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स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 : जयपुर हेरिटेज को स्वच्छ सिटी अवॉर्ड, लेकिन शहर की रैंक 171वीं - हेरिटेज नगर निगम

केंद्र सरकार के शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण के 8वें संस्करण के नतीजे पूरे राजस्थान के लिए चौंकाने वाले रहे. स्वच्छता रैंकिंग में जयपुर शहर की रैंक में भारी गिरावट आई है.

urban cleanliness survey
स्वच्छ सर्वेक्षण रैंकिंग में पिछड़ा राजस्थान
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 12, 2024, 3:22 PM IST

जयपुर. स्वच्छ सर्वेक्षण के परिणाम में हेरिटेज नगर निगम को भले ही स्वच्छ सिटी अवार्ड से नवाजा गया हो, लेकिन हकीकत ये है कि इस बार स्वच्छता रैंकिंग में शहर की रैंक में भारी गिरावट आई है. हेरिटेज नगर निगम 26वीं रैंक से गिरकर 171वें, जबकि ग्रेटर नगर निगम 33वीं रैंक से गिरकर 173वें पायदान पर आ गया है. ये रैंक जयपुर की स्वच्छता का आईना दिखाने के लिए काफी है. कचरा मुक्त शहरों की श्रेणी में राजस्थान के डूंगरपुर को 3 स्टार जरूर मिले हैं, लेकिन एक लाख से कम आबादी में डूंगरपुर की भी रैंक 551वीं आई है.

urban cleanliness survey
किस श्रेणी में कितने मिले मार्क्स

शर्मसार कर देने वाले नतीजे : केंद्र सरकार के शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण के 8वें संस्करण के नतीजे पूरे राजस्थान के लिए चौंकाने वाले रहे हैं, या फिर यूं कहें कि इस परिणाम ने राजस्थान की हकीकत को बयां किया है. पिछले साल राजस्थान की स्वच्छता सर्वेक्षण में आठवीं रैंक थी, जो इस बार गिरकर 25वीं पर जा पहुंची है. यहीं नहीं, प्रदेश का एक भी शहर टॉप 100 में भी जगह नहीं बना पाया है. प्रदेश के शहरों में हेरिटेज नगर निगम टॉप पर है, जिसकी 171वीं रैंक है. इसी तरह ग्रेटर नगर निगम की 173वीं रैंक है. इस रैंक के पीछे कारण साफ है कि राजधानी में ओपन कचरा डिपो खत्म नहीं हो पा रहे. डोर टू डोर कचरा संग्रहण तो हो रहा है, बावजूद इसके कचरा सड़क पर भी आ रहा है.

वहीं, लोग अब तक सेग्रीगेशन का अर्थ ही नहीं समझ पाए हैं. आज भी सूखा और गीला कचरा एक साथ आ रहा है. यही नहीं, सड़क किनारे लगे कचरा पात्र भी नियमित खाली नहीं होते. कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन वेस्ट का निस्तारण अब तक शुरू नहीं हो पाया है. नतीजन सर्वेक्षण में इस बार सर्विस लेवल प्रोग्रेस सर्टिफिकेशन और सिटीजन वॉइस सभी में जयपुर के दोनों निगम पिछड़ते हुए दिखे.

urban cleanliness survey
ये अंक मिले दोनों निगमों को

इसे भी पढ़ें : स्वच्छ सर्वेक्षण में राजस्थान के दो शहर जयपुर नगर निगम हेरिटेज और डूंगरपुर सम्मानित

मंत्री ने कही ये बात : शहर की इस गिरी साख पर दोनों निगमों के महापौर अब स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में बेहतर प्रदर्शन करने की बात जरूर कह रहे हैं, लेकिन निगमों के पास समय काफी कम है, क्योंकि फरवरी के पहले सप्ताह में ही केंद्र से तैयारी परखने के लिए सर्वेक्षण टीम का जयपुर आना प्रस्तावित है. उधर, हाल ही में यूडीएच विभाग का दायित्व संभालने वाले मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने इस प्रदर्शन को परेशान करने वाला बताया है और सभी निकायों से सफाई से जुड़ी रिपोर्ट भी तलब की है, जिसके आधार पर जिम्मेदारी भी तय होगी और आगामी दिनों में शहरों में सफाई के काम को सबलेट करते हुए स्वच्छता भी नजर आएगी.

जयपुर. स्वच्छ सर्वेक्षण के परिणाम में हेरिटेज नगर निगम को भले ही स्वच्छ सिटी अवार्ड से नवाजा गया हो, लेकिन हकीकत ये है कि इस बार स्वच्छता रैंकिंग में शहर की रैंक में भारी गिरावट आई है. हेरिटेज नगर निगम 26वीं रैंक से गिरकर 171वें, जबकि ग्रेटर नगर निगम 33वीं रैंक से गिरकर 173वें पायदान पर आ गया है. ये रैंक जयपुर की स्वच्छता का आईना दिखाने के लिए काफी है. कचरा मुक्त शहरों की श्रेणी में राजस्थान के डूंगरपुर को 3 स्टार जरूर मिले हैं, लेकिन एक लाख से कम आबादी में डूंगरपुर की भी रैंक 551वीं आई है.

urban cleanliness survey
किस श्रेणी में कितने मिले मार्क्स

शर्मसार कर देने वाले नतीजे : केंद्र सरकार के शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण के 8वें संस्करण के नतीजे पूरे राजस्थान के लिए चौंकाने वाले रहे हैं, या फिर यूं कहें कि इस परिणाम ने राजस्थान की हकीकत को बयां किया है. पिछले साल राजस्थान की स्वच्छता सर्वेक्षण में आठवीं रैंक थी, जो इस बार गिरकर 25वीं पर जा पहुंची है. यहीं नहीं, प्रदेश का एक भी शहर टॉप 100 में भी जगह नहीं बना पाया है. प्रदेश के शहरों में हेरिटेज नगर निगम टॉप पर है, जिसकी 171वीं रैंक है. इसी तरह ग्रेटर नगर निगम की 173वीं रैंक है. इस रैंक के पीछे कारण साफ है कि राजधानी में ओपन कचरा डिपो खत्म नहीं हो पा रहे. डोर टू डोर कचरा संग्रहण तो हो रहा है, बावजूद इसके कचरा सड़क पर भी आ रहा है.

वहीं, लोग अब तक सेग्रीगेशन का अर्थ ही नहीं समझ पाए हैं. आज भी सूखा और गीला कचरा एक साथ आ रहा है. यही नहीं, सड़क किनारे लगे कचरा पात्र भी नियमित खाली नहीं होते. कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन वेस्ट का निस्तारण अब तक शुरू नहीं हो पाया है. नतीजन सर्वेक्षण में इस बार सर्विस लेवल प्रोग्रेस सर्टिफिकेशन और सिटीजन वॉइस सभी में जयपुर के दोनों निगम पिछड़ते हुए दिखे.

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ये अंक मिले दोनों निगमों को

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मंत्री ने कही ये बात : शहर की इस गिरी साख पर दोनों निगमों के महापौर अब स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में बेहतर प्रदर्शन करने की बात जरूर कह रहे हैं, लेकिन निगमों के पास समय काफी कम है, क्योंकि फरवरी के पहले सप्ताह में ही केंद्र से तैयारी परखने के लिए सर्वेक्षण टीम का जयपुर आना प्रस्तावित है. उधर, हाल ही में यूडीएच विभाग का दायित्व संभालने वाले मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने इस प्रदर्शन को परेशान करने वाला बताया है और सभी निकायों से सफाई से जुड़ी रिपोर्ट भी तलब की है, जिसके आधार पर जिम्मेदारी भी तय होगी और आगामी दिनों में शहरों में सफाई के काम को सबलेट करते हुए स्वच्छता भी नजर आएगी.

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