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ईटीपीबीएस पोर्टल के माध्यम से लोकसभा चुनाव में सर्विस वोटरों के पास पहली बार पहुंचेगा ऑनलाइन मतपत्र

भारत निर्वाचन आयोग ने सर्विस वोटरों के लिए पहली बार लोकसभा चुनाव में मतदान की विशेष व्यवस्था की है. इसके तहत सर्विस मतदाता ईटीपीबीएस सुविधा के माध्यम से मतदान कर सकेंगे. इससे पहले विधानसभा चुनाव में भी सर्विस वोटरों को ईटीपीबीएस की सुविधा दी गई थी.

भारत निर्वाचन आयोग ने सर्विस वोटरों के लिए लोकसभा चुनाव में मतदान की विशेष व्यवस्था की
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Published : May 1, 2019, 3:07 PM IST

जयपुर. सर्विस वोटर ईटीपीबीएस सुविधा के माध्यम से मतदान कर सकेंगे. पहली बार सर्विस वोटरों के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष व्यवस्था की है. ईटीपीबीएस के माध्यम से सर्विस वोटरों को ऑनलाइन बैलट पेपर भेजा जाता है. उसे डाउनलोड करके सर्विस वोटर डाक के माध्यम से मतदान पत्र वापस भेजता है. भारत निर्वाचन आयोग ने साफ किया है कि मतगणना के दिन सुबह 8:00 बजे तक प्राप्त सर्विस वोटरों के बैलेट पेपर को मतगणना में शामिल किया जाएगा.इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट लिफाफे में बंद कर 23 मई सुबह 8:00 बजे तक भेजे जा सकते हैं. 23 मई को मतगणना होगी इसलिए 23 मई मतगणना के दिन सुबह 8:00 बजे तक प्राप्त इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट को मतगणना में शामिल किया जाएगा. इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट डाऊनलोड करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल थी.

भारत निर्वाचन आयोग ने सर्विस वोटरों के लिए लोकसभा चुनाव में मतदान की विशेष व्यवस्था की
पहले डाक से जाते थे मतपत्रसभी वोटरों के लिए मतपत्र पहले डाक से जाते थे और डाक से ही वापस आते थे. इस तरह डाक से जाने और आने में काफी समय खर्च हो जाता था. और कई सर्विस वोटर मतदान से वंचित हो जाते थे. इसी को ध्यान में रखते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने ईटीपीबीएस (इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट सिस्टम) पोर्टल बनाया है.

पोर्टल के माध्यम से पहले चरण में ईआरओ का काम होता है. सर्विस वोटर servicevoter.nic.in पर अपना रजिस्ट्रेशन करते हैं. इसके बाद ईआररों उस सूची को निष्पादित करते हैं कि किस को अप्रूवल देना है और किस को रिजेक्ट करना है. इसके बाद ईआररों एक्सल फॉरमैट में सूची को अपने कंप्यूटर में डाउनलोड करता है. नामांकन वापसी के बाद तैयार सूची को ईटीपीबीएस पोर्टल पर अपलोड किया जाता है. इसके बाद आरओ का काम होता है. आरओ नॉमिनेशन की अंतिम तिथि के बाद इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट तैयार करते हैं. जिसमें उम्मीदवार की फोटो और नाम होता है. इसमें नोटा को भी मेंशन किया जाता है. इसके बाद इस मतपत्र को ईटीपीबीएस पोर्टल पर अपलोड किया जाता है. इसमें सभी सर्विस वोटरों के लिए डाउनलोड करने की अंतिम तिथि और भेजने की तिथि को भी दर्शाया जाता है.

अपलोड करने के बाद उसे रिवियु और अप्रूव किया जाता है. इसके बाद में ईपीवी पिन जनरेट करते हैं. ईपीवी पिन जनरेट करते ही रिकॉर्ड ऑफिसर के मोबाइल पर एसएमएस के जरिए और ईमेल से मैसेज जाता है. रिकॉर्ड ऑफिसर यह इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट यूनिट ऑफिसर को भेजते हैं और यूनिट ऑफिसर उसे डाउनलोड करके सर्विस वोटर को प्रोवाइड करवाते हैं. सर्विस वोटर मतदान का उपयोग करके पहले से ही भेजे गए लिफाफे में बंद करके इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट भेजते हैं. जयपुर जिले में कुल 9654 वोटर है. जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर 1303 और जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर 9056 सर्विस वोटर है.

जयपुर. सर्विस वोटर ईटीपीबीएस सुविधा के माध्यम से मतदान कर सकेंगे. पहली बार सर्विस वोटरों के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष व्यवस्था की है. ईटीपीबीएस के माध्यम से सर्विस वोटरों को ऑनलाइन बैलट पेपर भेजा जाता है. उसे डाउनलोड करके सर्विस वोटर डाक के माध्यम से मतदान पत्र वापस भेजता है. भारत निर्वाचन आयोग ने साफ किया है कि मतगणना के दिन सुबह 8:00 बजे तक प्राप्त सर्विस वोटरों के बैलेट पेपर को मतगणना में शामिल किया जाएगा.इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट लिफाफे में बंद कर 23 मई सुबह 8:00 बजे तक भेजे जा सकते हैं. 23 मई को मतगणना होगी इसलिए 23 मई मतगणना के दिन सुबह 8:00 बजे तक प्राप्त इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट को मतगणना में शामिल किया जाएगा. इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट डाऊनलोड करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल थी.

भारत निर्वाचन आयोग ने सर्विस वोटरों के लिए लोकसभा चुनाव में मतदान की विशेष व्यवस्था की
पहले डाक से जाते थे मतपत्रसभी वोटरों के लिए मतपत्र पहले डाक से जाते थे और डाक से ही वापस आते थे. इस तरह डाक से जाने और आने में काफी समय खर्च हो जाता था. और कई सर्विस वोटर मतदान से वंचित हो जाते थे. इसी को ध्यान में रखते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने ईटीपीबीएस (इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट सिस्टम) पोर्टल बनाया है.

पोर्टल के माध्यम से पहले चरण में ईआरओ का काम होता है. सर्विस वोटर servicevoter.nic.in पर अपना रजिस्ट्रेशन करते हैं. इसके बाद ईआररों उस सूची को निष्पादित करते हैं कि किस को अप्रूवल देना है और किस को रिजेक्ट करना है. इसके बाद ईआररों एक्सल फॉरमैट में सूची को अपने कंप्यूटर में डाउनलोड करता है. नामांकन वापसी के बाद तैयार सूची को ईटीपीबीएस पोर्टल पर अपलोड किया जाता है. इसके बाद आरओ का काम होता है. आरओ नॉमिनेशन की अंतिम तिथि के बाद इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट तैयार करते हैं. जिसमें उम्मीदवार की फोटो और नाम होता है. इसमें नोटा को भी मेंशन किया जाता है. इसके बाद इस मतपत्र को ईटीपीबीएस पोर्टल पर अपलोड किया जाता है. इसमें सभी सर्विस वोटरों के लिए डाउनलोड करने की अंतिम तिथि और भेजने की तिथि को भी दर्शाया जाता है.

अपलोड करने के बाद उसे रिवियु और अप्रूव किया जाता है. इसके बाद में ईपीवी पिन जनरेट करते हैं. ईपीवी पिन जनरेट करते ही रिकॉर्ड ऑफिसर के मोबाइल पर एसएमएस के जरिए और ईमेल से मैसेज जाता है. रिकॉर्ड ऑफिसर यह इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट यूनिट ऑफिसर को भेजते हैं और यूनिट ऑफिसर उसे डाउनलोड करके सर्विस वोटर को प्रोवाइड करवाते हैं. सर्विस वोटर मतदान का उपयोग करके पहले से ही भेजे गए लिफाफे में बंद करके इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट भेजते हैं. जयपुर जिले में कुल 9654 वोटर है. जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर 1303 और जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर 9056 सर्विस वोटर है.

Intro:जयपुर। भारत निर्वाचन आयोग ने सर्विस वोटरो के लिए पहली बार लोकसभा चुनाव में मतदान की विशेष व्यवस्था की है। इसके तहत सर्विस मतदाता ईटीपीबीएस सुविधा के माध्यम से मतदान कर सकेंगे। इससे पहले विधानसभा चुनाव में भी सर्विस वोटर को ईटीपीबीएस की सुविधा दी गई थी। ईटीपीबीएस के माध्यम से सर्विस वोटरों को ऑनलाइन बैलट पेपर भेजा जाता है उसे डाउनलोड करके सर्विस वोटर डाक के माध्यम से मतदान पत्र वापस भेजता है। भारत निर्वाचन आयोग ने साफ किया है कि मतगणना के दिन सुबह 8:00 बजे तक प्राप्त सर्विस वोटरों के बैलेट पेपर को मतगणना में शामिल किया जाएगा।


Body:पहले डाक से जाते थे मत पत्र-
सभी वोटरों के लिए मतपत्र पहले डाक से जाते थे और डाक से ही वापस आते थे। इस तरह डाक से जाने और आने में काफी समय खर्च हो जाता था और कई सर्विस वोटर मतदान से वंचित हो जाते थे। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने ईटीपीबीएस (इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट सिस्टम) पोर्टल बनाया है।
पहले चरण में यह होता है काम-
पोर्टल के माध्यम से पहले चरण में ईआरओ का काम होता है। सर्विस वोटर servicevoter.nic.in par अपना रजिस्ट्रेशन करते हैं। इसके बाद ईआररों उस सूची को निष्पादित करते हैं कि किस को अप्रूवल देना है और किस को रिजेक्ट करना है। इसके बाद ईआररों एक्सल फॉरमैट में सूची को अपने कंप्यूटर में डाउनलोड करता है। नामांकन वापसी के बाद तैयार सूची को ईटीपीबीएस पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। इसके बाद आरओ का काम होता है। आरओ नॉमिनेशन की अंतिम तिथि के बाद इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट तैयार करते हैं जिसमें उम्मीदवार की फोटो और नाम होता है। इसमें नोटा को भी मेंशन किया जाता है। इसके बाद इस मतपत्र को ईटीपीबीएस पोर्टल पर अपलोड किया जाता है इसमें सभी सर्विस वोटरों के लिए डाउनलोड करने की अंतिम तिथि और भेजने की तिथि को भी दर्शाया जाता है।





Conclusion:को अपलोड करने के बाद उसे रिवियु और अप्रूव किया जाता है इसके बाद में ईपीवी पिन जनरेट करते हैं। ईपीवी पिन जनरेट करते ही रिकॉर्ड ऑफिसर के मोबाइल पर एसएमएस के जरिए और ईमेल से मैसेज जाता है। रिकॉर्ड ऑफिसर यह इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट यूनिट ऑफीसर को भेजते हैं और यूनिट ऑफिसर उसे डाउनलोड करके सर्विस वोटर को प्रोवाइड करवाते हैं और सर्विस वोट वोटर मतदान का उपयोग करके पहले से ही भेजे गए लिफाफे में बंद करके इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट भेजते हैं। जयपुर जिले में कुल 9654 वोटर है। जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर 1303 और जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर 9056 सर्विस वोटर है जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट में अलवर का बानसूर विधानसभा क्षेत्र भी शामिल है।
इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट लिफाफे में बंद कर 23 मई सुबह 8:00 बजे तक भेजे जा सकते हैं 23 मई को मतगणना होगी इसलिए 23 मई मतगणना के दिन सुबह 8:00 बजे तक प्राप्त इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट को मतगणना में शामिल किया जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट डाऊनलोड करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल थी।

बाईट आईटी प्रभारी रितेश कुमार शर्मा

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