जयपुर. आरयू फीस वृद्धि को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया. दरअसल हर साल रेगुलर कोर्स में 10 फीसदी फीस की वृद्धि की जाती है. आरयू में एसएफएस कोर्स की फीस तो अब कई प्राइवेट सेक्टर के कॉलेज से भी ज्यादा हो गई है. जिसे लेकर छात्रों में आक्रोश देखने को मिल रहा है. वहीं कुलपति ने इसे सिंडिकेट का निर्णय बताते हुए कहा कि वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए विश्वविद्यालय में 10% फीस बढ़ाई गई है.
उधर, विश्वविद्यालय कुलपति आरके कोठारी ने कहा कि फीस बढ़ाने का फैसला कुलपति का नहीं, सिंडिकेट में लिया गया निर्णय है. यूनिवर्सिटी की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए 10% फीस बढ़ाई गई है. हालांकि उन्होंने ये माना कि एसएफएस कोर्स में फीस का स्तर प्राइवेट सेक्टर से भी ज्यादा हो गया है. जिस पर हर 3 साल में रोक लगाए जाने की बात कही. साल 2015 में अचानक विश्वविद्यालय की ओर से 45% फीस बढ़ा दी गई थी. जिस पर छात्रों के विरोध के बाद सिंडिकेट में हर वर्ष 10% फीस बढ़ाने का फैसला लिया गया था. और अब सुविधाओं के अभाव में छात्रों को ये बढ़ी हुई फीस भी भार लग रही है.