जयपुर. सरकार और प्रशासन के आश्वासन के बाद वन कर्मचारियों ने प्रदेशव्यापी हड़ताल स्थगित कर दी है. शनिवार को संयुक्त संघर्ष समिति के साथ वन मंत्री हेमाराम चौधरी की अध्यक्षता में वार्ता सफल हुई. वन मंत्री हेमाराम चौधरी, एसीएस शिखर अग्रवाल के आश्वासन के बाद वन कर्मचारियों ने आंदोलन स्थगित करने का निर्णय लिया. संघर्ष समिति के महेंद्र सिंह, भूपेंद्र जादौन, अजयवीर सिंह, जोगेंद्र शेखावत वार्ता में मौजूद रहे. वन कर्मियों की मुख्य मांग पुलिस के समान वेतन का वित्त में प्रस्ताव भेजा जाएगा.
वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने बताया कि वन विभाग के अधिकारियों और संघर्ष समिति के साथ बैठकर कर्मचारियों की मांगों पर चर्चा हुई है. कर्मचारियों को विश्वास दिलाते हैं कि जो भी मांगे हैं, उन पर गंभीरता से विचार किया जाएगा. ज्यादा से ज्यादा हल निकालने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे. उन्होंने वनकर्मियों से कहा कि परिवार का मुखिया होने के नाते हमारी जिम्मेदारी बनती है कि आप लोगों का ख्याल रखें. कर्मचारियों की तकलीफ को अपनी तकलीफ समझकर साथ में काम करेंगे. मंत्री ने सभी कर्मचारियों से अपील करते हुए कहा कि आप लोग आंदोलन को खत्म कर दें, समय- समय पर हम मिलते रहेंगे.
राजस्थान अधीनस्थ कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह जादौन के मुताबिक मजबूरन कर्मचारियों को प्रदेशभर के नेशनल पार्को, लेपर्ड रिजर्व, बायोलॉजिकल पार्क और अभ्यारणों के गेट बंद करने पड़े. वन मंत्री और एसीएस शिखर अग्रवाल के आश्वासन के बाद हड़ताल को स्थगित कर दिया गया है. वनकर्मियों ने पुलिस और पटवारी के समान वेतनमान की मांग, मेस भत्ता, हार्ड ड्यूटी एलाउंस, वर्दी भत्ता, ग्रेड पे, राष्ट्रीय उद्यानों में निशुल्क प्रवेश समेत कई मांगों को सरकार के सामने रखा है.
बता दें कि 6 फरवरी से अपनी 15 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर में वन विभाग के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हुए थे. आंदोलनरत वन कर्मियों ने गुरुवार को प्रदेश भर में नेशनल पार्क, लेपर्ड सफारी, बायोलॉजिकल पार्क, चिड़ियाघर और सेंचुरिज के गेट बंद कर दिए थे. हड़ताल के चलते प्रदेश भर में वन पर्यटन ठप हो गया था. कर्मचारियों की हड़ताल के चलते ट्रैकिंग मॉनिटरिंग, रेस्क्यू सर्विलांस समेत तमाम व्यवस्था चौपट हो गई.