जयपुर. प्रदेश में राइट टू हेल्थ बिल को लेकर बीते 17 दिनों से डॉक्टरों की हड़ताल जारी है. डॉक्टरों ने अपने आंदोलन को तेज करते हुए अब इसमें परिवारों को भी शामिल करना शुरू कर दिया है. वहीं, रविवार को डॉक्टरों ने Right to Health Bill के विरोध में रैली निकाली थी. जिसमें बच्चों को भी शामिल किया गया था. हालांकि, अब रैली में बच्चों को शामिल करने पर बाल संरक्षण आयोग ने सख्ती दिखाई है. राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने रैली में बच्चों को शामिल करने को उनके अधिकारों का हनन करार देते हुए मामले में संज्ञान लिया है और जयपुर के कलेक्टर से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.
आयोग ने लिया संज्ञान - राज्य बाल आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने बताया कि समाचार पत्रों के जरिए उन्हें इसकी जानकारी हुई. उन्होंने बताया कि रविवार को बस की ओर से त्रिमूर्ति सर्किल से निकाली गई रैली में नाबालिग बच्चों को शामिल किया गया था, जो कि बाल अधिकारों का उल्लंघन है. बाल अधिकारों के हनन की इस घटना को आयोग बड़ी गंभीरता से लेता है. आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि इस प्रकरण में नियमानुसार जांच और आवश्यक कार्रवाई करने के लिए जयपुर जिला कलेक्टर को निर्देश दिया गया है. कलेक्टर इस पूरे मामले की रिपोर्ट तीन दिन में आयोग के समक्ष पेश करेंगे.
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बता दें कि RTH के विरोध में प्रदेश भर के डॉक्टर हड़ताल पर है. सरकार के सामने विरोध दर्ज कराने के लिए पैदल मार्च भी निकाले जा रहे हैं. इसी कड़ी में रविवार को राजधानी जयपुर में डॉक्टर्स ने रैली निकाली थी. जिसमें चिकित्सकों के परिवारों को शामिल किया गया था. इस दौरान विरोध मार्च में नाबालिग बच्चे हाथों में तख्तियां लिए नजर आए थे. इसी को लेकर अब बाल आयोग ने सख्त रुख अख्तियार किया है.