ETV Bharat / state

inspected Sanganer open jail: खुली जेल में न सलाखें और न ताले, ये खुले आसमान में पतंग जैसी -जस्टिस बोस - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

जयपुर में स्थित देश की सबसे बड़ी सांगानेर खुली जेल का (inspected Sanganer open jail in Jaipur) निरीक्षण शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस ने किया. उन्होंने जेल की व्यवस्थाओं की जानकारी ली.

inspected Sanganer open jail,  Supreme Court Justice Aniruddha Bose
खुली जेल का निरीक्षण करते न्यायाधीश.
author img

By

Published : Jan 28, 2023, 10:24 PM IST

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस ने कहा कि खुली जेल में न ऊंची दीवारें हैं न लोहे की सलाखें और न ही उन पर लगे मोटे ताले. खुली जेल तो खुले आसमान में उड़ती पतंग जैसी है, जिसे उड़ने का मौका भी दिया जाता है और डोर से नियंत्रित भी रखा जाता है. जस्टिस बोस ने यह विचार शनिवार को सांगानेर स्थित देश की सबसे बड़ी खुली जेल के निरीक्षण के दौरान रखे.

उन्होंने कहा कि खुली जेल कैदियों के लिए सामान्य जीवन जीने के मौके के साथ ही दंड भुगतने की जगह है. जहां से वे बाहर जाकर काम कर सकते हैं और काम के बाद वापस आकर रह सकते हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष संजय किशन कौल ने कहा कि खुली जेल में स्थित घरों की छत टीन की हैं. यदि यहां सीवरेज और पक्की छत की सुविधा मिल जाए तो कैदियों का जीवन आसान हो सकता है.

पढ़ेंः Prisoner Escaped Sanganer Jail: खुली जेल से कैदी फरार, एक हफ्ते में दूसरी वारदात

राजस्थान हाईकोर्ट के सीजे पंकज मित्थल ने कहा कि कैदियों को मुख्यधारा में लाने का काम किया जा रहा है. यहां स्थित स्कूल में कुल 54 बच्चे हैं और इनमें से 27 बच्चे बाहर से आते हैं. खुली जेलों से जेल की कई समस्याएं खत्म हो जाती हैं. वहीं यहां कैदियों को विश्वास पर रखा जाता है. उन्होंने कहा कि मरने के बाद भी मानवाधिकार का ध्यान रखना चाहिए. निरीक्षण के दौरान न्यायाधीशों ने खुली जेल में रह रहे कैदियों के घरों में जाकर उनसे मुलाकात की और उनकी भावनाएं जानी.

इस दौरान महिला कैदी ने कहा कि उन्हें यह जगह गेटेड टाउनशिप जैसी लगती है, जहां वे परिवार के साथ रहते हैं. कार्यक्रम में मौजूद सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन वी लोकुर, हाईकोर्ट जस्टिस एमएम श्रीवास्तव सहित अन्य सभी जजों ने राजस्थान की तर्ज पर देश के अन्य राज्यों में भी बंदियों के लिए खुली जेल खोले जाने की मंशा जताई है. जजों का मानना है कि ओपन जेल की अवधारणा बंदियों को उनके परिवार के साथ न केवल जीवन जीने का मौका देती है बल्कि मुख्य धारा में लाने का प्रयास भी है.

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस ने कहा कि खुली जेल में न ऊंची दीवारें हैं न लोहे की सलाखें और न ही उन पर लगे मोटे ताले. खुली जेल तो खुले आसमान में उड़ती पतंग जैसी है, जिसे उड़ने का मौका भी दिया जाता है और डोर से नियंत्रित भी रखा जाता है. जस्टिस बोस ने यह विचार शनिवार को सांगानेर स्थित देश की सबसे बड़ी खुली जेल के निरीक्षण के दौरान रखे.

उन्होंने कहा कि खुली जेल कैदियों के लिए सामान्य जीवन जीने के मौके के साथ ही दंड भुगतने की जगह है. जहां से वे बाहर जाकर काम कर सकते हैं और काम के बाद वापस आकर रह सकते हैं. वहीं सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष संजय किशन कौल ने कहा कि खुली जेल में स्थित घरों की छत टीन की हैं. यदि यहां सीवरेज और पक्की छत की सुविधा मिल जाए तो कैदियों का जीवन आसान हो सकता है.

पढ़ेंः Prisoner Escaped Sanganer Jail: खुली जेल से कैदी फरार, एक हफ्ते में दूसरी वारदात

राजस्थान हाईकोर्ट के सीजे पंकज मित्थल ने कहा कि कैदियों को मुख्यधारा में लाने का काम किया जा रहा है. यहां स्थित स्कूल में कुल 54 बच्चे हैं और इनमें से 27 बच्चे बाहर से आते हैं. खुली जेलों से जेल की कई समस्याएं खत्म हो जाती हैं. वहीं यहां कैदियों को विश्वास पर रखा जाता है. उन्होंने कहा कि मरने के बाद भी मानवाधिकार का ध्यान रखना चाहिए. निरीक्षण के दौरान न्यायाधीशों ने खुली जेल में रह रहे कैदियों के घरों में जाकर उनसे मुलाकात की और उनकी भावनाएं जानी.

इस दौरान महिला कैदी ने कहा कि उन्हें यह जगह गेटेड टाउनशिप जैसी लगती है, जहां वे परिवार के साथ रहते हैं. कार्यक्रम में मौजूद सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन वी लोकुर, हाईकोर्ट जस्टिस एमएम श्रीवास्तव सहित अन्य सभी जजों ने राजस्थान की तर्ज पर देश के अन्य राज्यों में भी बंदियों के लिए खुली जेल खोले जाने की मंशा जताई है. जजों का मानना है कि ओपन जेल की अवधारणा बंदियों को उनके परिवार के साथ न केवल जीवन जीने का मौका देती है बल्कि मुख्य धारा में लाने का प्रयास भी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.