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जयपुर के सैनिक की कोरोना से मौत, पाकिस्तान बॉर्डर पर था तैनात

कोरोना महामारी ने देश के एक जांबाज सैनिक को छीन लिया. जयपुर के रेनवाल क्षेत्र के रहने वाले हवलदार भागचंद की कोरोना से मौत हो गई. शहीद भागचंद फिरोजपुर के पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात थे. शहीद के पार्थिक शरीर को उनके 10 वर्षीय बेटे ने पीपीई किट पहनकर मुखाग्नि दी.

army soldier died of corona, jaipur jawan martyr
सैनिक की कोरोना संक्रमण से मौत
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Published : Jun 19, 2021, 8:35 PM IST

जयपुर. दुश्मन से कभी हार नहीं मानने का जज्बा रखने वाला एक सैनिक कोरोना बिमारी से जंग नहीं जीत पाया. जिले के रेनवाल थाना क्षेत्र के मलिकपुरा गांव का सैनिक हवलदार भागचंद सामोता 18 दिनों तक कोरोना से लड़ने के बाद आखिरकार दम तोड़ दिया.

सामोता की ढ़ाणी निवासी 38 वर्षीय भागचंद के पार्थिव शरीर को शनिवार को उसके घर लाया गया. शहीद के पार्थिव शरीर को जब उसके 10 वर्ष के बेटे हिंमाशु ने पीपीई किट पहनकर मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद लोगों की आंखे नम हो गई.

जानकारी के अनुसार शहीद भागचंद पंजाब के फिरोजपुर में पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात था. शहीद भागचंद 31 मई को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. जिसके बाद उसे चंडीगढ़ मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था, लेकिन तबियत लगातार खराब होती गई. दो दिन वेंटीलेटर पर रहने के बाद आखिरकार भागचंद ने 18 जून को सुबह में दम तोड़ दिया. इसके बाद सैनिक के पार्थिव शरीर को तिरंगा से लपेटकर साथी जवान सुबेदार राजेन्द्र, हवलदार ताराचंद औऱ नायक दिनेश कुमार एंबुलेंस से लेकर रेनवाल पहुंचे. इसकी सूचना पहले ही पुलिस को दे दी गई थी. कोरोना प्रोटोकाल के तहत परिवार के चार लोगों ने पीपीई किट पहनकर शव का अंतिम संस्कार किया.

पढ़ें- राजनीतिक बयानबाजी पर खाचरियावास बोले- कई बार ऐसा मौसम होता है...ये मौसम बयानबाजी का है

गौरतलब है कि हवलदार भागचंद 19 वर्ष से सैनिक के रूप में देश सेवा में डटा हुआ था. उसके एक पुत्री कविता 14 साल की और पुत्र हिंमाशु 10 वर्ष का है. मौत की खबर के बाद परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है. कोरोना संक्रमण के चलते ग्रामीण दूर-दूर खड़े होकर ही दिवंगत सैनिक की चिता को नम आंखों से प्रणाम किया.

जयपुर. दुश्मन से कभी हार नहीं मानने का जज्बा रखने वाला एक सैनिक कोरोना बिमारी से जंग नहीं जीत पाया. जिले के रेनवाल थाना क्षेत्र के मलिकपुरा गांव का सैनिक हवलदार भागचंद सामोता 18 दिनों तक कोरोना से लड़ने के बाद आखिरकार दम तोड़ दिया.

सामोता की ढ़ाणी निवासी 38 वर्षीय भागचंद के पार्थिव शरीर को शनिवार को उसके घर लाया गया. शहीद के पार्थिव शरीर को जब उसके 10 वर्ष के बेटे हिंमाशु ने पीपीई किट पहनकर मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद लोगों की आंखे नम हो गई.

जानकारी के अनुसार शहीद भागचंद पंजाब के फिरोजपुर में पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात था. शहीद भागचंद 31 मई को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. जिसके बाद उसे चंडीगढ़ मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था, लेकिन तबियत लगातार खराब होती गई. दो दिन वेंटीलेटर पर रहने के बाद आखिरकार भागचंद ने 18 जून को सुबह में दम तोड़ दिया. इसके बाद सैनिक के पार्थिव शरीर को तिरंगा से लपेटकर साथी जवान सुबेदार राजेन्द्र, हवलदार ताराचंद औऱ नायक दिनेश कुमार एंबुलेंस से लेकर रेनवाल पहुंचे. इसकी सूचना पहले ही पुलिस को दे दी गई थी. कोरोना प्रोटोकाल के तहत परिवार के चार लोगों ने पीपीई किट पहनकर शव का अंतिम संस्कार किया.

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गौरतलब है कि हवलदार भागचंद 19 वर्ष से सैनिक के रूप में देश सेवा में डटा हुआ था. उसके एक पुत्री कविता 14 साल की और पुत्र हिंमाशु 10 वर्ष का है. मौत की खबर के बाद परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है. कोरोना संक्रमण के चलते ग्रामीण दूर-दूर खड़े होकर ही दिवंगत सैनिक की चिता को नम आंखों से प्रणाम किया.

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