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Rajasthan Budget 2023: गलत जवाब पर बिफरे स्पीकर जोशी, कहा- ऐसा करने से समाप्त होगी सदन की गरिमा

आज राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान स्पीकर सीपी जोशी मंत्री सुखराम बिश्नोई पर बिफर गए. इस दौरान मंत्री को गलत जानकारी देने पर स्पीकर ने (Speaker CP Joshi upset over wrong answer) नसीहत दी.

Rajasthan Budget 2023
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Published : Jan 31, 2023, 1:40 PM IST

Updated : Jan 31, 2023, 5:55 PM IST

सदन में बिफरे स्पीकर सीपी जोशी

जयपुर. विधानसभा में मंगलवार को कई सवालों के जवाब में मंत्री उलझते दिखाई दिए. चाहे तहसीलदार नियुक्ति मामले में राजस्व मंत्री रामलाल जाट हो या फिर एसडीआरएफ के नियम को लेकर आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल हो. इन दोनों ही मंत्रियों पर स्पीकर नाराज दिखे. उन्होंने मंत्रियों से साफ कहा कि नियम सरकार बनाती है और अगर वो प्रैक्टिकल नहीं है तो उसमें जनता के हिसाब से बदलाव करना चाहिए. दरअसल, श्रम कल्याण से जुड़े एक सवाल पर गलत जवाब दिए जाने पर स्पीकर जोशी नाराज हो गए. उन्होंने मंत्री से इस मामले में अधिकारियों पर कार्रवाई करने और सवाल के जवाब तैयार कर विधानसभा में आने की हिदायत दी.

अमृतलाल मीणा ने अपने सवाल के जवाब पर सरकार से सवाल उठाते हुए कहा कि 12,331 लोगों को पेमेंट कैसे हुए, जब फार्म ही 12,104 थे. विधायक ने कहा कि इसका जवाब दें कि क्या मंत्री के खाते से ये पैसा दिए गए. इसपर मंत्री सुखराम बिश्नोई एकदम से सकपका गए. वहीं, इस मामले में गलत जवाब आने पर स्पीकर सीपी जोशी भी मंत्री पर बिफर गए. उन्होंने कहा कि प्रश्न आता है तो सेक्रेटरी लेवल और मंत्री लेवल पर स्क्रूटनी होता है. विधायक का प्रश्न वाजिब है आपने कहा कि हमने 12331 को पेमेंट किया गया है. जबकि फार्म 12,104 थे. साथ ही स्पीकर ने मंत्री से पूछा कि क्या अब इसकी कोई स्टडी हो रही है या नहीं? जिस पर मंत्री ने कहा कि जानकारी लेंगे और फिर जवाब देने वाले अधिकारी को नोटिस देंगे.

इस पर स्पीकर ने कहा कि वो सरकार के मंत्रियों को कहना चाहता हैं कि कि गैर जिम्मेदारी से प्रश्न का उत्तर आना हम सब के लिए चिंता का विषय है. सरकार से अपेक्षा की जाती है कि सदन में जो जवाब आए वह जवाब मंत्री पूरी स्कूटनी करके दें, वरना सदन की गरिमा समाप्त हो जाएगी. साथ ही स्पीकर ने मंत्री को संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात कही. वहीं, इस पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मंत्री ऑफिसर गैलरी की तरफ देख कर बात कर रहे हैं.

इसे भी पढ़ें - Rajasthan Budget 2023: 3 साल में साइबर अपराध के मामलों में सिर्फ एक फीसद केस में चालान, मंत्री धारीवाल ने कहा- पहले भी थे यही हाल

वहीं, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. यह सदन है. यहां तमाशा नहीं जनता के हित के विषयों पर चर्चा होती है. हालांकि, जब संबंधित मंत्री इस पर बोलने लगे तो स्पीकर जोशी खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि इस जवाब पर आप और ज्यादा समस्या न बढ़ाएं. यह एक गंभीर प्रश्न है और मैं अपेक्षा करता हूं आप इस संबंध में सेक्रेटरी से जानकारी लेकर आगे सदन में अपनी बात रखेंगे.

उप पंजीयक का पद 2015 से खाली - राजस्थान विधानसभा में आज नोखा में उप पंजीयक के पद खाली होने पर विधायक बिहारी लाल ने सवाल उठाया. इस पर जवाब देते हुए राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि 2015 से पटवारी के रिटायर होने के बाद से ही पद खाली चल रहा है. जब भर्ती होगी तब यह पद भर दिया जाएगा. उनका काम बाधित नहीं है. इस पर बिहारी लाल ने कहा कि 147 रेवेन्यू विलेज है, 57 पटवार मंडल है प्रति महीने 900 पंजीकृत प्रकरण आते हैं. नियम के अनुसार 30 से 40 मिनट में जो काम होना चाहिए उसे 7 से 10 दिन लग रहे हैं. किसानों के म्यूटेशन और केसीसी के काम नहीं होते. उन्होंने कहा कि 7 साल से तहसीलदार नहीं है, इस पर जल्द नियुक्ति हो.

जनता परेशान है तो सरकार बदले नियम - जवाब देते हुए रामलाल जाट ने कहा कि 58 साल की पात्रता है, जल्द ही हम इनकी भर्तियां कर देंगे. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि 2015 से यह पद खाली है, भर्ती भी हुई है लेकिन भर्ती होने के बावजूद भी यह पद खाली है. प्राथमिकता के आधार पर लंबे समय से जो पद खाली है वहां पर तहसीलदार लगाएं. इस पर रामलाल जाट ने कहा कि इसमें कुछ पत्रताएं हैं और सदन में मैं झूठा आश्वासन दूंगा तो वह रिकॉर्ड में चली जाएगी. इसमें तहसीलदार की उम्र 58 साल चाहिए और 2 साल का अनुभव होना चाहिए. इस पर स्पीकर जोशी ने कहा कि नियम तो हम बनाते हैं जब हमको मालूम है कि नियम में तकलीफ आ रही है तो फिर नए नियम बनाकर रिलैक्सेशन दे दें. नियम हमारी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बनाते हैं. प्रॉब्लम है तो सरकार को बदलने के लिए देखना चाहिए.

गोविंद मेघवाल पर जताई नाराजगी - इस दौरान सदन में जमकर ठहाके लगे. इसी तरह के एक सवाल के जवाब में मंत्री गोविंद मेघवाल ने कहा कि अलग-अलग नियम है. इसके तहत किसी को राहत मिल रही है तो किसी को राहत नहीं मिल रही है. इस पर स्पीकर जोशी ने गोविंद मेघवाल पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जानकारी अलग बात है. एसडीआरएफ के नियम हम बनाते हैं, लघु सीमांत कृषकों की ओर से नियम बने हुए हैं, नॉर्म्स बनाने की जिम्मेदारी सरकार की है. इसमें किसान को फायदा नहीं मिल रहे तो फिर एसडीआरएफ के नियम किसके लिए बनाएं. नियम तो जनता को राहत देने के लिए बनाए गए हैं, फिर नियम को बदलने के लिए हम क्यों कुछ नहीं कर रहे हैं. इस पर गोविंद मेघवाल ने कहा कि हम नियमों में संशोधन करेंगे और 45 बकरी आज इस गरीब की मरी है उसे लाभ पहुंचाएंगे.

सदन में बिफरे स्पीकर सीपी जोशी

जयपुर. विधानसभा में मंगलवार को कई सवालों के जवाब में मंत्री उलझते दिखाई दिए. चाहे तहसीलदार नियुक्ति मामले में राजस्व मंत्री रामलाल जाट हो या फिर एसडीआरएफ के नियम को लेकर आपदा राहत मंत्री गोविंद मेघवाल हो. इन दोनों ही मंत्रियों पर स्पीकर नाराज दिखे. उन्होंने मंत्रियों से साफ कहा कि नियम सरकार बनाती है और अगर वो प्रैक्टिकल नहीं है तो उसमें जनता के हिसाब से बदलाव करना चाहिए. दरअसल, श्रम कल्याण से जुड़े एक सवाल पर गलत जवाब दिए जाने पर स्पीकर जोशी नाराज हो गए. उन्होंने मंत्री से इस मामले में अधिकारियों पर कार्रवाई करने और सवाल के जवाब तैयार कर विधानसभा में आने की हिदायत दी.

अमृतलाल मीणा ने अपने सवाल के जवाब पर सरकार से सवाल उठाते हुए कहा कि 12,331 लोगों को पेमेंट कैसे हुए, जब फार्म ही 12,104 थे. विधायक ने कहा कि इसका जवाब दें कि क्या मंत्री के खाते से ये पैसा दिए गए. इसपर मंत्री सुखराम बिश्नोई एकदम से सकपका गए. वहीं, इस मामले में गलत जवाब आने पर स्पीकर सीपी जोशी भी मंत्री पर बिफर गए. उन्होंने कहा कि प्रश्न आता है तो सेक्रेटरी लेवल और मंत्री लेवल पर स्क्रूटनी होता है. विधायक का प्रश्न वाजिब है आपने कहा कि हमने 12331 को पेमेंट किया गया है. जबकि फार्म 12,104 थे. साथ ही स्पीकर ने मंत्री से पूछा कि क्या अब इसकी कोई स्टडी हो रही है या नहीं? जिस पर मंत्री ने कहा कि जानकारी लेंगे और फिर जवाब देने वाले अधिकारी को नोटिस देंगे.

इस पर स्पीकर ने कहा कि वो सरकार के मंत्रियों को कहना चाहता हैं कि कि गैर जिम्मेदारी से प्रश्न का उत्तर आना हम सब के लिए चिंता का विषय है. सरकार से अपेक्षा की जाती है कि सदन में जो जवाब आए वह जवाब मंत्री पूरी स्कूटनी करके दें, वरना सदन की गरिमा समाप्त हो जाएगी. साथ ही स्पीकर ने मंत्री को संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात कही. वहीं, इस पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मंत्री ऑफिसर गैलरी की तरफ देख कर बात कर रहे हैं.

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वहीं, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. यह सदन है. यहां तमाशा नहीं जनता के हित के विषयों पर चर्चा होती है. हालांकि, जब संबंधित मंत्री इस पर बोलने लगे तो स्पीकर जोशी खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि इस जवाब पर आप और ज्यादा समस्या न बढ़ाएं. यह एक गंभीर प्रश्न है और मैं अपेक्षा करता हूं आप इस संबंध में सेक्रेटरी से जानकारी लेकर आगे सदन में अपनी बात रखेंगे.

उप पंजीयक का पद 2015 से खाली - राजस्थान विधानसभा में आज नोखा में उप पंजीयक के पद खाली होने पर विधायक बिहारी लाल ने सवाल उठाया. इस पर जवाब देते हुए राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि 2015 से पटवारी के रिटायर होने के बाद से ही पद खाली चल रहा है. जब भर्ती होगी तब यह पद भर दिया जाएगा. उनका काम बाधित नहीं है. इस पर बिहारी लाल ने कहा कि 147 रेवेन्यू विलेज है, 57 पटवार मंडल है प्रति महीने 900 पंजीकृत प्रकरण आते हैं. नियम के अनुसार 30 से 40 मिनट में जो काम होना चाहिए उसे 7 से 10 दिन लग रहे हैं. किसानों के म्यूटेशन और केसीसी के काम नहीं होते. उन्होंने कहा कि 7 साल से तहसीलदार नहीं है, इस पर जल्द नियुक्ति हो.

जनता परेशान है तो सरकार बदले नियम - जवाब देते हुए रामलाल जाट ने कहा कि 58 साल की पात्रता है, जल्द ही हम इनकी भर्तियां कर देंगे. इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि 2015 से यह पद खाली है, भर्ती भी हुई है लेकिन भर्ती होने के बावजूद भी यह पद खाली है. प्राथमिकता के आधार पर लंबे समय से जो पद खाली है वहां पर तहसीलदार लगाएं. इस पर रामलाल जाट ने कहा कि इसमें कुछ पत्रताएं हैं और सदन में मैं झूठा आश्वासन दूंगा तो वह रिकॉर्ड में चली जाएगी. इसमें तहसीलदार की उम्र 58 साल चाहिए और 2 साल का अनुभव होना चाहिए. इस पर स्पीकर जोशी ने कहा कि नियम तो हम बनाते हैं जब हमको मालूम है कि नियम में तकलीफ आ रही है तो फिर नए नियम बनाकर रिलैक्सेशन दे दें. नियम हमारी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बनाते हैं. प्रॉब्लम है तो सरकार को बदलने के लिए देखना चाहिए.

गोविंद मेघवाल पर जताई नाराजगी - इस दौरान सदन में जमकर ठहाके लगे. इसी तरह के एक सवाल के जवाब में मंत्री गोविंद मेघवाल ने कहा कि अलग-अलग नियम है. इसके तहत किसी को राहत मिल रही है तो किसी को राहत नहीं मिल रही है. इस पर स्पीकर जोशी ने गोविंद मेघवाल पर नाराजगी जताते हुए कहा कि जानकारी अलग बात है. एसडीआरएफ के नियम हम बनाते हैं, लघु सीमांत कृषकों की ओर से नियम बने हुए हैं, नॉर्म्स बनाने की जिम्मेदारी सरकार की है. इसमें किसान को फायदा नहीं मिल रहे तो फिर एसडीआरएफ के नियम किसके लिए बनाएं. नियम तो जनता को राहत देने के लिए बनाए गए हैं, फिर नियम को बदलने के लिए हम क्यों कुछ नहीं कर रहे हैं. इस पर गोविंद मेघवाल ने कहा कि हम नियमों में संशोधन करेंगे और 45 बकरी आज इस गरीब की मरी है उसे लाभ पहुंचाएंगे.

Last Updated : Jan 31, 2023, 5:55 PM IST
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