जयपुर. राजधानी में आरयूएचएस अस्पताल, जयपुरिया अस्पताल और ईएसआई अस्पताल को डेडीकेटेड कोविड-19 सेंटर के रूप में तब्दील किया गया है. गंभीर कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज इन अस्पतालों में किया जा रहा है. ऐसे में इन अस्पतालों में भर्ती कोविड-19 संक्रमित मरीजों में मानसिक रोग से जुड़े मामले भी अब देखने को मिल रहे हैं.
ईएसआई हॉस्पिटल के नोडल ऑफिसर और वरिष्ठ मनोरोग चिकित्सक डॉ. अखिलेश जैन ने बताया कि मौजूदा समय में ईएसआई अस्पताल में बड़ी संख्या में संक्रमित मरीज भर्ती है और जिस तरह से बीते कुछ समय से संक्रमित मामले बढ़े हैं. उसके बाद अस्पताल में भर्ती कुछ मरीजों में मानसिक रोग से जुड़े भी मामले देखने को मिले हैं.
मरीजों की काउंसलिंग...
डॉ. अखिलेश जैन का कहना है कि ईएसआई अस्पताल में भर्ती कुछ मरीजों में मानसिक रूप से जुड़े मामले देखने को मिले हैं जिसमें अनजाना डर, कोरोना बीमारी का डर, आर्थिक स्थिति से जुड़ी घबराहट और अवसाद जैसे कुछ लक्षण मरीजों में देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में मनोरोग चिकित्सकों द्वारा ऐसे मरीजों की लगातार काउंसलिंग की जा रही है. इसके अलावा अन्य कोविड-19 सेंटर पर भी मनोरोग चिकित्सकों द्वारा काउंसलिंग का काम किया जा रहा है.
आने वाले समय में बढ़ेंगे रोगी...
मनोरोग से जुड़े चिकित्सकों का कहना है कि जिस तरह से बीते कुछ समय से प्रदेश में संक्रमित मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, ऐसे में आने वाले समय में मनोरोग से जुड़े मामले भी बढ़ने लगेंगे. इससे पहले भी जब कोरोना के मामले सामने आए थे तो मनोरोग से जुड़े मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ था. अब जैसे-जैसे प्रदेश में मामले बढ़ रहे हैं तो निश्चित तौर पर मनोरोग से जुड़े रोगियों की संख्या में भी बढ़ोतरी होगी.
चिकित्सकों का यह भी कहना है कि मौजूदा समय में कुछ ऐसे मरीज को अस्पतालों में देखने को मिल रहे हैं जो कोविड-19 संक्रमण से घबराए हुए हैं. इनमें ऐसे मरीज शामिल हैं जिनको यह लगता है कि यदि वे कोरोना संक्रमित हो गए तो कहीं अपने परिवार को संक्रमित न कर दें या फिर कोरोना महामारी के बीच आर्थिक संकट या रोजगार गंवाने का डर भी लोगों में देखने को मिल रहा है.
सरकार चला रही 'मन संवाद'...
वहीं, राज्य सरकार और चिकित्सा विभाग की ओर से हाल ही में देश का पहला सरकारी मानसिक स्वास्थ्य टोल फ्री सेवा मन संवाद भी शुरू की गई है. इसे लेकर सरकार की ओर से एक टोल फ्री (18001800018) नंबर भी जारी किया गया है. जहां कोरोना बीमारी में मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने के लिए चिकित्सकों द्वारा टेली काउंसलिंग उपलब्ध कराई जा रही है. सरकार भी मानती है कि कोरोना के कारण बीते कुछ समय से मनोरोग से जुड़े रोगियों की संख्या में इजाफा हुआ है और लोगों की हिम्मत बढ़ाने के लिए मन संवाद शुरू किया गया है.