जयपुर. कहने को तो प्रदेश भाजपा पूरी तरीके से अपने आप को संगठित बताती है. कैडर बेस पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एकजुटता के संदेश को आगे बढ़ा रही है, लेकिन राजस्थान में बीजेपी कहीं भी संगठित होती हुई दिखाई नहीं देती है. बीजेपी में जिस तरह से अंदरखाने गुटबाजी चल रही है, वह साफ दिखा रही है की पार्टी में सब कुछ सामान्य नहीं है.
इसकी बड़ी वजह यह भी है कि 4 मार्च यानी शनिवार को प्रदेश में 2 बड़े कार्यक्रम हो रहे हैं. पहला पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस बार अपने जन्मदिन को नियमित तिथि यानी 8 मार्च की जगह 4 मार्च को ही मना रही हैं. चुरू जिले के सालासर बालाजी धाम पर होने वाले इस जन्मोत्सव को राज्य का विधानसभा चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन भी माना जा रहा है. इसी बीच भाजपा युवा मोर्चा ने भी पेपर लीक मामले को लेकर इसी दिन यानी 4 मार्च को विधानसभा घेराव का ऐलान कर दिया है. दोनों ही कार्यक्रमों की तारीख एक ही होना यह दर्शाता है कि पार्टी कैसे गुटबाजी में बंटी हुई है. वसुंधरा राजे के समर्थक जहां इस जन्मदिन समारोह को भव्य बनाने में जुटे हैं, वहीं प्रदेश संगठन ने भी युवा मोर्चा के विधानसभा घेराव को सफल बनाने के लिए फरमान जारी कर दिया है. प्रदेश संगठन का फरमान है कि 4 मार्च को बीजेपी के तमाम विधायक और पदाधिकारी जयपुर में रहेंगे. अब राजनीति के जानकार यह मान रहे हैं कि प्रदेश संगठन की ओर से जारी किए गए निर्देश वसुंधरा राजे के शक्ति प्रदर्शन को कमजोर करने की रणनीति है.
विधायक और पदाधिकारी रहेंगे जयपुर में - भाजपा प्रदेश महामंत्री और युवा मोर्चा प्रदेश प्रभारी सुशील कटारा ने भी माना कि 4 मार्च को युवा मोर्चा के विधानसभा घेराव में सभी विधायकों और मोर्चों के पदाधिकारियों को जयपुर में रहने के लिए कहा गया है. कटारा ने बताया कि प्रदेश में और कुछ हुआ या नहीं लेकिन पेपर लीक का रिकॉर्ड बन गया. एक दो नहीं, बल्कि 4 साल में 18 परीक्षा के पेपर लीक हुए. अब सोई हुई सरकार को जगाने के लिए 4 मार्च को बीजेपी मुख्यालय से मार्च करते हुए विधानसभा का घेराव करेंगे.
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कार्यकर्ता कंफ्यूज - पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के जन्मदिन को सफल बनाने और इसमें अधिक से अधिक संख्या में भीड़ जुटाने के लिए वसुंधरा राजे के समर्थक सघन जनसंपर्क कर रहे हैं. प्रत्येक जिले जिले से लोगों को बुलाया जा रहा है. राजे के इस जन्म दिवस पर होने वाले समारोह में डेढ़ लाख से अधिक भीड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. युवा मोर्चा के विधानसभा घेराव को भी सफल बनाने के लिए प्रदेश संगठन पूरी तरीके से ताकत के साथ जुटा हुआ है. युवा मोर्चा ने भी एक लाख अधिक भीड़ के साथ विधानसभा घेराव का लक्ष्य रखा है. इसके लिए जिलों के पदाधिकारियों को टारगेट भी दिया गया है. ऐसे में कार्यकर्ता भी पसोपेश में हैं कि कहां जाएं?
इधर पूनिया ने तो उधर, राजे समर्थकों ने संभाल मोर्चा - एक ही दिन होने वाले इन दोनों बड़े कार्यक्रमों का सियासी मायने इस आधार पर भी निकाला जा सकता है कि विधायक प्रताप सिंह सिंघवी, कालीचरण सर्राफ, पूर्व विधायक अशोक परनमी, प्रहलाद गुंजल और यूनुस खान जैसे नेता भी जन्म दिन की तैयारियों में लगे हुए हैं. उधर विधानसभा का घेराव भले ही युवा मोर्चा का हो, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया पूरी तरह से सक्रिय हैं. यहां तक कि पूनिया ने विधायक दल की बैठक में घेराव को सफल बनाने का आह्वान किया. इतना ही नहीं हर दिन पूनिया बैठकें ले रहे हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाई जा सके. बताया ये भी जा रहा है कि युवा मोर्चा के विधानसभा का घेराव की तारीख भी सतीश पूनिया ने ही तय की थी और वो भी वसुंधरा राजे के जन्मदिन समारोह की तारीख तय होने बाद.
राजे खेमे के विधायक - विधानसभा घेराव के दिन सभी विधायकों को जयपुर में रहने के निर्देश दिए, लेकिन भाजपा के ज्यादातर विधायक वसुंधरा राजे खेमे हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में राजे ने भाजपा के टिकट चयन में बड़ी भूमिका अदा की थी. माना जाता है कि बीजेपी के 76 विधायकों में से 45 से 50 विधायक राजे खेमे के हैं. इसमें कालीचरण सराफ, प्रताप सिंह सिंघवी जैसे सीनियर विधायक के नाम शामिल हैं. ऐसे में संगठन को आशंका है कि ज्यादातर विधायक सालासर जा सकते हैं. अब प्रदेश संगठन इस पर पैनी नजर बनाए हुए है कि कौन कौन पार्टी के पदाधिकारी और विधायक राजे के जन्मदिन समारोह में शामिल होंगे. वसुंधरा राजे के समर्थक प्रताप सिंह सिंघवी ने भी कहा कि वह भी वसुंधरा राजे को जन्मदिन की बधाई देने के लिए सालासर बालाजी जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं है, लेकिन जो भी वसुंधरा राजे को पसंद करता है उनके साथ जुड़ा हुआ है, वह निश्चित रूप से उन्हें बधाई व शुभकामना देने के लिए सालासर बालाजी धाम पहुंचेगा.