जयपुर. राजस्थान में पहले ही सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच राजनीतिक कोल्ड वार चल रहा है, एक नई समस्या कांग्रेस पार्टी के सामने यह खड़ी हो गई है कि कांग्रेस पार्टी के अन्य मंत्री एक-दूसरे पर बयान बाजी कर रहे हैं. पायलट व गहलोत में सुलह का फार्मूला क्या बना है, वह अब तक सामने नहीं आया है, इसके विपरीत मंत्रियों के बीच बढ़ता तनाव पार्टी के लिए सिर दर्द बनता जा रहा है.
गहलोत करें मंत्रियों से बात - फिलहाल जयपुर में मौजूद राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से जब यह सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मंत्रियों का काम संगठन और सरकार को मजबूत करने का होता है न कि इस तरह से एक दूसरे के खिलाफ बयान बाजी करने का. रंधावा ने इस मामले में साफ तौर पर कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस मामले में कहा है कि आप आप के मंत्रियों से बात करें. एक दूसरे पर जो बयानबाजी करते हैं, उन्हें रोकना चाहिए. रंधावा ने कहा कि मंत्रियों का यह काम नहीं है कि वह एक दूसरे पर बयान बाजी करें, मंत्रियों का काम है कि वह सरकार और संगठन को मजबूत करें. रंधावा ने साफ तौर पर मंत्रियों की बयान बाजी रोकने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की है.
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Held a fruitful meeting with @kcvenugopalmp ji and @ashokgehlot51 ji. Discussed in detail party activities ahead of the upcoming Rajasthan Assembly elections & ways to strengthen the party structure. pic.twitter.com/oeicFnPWEq
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— Sukhjinder Singh Randhawa (@Sukhjinder_INC) June 23, 2023
पायलट गहलोत के बीच सुलह की कोशिश - कांग्रेस के संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल गुरुवार को मंत्री भजनलाल जाटव के परिवार में शादी अटैंड करने के लिए जयपुर पहुंचे तो जरूर थे, लेकिन उनका असली मकसद गहलोत और पायलट के बीच सुलह के फार्मूले पर मुहर लगाना था. शादी के बाद वेणुगोपाल ने एख होटल में गहलोत और रंधावा से लंबी चर्चा की थी. इस चर्चा का नतीजा अभी तक सावर्जनिक नहीं किया गया है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में चर्चा यही है कि कोई न कोई सुलह का फार्मूला कांग्रेस ने निकाल लिया है.
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राजस्थान में नेताओं में चल रहा कोल्ड वार - मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने जिस तरह से मंत्री शांति धारीवाल को लेकर बयान दिया, उसके बाद यह बात साफ हो गई कि राजस्थान के मंत्रियों के बीच आपस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. धारीवाल और प्रताप सिंह खाचरियावास के अलावा अजमेर में भी कई दिनों से नसीम अख्तर और धर्मेंद्र राठौड़ के बीच विवाद खिंचता चला आ रहा है. इससे पहले एक मीटिंग के दौरान डोटासरा व राजेन्द्र पारीक के बीच लंबी बहस चली थी. इतने बड़े नेताओं के बीच जिस तरीके से ये कोल्ड वार चल रहा है, इससे संगठन पर सवाल उठने लगे हैं.
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