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Jaipur: ग्रेटर नगर निगम की पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर को SC से मिली अंतरिम राहत

जयपुर ग्रेटर नगर निगम की पूर्व महापौर सौम्या गुर्जर (Former Mayor Got Interim Relief) को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिली (SC Verdict On Soumya Gurjar) है. उन्हें राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले पर स्टे मिल गया है. सौम्या समेत 3 पार्षदों के निलंबन ने प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया था.

Soumya Gurjar gets relief from SC
पूर्व मेयर को SC से मिली अंतरिम राहत
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Published : Feb 1, 2022, 1:22 PM IST

Updated : Feb 1, 2022, 11:37 PM IST

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेटर नगर निगम की पूर्व मेयर डॉ.सौम्या गुर्जर को अंतरिम राहत (Soumya Gurjar Gets relief from SC in suspension case) दी है. उन्हें राजस्थान हाई कोर्ट के निर्णय पर स्टे मिल गया है. ये आदेश न्यायिक जांच पूरी होने तक प्रभावी रहेगा. ये खबर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के लिए खुशी का सबब बन गई है. पार्टी पिछले साल मेयर समेत 3 पार्षदों के निलंबन को लगातार गलत ठहरा रही थी और इसकी लड़ाई लड़ रही थी.

इस पूरे मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता डॉ.मनीष सिंघवी ने राजस्थान सरकार की तरफ़ से पक्ष रखा. वहीं डॉ.सौम्या की तरफ से अधिवक्ता ने अमन ने दलीलें रखी. इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एमएम सुंदरेष की खंडपीठ ने (SC Verdict On Soumya Gurjar) की.

पढ़ें- EXCLUSIVE : जयपुर ग्रेटर निगम की निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर ने कहा- कार्रवाई एकतरफा, अब खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा

6 जून 2021 का मामला: दरअसल, गहलोत सरकार ने 6 जून को सौम्या गुर्जर को मेयर पद से और अन्य तीन पार्षदों को आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ हुए विवाद के बाद निलंबित (suspension of mayor soumya gurjar) कर दिया था. इस निलंबन के बाद गहलोत सरकार ने इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच भी शुरू करवा दी. सरकार के निलंबन के फैसले को सौम्या गुर्जर ने राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इस पूरे प्रकरण में न्यायिक जांच होने तक दखल देने और निलंबन के आदेशों पर स्टे देने से इंकार कर दिया.

भाजपा ने लगाई SC में गुहार: हाईकोर्ट के राहत नहीं मिलने के बाद सौम्या गुर्जर के समर्थन में भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में चार बार सुनवाई हुई, लेकिन गुर्जर को कोई राहत नहीं मिली. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के निर्णय पर स्टे लगाया है. इसके बाद सौम्या गुर्जर के आवास के बाहर समर्थकों में जश्न का माहौल है. बीजेपी कार्यकर्ता ढोल बजाकर जश्न मना रहे हैं.

अदालत ने यह कहाः सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के 16 जुलाई 2021 के आदेशानुसार प्रार्थिया पर मेयर के तौर पर अनुचित भाषा का उपयोग करने का आरोप है. जबकि अन्य पार्षदों पर अधिकारी के साथ हाथापाई व धक्का-मुक्की करने का आरोप है. प्रार्थिया के मामले में राज्य सरकार की न्यायिक जांच की साक्ष्य प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. ऐसे में न्यायिक जांच कार्रवाई का नतीजा आने तक प्रार्थिया की हद तक उसके निलंबन के आदेश पर रोक लगाया जाना उचित होगा.

सुनवाई के दौरान प्रार्थिया की ओर से कहा कि राज्य सरकार ने उसके मामले में न्यायिक साक्ष्य जांच की प्रक्रिया पूरी कर ली है. राज्य सरकार अब दूसरे अन्य के मामलों में आठ गवाहों के बयान दर्ज करवाना चाहती है और इन दोनों मामलों को एक साथ संलग्न कर अंतिम बहस करवाना चाहती है. इस पर अदालत ने कहा कि वे मामले में राज्य सरकार की कार्रवाई में दखल नहीं दे रहे हैं, लेकिन प्रार्थिया की भूमिका को देखते हुए न्यायिक जांच कार्रवाई का नतीजा आने तक उनके निलंबन आदेश पर रोक लगाई जा रही है.

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेटर नगर निगम की पूर्व मेयर डॉ.सौम्या गुर्जर को अंतरिम राहत (Soumya Gurjar Gets relief from SC in suspension case) दी है. उन्हें राजस्थान हाई कोर्ट के निर्णय पर स्टे मिल गया है. ये आदेश न्यायिक जांच पूरी होने तक प्रभावी रहेगा. ये खबर प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के लिए खुशी का सबब बन गई है. पार्टी पिछले साल मेयर समेत 3 पार्षदों के निलंबन को लगातार गलत ठहरा रही थी और इसकी लड़ाई लड़ रही थी.

इस पूरे मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता डॉ.मनीष सिंघवी ने राजस्थान सरकार की तरफ़ से पक्ष रखा. वहीं डॉ.सौम्या की तरफ से अधिवक्ता ने अमन ने दलीलें रखी. इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस एमएम सुंदरेष की खंडपीठ ने (SC Verdict On Soumya Gurjar) की.

पढ़ें- EXCLUSIVE : जयपुर ग्रेटर निगम की निलंबित मेयर सौम्या गुर्जर ने कहा- कार्रवाई एकतरफा, अब खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा

6 जून 2021 का मामला: दरअसल, गहलोत सरकार ने 6 जून को सौम्या गुर्जर को मेयर पद से और अन्य तीन पार्षदों को आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ हुए विवाद के बाद निलंबित (suspension of mayor soumya gurjar) कर दिया था. इस निलंबन के बाद गहलोत सरकार ने इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच भी शुरू करवा दी. सरकार के निलंबन के फैसले को सौम्या गुर्जर ने राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इस पूरे प्रकरण में न्यायिक जांच होने तक दखल देने और निलंबन के आदेशों पर स्टे देने से इंकार कर दिया.

भाजपा ने लगाई SC में गुहार: हाईकोर्ट के राहत नहीं मिलने के बाद सौम्या गुर्जर के समर्थन में भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में चार बार सुनवाई हुई, लेकिन गुर्जर को कोई राहत नहीं मिली. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट के निर्णय पर स्टे लगाया है. इसके बाद सौम्या गुर्जर के आवास के बाहर समर्थकों में जश्न का माहौल है. बीजेपी कार्यकर्ता ढोल बजाकर जश्न मना रहे हैं.

अदालत ने यह कहाः सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के 16 जुलाई 2021 के आदेशानुसार प्रार्थिया पर मेयर के तौर पर अनुचित भाषा का उपयोग करने का आरोप है. जबकि अन्य पार्षदों पर अधिकारी के साथ हाथापाई व धक्का-मुक्की करने का आरोप है. प्रार्थिया के मामले में राज्य सरकार की न्यायिक जांच की साक्ष्य प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. ऐसे में न्यायिक जांच कार्रवाई का नतीजा आने तक प्रार्थिया की हद तक उसके निलंबन के आदेश पर रोक लगाया जाना उचित होगा.

सुनवाई के दौरान प्रार्थिया की ओर से कहा कि राज्य सरकार ने उसके मामले में न्यायिक साक्ष्य जांच की प्रक्रिया पूरी कर ली है. राज्य सरकार अब दूसरे अन्य के मामलों में आठ गवाहों के बयान दर्ज करवाना चाहती है और इन दोनों मामलों को एक साथ संलग्न कर अंतिम बहस करवाना चाहती है. इस पर अदालत ने कहा कि वे मामले में राज्य सरकार की कार्रवाई में दखल नहीं दे रहे हैं, लेकिन प्रार्थिया की भूमिका को देखते हुए न्यायिक जांच कार्रवाई का नतीजा आने तक उनके निलंबन आदेश पर रोक लगाई जा रही है.

Last Updated : Feb 1, 2022, 11:37 PM IST
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