अखाड़ा बन गया है.