बस्सी (जयपुर). राजधानी के बस्सी उपखण्ड क्षेत्र में कल्पना नगर से सटे अरावली की पहाड़ियों में अवैध खनन का 'खेल' लंबे वक्त से चलता रहा है . प्रशासन को जानकारी दिए जाने और कई बार कार्रवाई होने के बावजूद अवैध खनन नहीं रुका. नतीजतन बस्सी उपखण्ड क्षेत्र की सीमा में आने वाले आठ गांवों के खसरा संख्या-10 के पहाड़ टीलों में तब्दील हो गए .
कहने को तो यहां करीब तीन साल पहले सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की दखल के बाद संबंधित विभागों ने अवैध खनन को रुकवा दिया था. लेकिन, मानगढ़ खोखावाला, घाटा, दयारामपुरा, हरडी, भोजपुरा, हरध्यानपुरा के पास नीचे तक पहाड़ी को खोद दिया. अवैध खनन से कई गांवों की सीमा भी प्रभावित हो चुकी है. इन गांवों के पहाड़ियों से चेजा पत्थर निकालने से इनका स्वरूप बिगड़ गया है. माफिया ने अवैध खनन करके पहाड़ियों का मूल स्वरूप ही गुम कर दिया हैं.
प्रशासन ने फिर कार्रवाई शुरू की. 19 फरवरी को स्थानीय प्रशासन, जेडीए, खनन विभाग, राजस्व विभाग और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई की. कार्रवाई के तरत राजमार्ग और अन्य उन रास्तों को जेसीबी की सहायता से काट दिया गया, जहां से अरावली की पहाड़ियों तक पहुंचा जाता था. साथ ही रास्तों पर निगरानी के लिए 10 पुलिसकर्मियों की एक टीम गठित की गई.
कार्रवाई के बाद पसरा सन्नाटा
19 फरवरी को स्थानीय प्रशासन, जेडीए, खनन विभा , राजस्व विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के बाद अरावली की पहाड़ियों और उन पहाड़ियों तक जाने वाले रास्तों में सन्नाटा पसर गया है. बता दें कि सप्ताह भर पहले तक इन रास्तों पर दिन-रात अवैध खनन से भरे वाहन दौड़ा करते थे.