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केंद्र के स्तर पर अटका क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट - rajasthan

प्रदेश में सरकार क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के माध्यम से निजी अस्पतालों को कानून के दायरे में लाने की तैयारी तो कर रही है, लेकिन केंद्र की तरफ से अभी तक हरी झंडी नहीं मिली है.

केंद्र की ओर से मामला अटका
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Published : Jun 14, 2019, 2:21 PM IST

जयपुर.प्रदेश में गहलोत सरकार क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू करने की बात तो कह रही है. लेकिन केंद्र की ओर से मामला अटका हुआ है. दरअसल केंद्र सरकार इस एक्ट के माध्यम से निजी अस्पतालों को कानून के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है. लेकिन अभी तक एक्ट के नियम तैयार नहीं हो पाए हैं.

केंद्र की ओर से मामला अटका

राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि हमने इसे लेकर कई बार केंद्र से बात भी की है. लेकिन नियम नहीं बनने का हवाला देकर अभी तक इसे लागू नहीं किया जा सका है. हालांकि कुछ समय पहले क्लीनिकल लैबोरेट्री पर यह नियम लागू हो चुका है. लेकिन निजी अस्पतालों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार एक नहीं हो सकी है.

एक्टू लागू तो यह मिलेगा फायदा
अगर प्रदेश में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू होता है, तो इसका सबसे ज्यादा फायदा मरीजों को मिलेगा . दरअसल एक्ट लागू होने के बाद निजी अस्पताल कानून के दायरे में आ जाएंगे. वहीं मरीज के इलाज में खर्च होने वाले पैसों का ब्यौरा सार्वजनिक करना पड़ेगा.

जयपुर.प्रदेश में गहलोत सरकार क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू करने की बात तो कह रही है. लेकिन केंद्र की ओर से मामला अटका हुआ है. दरअसल केंद्र सरकार इस एक्ट के माध्यम से निजी अस्पतालों को कानून के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है. लेकिन अभी तक एक्ट के नियम तैयार नहीं हो पाए हैं.

केंद्र की ओर से मामला अटका

राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि हमने इसे लेकर कई बार केंद्र से बात भी की है. लेकिन नियम नहीं बनने का हवाला देकर अभी तक इसे लागू नहीं किया जा सका है. हालांकि कुछ समय पहले क्लीनिकल लैबोरेट्री पर यह नियम लागू हो चुका है. लेकिन निजी अस्पतालों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार एक नहीं हो सकी है.

एक्टू लागू तो यह मिलेगा फायदा
अगर प्रदेश में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू होता है, तो इसका सबसे ज्यादा फायदा मरीजों को मिलेगा . दरअसल एक्ट लागू होने के बाद निजी अस्पताल कानून के दायरे में आ जाएंगे. वहीं मरीज के इलाज में खर्च होने वाले पैसों का ब्यौरा सार्वजनिक करना पड़ेगा.

Intro:केंद्र के स्तर पर अटका क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट

जयपुर- प्रदेश में सरकार क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के माध्यम से निजी अस्पतालों को कानून के दायरे में लाने की तैयारी तो कर रही है लेकिन केंद्र की तरफ से अभी तक हरी झंडी नहीं मिली है


Body:प्रदेश में गहलोत सरकार क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू करने की बात तो कह रही है लेकिन केंद्र की ओर से मामला अटका हुआ है दरअसल केंद्र सरकार इस एक्ट के माध्यम से निजी अस्पतालों को कानून के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है लेकिन अभी तक एक्ट के नियम तैयार नहीं हो पाए हैं राज्य सरकार के अधिकारियों का कहना है कि हमने इसे लेकर कई बार केंद्र से बात भी की है लेकिन नियम नहीं बनने का हवाला देकर अभी तक इसे लागू नहीं किया जा सका है हालांकि कुछ समय पहले क्लीनिकल लैबोरेट्री पर यह नियम लागू हो चुका है लेकिन निजी अस्पतालों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार एक नहीं हो सकी है

एक्टू लागू तो यह मिलेगा फायदा

अगर प्रदेश में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू होता है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा मरीजों को मिलेगा दरअसल एक्ट लागू होने के बाद निजी अस्पताल कानून के दायरे में आ जाएंगे और मरीज के इलाज में खर्च होने वाले पैसों का ब्यौरा सार्वजनिक करना पड़ेगा

बाईट- डॉ समित शर्मा एमडी एनएचएम



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