जयपुर. प्रदेश में विधानसभा चुनाव में अब 1 साल का समय ही रह गया है और कर्मचारी संगठनों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया (State govt employees protest in Rajasthan) है. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के बैनर तले गुरुवार को प्रदेश भर में राज्य कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोला और चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती हैं, तो आने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर भी महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में राज्य कर्मचारियों ने गहलोत सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
दरअसल खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने और चुनावी वादों को पूरा करने के लिए राज्य कर्मचारी पिछले काफी समय से आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन मांगे नहीं मानने के कारण राज्य कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है. गुरुवार को प्रदेश भर में सभी जिला मुख्यालयों पर राज्य कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर आक्रोश जताया और जिला कलेक्टर के जरिये मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. जयपुर में भी प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में कर्मचारियों ने जिला प्रशासन को 21 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा.
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राठौड़ ने बताया कि सरकार ने 4 साल केवल आश्वासन देकर ही निकाल दिए. उन्होंने कहा कि यदि सरकार हमारी मांग नहीं मानती है, तो सभी संभागों पर आने वाले समय में सरकार के खिलाफ आंदोलन जाएगा और इसकी शुरुआत 4 जनवरी को कोटा संभाग से होगी. इसके बाद 11 जनवरी को उदयपुर, 18 जनवरी को बीकानेर, 23 जनवरी को अजमेर, 2 फरवरी को जोधपुर, 8 फरवरी को भरतपुर, 17 फरवरी को जयपुर संभाग में प्रदर्शन किए जाएंगे.
सभी संभागों में संभागीय आयुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा. राठौड़ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि गहलोत सरकार ने अपने 4 साल में किसी भी चुनावी वादे को पूरा नहीं किया है. वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए बनाई गई सामंत और खेमराज कमेटी की रिपोर्ट सरकार ने आज तक सार्वजानिक नहीं की है. इसके अलावा संविदाकर्मियों को नियमित करने का चुनावी वादा भी आज तक अधूरा है.
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राठौड़ ने कहा कि चयनित वेतनमान का परिलाभ 9, 18 और 27 के स्थान पर 8, 16, 24, 32 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होने पर पदोन्नति पद के समान वेतन देने पर सैद्धांतिक सहमति बन चुकी है, लेकिन इसके आदेश आज तक जारी नहीं किए गए हैं. इसी तरह से मंत्रालयिक कर्मचारियों को सचिवालय कर्मचारियों के समान वेतनमान देने और द्वितीय पदोन्नति ग्रेड पे 4200 करने के आदेश जारी करने की मांग की. कर्मचारियों ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि 4 वर्ष के कार्यकाल में सरकार ने लंबित मांग पत्र पर एक बार भी वार्ता की पहल नहीं की.
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राठौड़ ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि समय रहते कर्मचारियों की मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आने वाले विधानसभा चुनाव में सरकार को उसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. प्रदर्शन के दौरान राठौड़ के अलावा कर्मचारी नेता छोटे लाल मीणा, कुलदीप यादव, गिर्राज शर्मा, राजेंद्र प्रसाद शर्मा, अमरजीत सिंह सैनी, उमेश शर्मा, बाबूलाल शर्मा, महेश कुमार, भंवर सिंह धीरावत, राजेश पारीक आदि भी मौजूद रहे.