ETV Bharat / state

श्री राजपूत सभा ने प्रस्तावित आर्म्स अमेंडमेंट बिल 2019 का जताया विरोध, कहा- ये हथियार हमारे आराध्य हैं, इनसे हमारी भावनाएं जुड़ी हैं - Shri Rajput Sabha opposed the Arms Act

भारत सरकार के प्रस्तावित आर्म्स अमेंडमेंट बिल 2019 का श्री राजपूत सभा ने विरोध शुरू कर दिया है. प्रेस वार्ता आयोजित कर श्री राजपूत सभा के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाड़ा ने कहा कि इन हथियारों से हमारी भावनाएं जुड़ी हुई है और यह हमारे आराध्य हैं.

प्रस्तावित आर्म्स अमेंडमेंट बिल 2019 का विरोध, Opposition to the proposed Arms Amendment Bill 2019
श्री राजपूत सभा ने प्रस्तावित आर्म्स अमेंडमेंट बिल 2019 का जताया विरोध
author img

By

Published : Dec 2, 2019, 8:27 PM IST

जयपुर. भारत सरकार के प्रस्तावित आर्म्स अमेंडमेंट बिल 2019 का श्री राजपूत सभा ने सोमवार को विरोध जताया है. राजपूत सभा भवन में सोमवार को हुई प्रेस वार्ता के दौरान श्री राजपूत सभा के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाड़ा ने कहा कि इन हथियारों से हमारी भावनाएं जुड़ी हुई है और यह हमारे आराध्य हैं. बता दें कि इस बिल में एक लाइसेंस धारी एक ही हथियार अपने पास रख सकता है, जबकि इससे पहले एक लाइसेंसधारी तीन हथियार अपने पास रख सकता था.

श्री राजपूत सभा ने प्रस्तावित आर्म्स अमेंडमेंट बिल 2019 का जताया विरोध

प्रेस वार्ता के दौरान गिरिराज सिंह लोटवाड़ा ने कहा कि जो आर्म्स अमेंडमेंट बिल पेश किया जा रहा है उसमें कई विसंगतियां है. सबसे बड़ी विसंगति यही है कि एक लाइसेंसधारी एक से ज्यादा हथियार नहीं रख सकता और 1959 के आर्म्स एक्ट के तहत एक लाइसेंसधारी तीन हथियार रख सकता है.

पढ़ेंः सीएम ने सरकारी स्कूल के बच्चों को बांटे गर्म कपड़े, कहा - समाज सेवा के लिए अन्य लोग भी आएं आगे

लोटवाड़ा ने कहा कि अभी आए एक आदेश में हमें हथियार थानों या अधिकृत हथियार विक्रेता के यहां जमा कराने का कहा गया है. उन्होंने कहा कि यदि अधिकृत विक्रेता के यहां हथियार जमा कराते हैं तो वे किराया लेगा और थानों में जमा कराते हैं तो वहां हथियारों की देखभाल की उचित व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि बिना सोचे समझे कोई कानून लाना सही नहीं है.

लोटवाड़ा ने कहा कि यह हमारी पैतृक संपत्ति है और इससे हमारी भावनाएं जुड़ी हुई है. यह हथियार सौ-सौ और दो सौ-दो सौ साल पुराने है. इनको हम थानों में सड़ने के लिए नहीं छोड़ सकते, यह हमारे आराध्य हैं. इस दौरान लोटवाड़ा ने कहा कि जब मरने के बाद गाड़ी और जमीन बेटे के नाम हो जाती है तो हथियार बेटे के नाम ट्रांसफर क्यों नहीं होते.

साथ ही उन्होंने कहा कि बिल में कहा गया है कि क्राइम रोकने के लिए ऐसा नियम लाया जा रहा है. जबकि, मुझे बताया जाए कि कितने क्राइम अब तक लाइसेंसशुदा हथियार से हुए हैं. अधिकतर क्राइम अवैध हथियारों से होते हैं. लोटवाड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री को इसके लिए पत्र लिखा गया है.

पढ़ेंः आर्म्स एक्ट संशोधन के विरोध में क्यों उतर रहा है राजस्थान का राजपूत समाज?

साथ ही लोकसभा और विधानसभा सदस्य से भी यह आग्रह किया जाएगा है कि वह भी अपने-अपने स्तर पर इस मामले को उठाए. क्योंकि यह मामला पूरे हिंदुस्तान से जुड़ा हुआ है. लोटवाड़ा ने कहा कि लाइसेंस रेवेन्यू की फीस भी बढ़ाकर 15 गुना कर दी गई है, जिसका हम विरोध करते हैं.

लोटवाड़ा ने कहा कि दोनों तरफ संजीदा लोग हैं दोनों तरफ से संजीदा लोग वार्ता करेंगे तो कोई ना कोई हल निकलेगा. जिससे हमें सड़क पर उतरने की आवश्यकता नहीं होगी. लेकिन अगर फिर भी जरूरत पड़ी तो हम आंदोलन जरूर करेंगे. उन्होंने मांग की है कि इस बिल की फिर से समीक्षा की जाए और जो पुराने लाइसेंस है उन्हें यथावत रखा जाए.

जयपुर. भारत सरकार के प्रस्तावित आर्म्स अमेंडमेंट बिल 2019 का श्री राजपूत सभा ने सोमवार को विरोध जताया है. राजपूत सभा भवन में सोमवार को हुई प्रेस वार्ता के दौरान श्री राजपूत सभा के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाड़ा ने कहा कि इन हथियारों से हमारी भावनाएं जुड़ी हुई है और यह हमारे आराध्य हैं. बता दें कि इस बिल में एक लाइसेंस धारी एक ही हथियार अपने पास रख सकता है, जबकि इससे पहले एक लाइसेंसधारी तीन हथियार अपने पास रख सकता था.

श्री राजपूत सभा ने प्रस्तावित आर्म्स अमेंडमेंट बिल 2019 का जताया विरोध

प्रेस वार्ता के दौरान गिरिराज सिंह लोटवाड़ा ने कहा कि जो आर्म्स अमेंडमेंट बिल पेश किया जा रहा है उसमें कई विसंगतियां है. सबसे बड़ी विसंगति यही है कि एक लाइसेंसधारी एक से ज्यादा हथियार नहीं रख सकता और 1959 के आर्म्स एक्ट के तहत एक लाइसेंसधारी तीन हथियार रख सकता है.

पढ़ेंः सीएम ने सरकारी स्कूल के बच्चों को बांटे गर्म कपड़े, कहा - समाज सेवा के लिए अन्य लोग भी आएं आगे

लोटवाड़ा ने कहा कि अभी आए एक आदेश में हमें हथियार थानों या अधिकृत हथियार विक्रेता के यहां जमा कराने का कहा गया है. उन्होंने कहा कि यदि अधिकृत विक्रेता के यहां हथियार जमा कराते हैं तो वे किराया लेगा और थानों में जमा कराते हैं तो वहां हथियारों की देखभाल की उचित व्यवस्था नहीं है. उन्होंने कहा कि बिना सोचे समझे कोई कानून लाना सही नहीं है.

लोटवाड़ा ने कहा कि यह हमारी पैतृक संपत्ति है और इससे हमारी भावनाएं जुड़ी हुई है. यह हथियार सौ-सौ और दो सौ-दो सौ साल पुराने है. इनको हम थानों में सड़ने के लिए नहीं छोड़ सकते, यह हमारे आराध्य हैं. इस दौरान लोटवाड़ा ने कहा कि जब मरने के बाद गाड़ी और जमीन बेटे के नाम हो जाती है तो हथियार बेटे के नाम ट्रांसफर क्यों नहीं होते.

साथ ही उन्होंने कहा कि बिल में कहा गया है कि क्राइम रोकने के लिए ऐसा नियम लाया जा रहा है. जबकि, मुझे बताया जाए कि कितने क्राइम अब तक लाइसेंसशुदा हथियार से हुए हैं. अधिकतर क्राइम अवैध हथियारों से होते हैं. लोटवाड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री को इसके लिए पत्र लिखा गया है.

पढ़ेंः आर्म्स एक्ट संशोधन के विरोध में क्यों उतर रहा है राजस्थान का राजपूत समाज?

साथ ही लोकसभा और विधानसभा सदस्य से भी यह आग्रह किया जाएगा है कि वह भी अपने-अपने स्तर पर इस मामले को उठाए. क्योंकि यह मामला पूरे हिंदुस्तान से जुड़ा हुआ है. लोटवाड़ा ने कहा कि लाइसेंस रेवेन्यू की फीस भी बढ़ाकर 15 गुना कर दी गई है, जिसका हम विरोध करते हैं.

लोटवाड़ा ने कहा कि दोनों तरफ संजीदा लोग हैं दोनों तरफ से संजीदा लोग वार्ता करेंगे तो कोई ना कोई हल निकलेगा. जिससे हमें सड़क पर उतरने की आवश्यकता नहीं होगी. लेकिन अगर फिर भी जरूरत पड़ी तो हम आंदोलन जरूर करेंगे. उन्होंने मांग की है कि इस बिल की फिर से समीक्षा की जाए और जो पुराने लाइसेंस है उन्हें यथावत रखा जाए.

Intro:जयपुर। श्री राजपूत सभा ने भारत सरकार के प्रस्तावित आर्म्स अमेंडमेंट बिल 2019 का विरोध जताया है। राजपूत सभा भवन में सोमवार को हुई प्रेस वार्ता कर यह विरोध जताया गया। श्री राजपूत सभा के अध्यक्ष गिरिराज सिंह लोटवाड़ा ने कहा कि इन हथियारों से हमारी भावनाएं जुड़ी हुई है और यह हमारे आराध्य हैं। आपको बता दें कि इस बिल में एक लाइसेंस धारी एक ही हथियार अपने पास रख सकता है, जब कि इससे पहले एक लाइसेंसधारी तीन हथियार अपने पास रख सकता था।


Body:राजपूत सभा भवन में हुई प्रेस वार्ता में गिरिराज सिंह लोटवाड़ा ने कहा कि जो आर्म्स अमेंडमेंट बिल पेश किया जा रहा है उसमें कई विसंगतियां है। सबसे बड़ी विसंगति यही है कि एक लाइसेंसधारी एक से ज्यादा हथियार नहीं रख सकता और 1959 के आर्म्स एक्ट के तहत एक लाइसेंसधारी तीन हथियार रख सकता है। इस बिल में हमारे इमोशंस और सेंटीमेंट को ध्यान में नहीं रखा। जब जागीरदारी खत्म हुई थी उस समय सभी राजा महाराजाओ, जागीरदारों के पास एक से ज्यादा हथियार थे और सभी ने थानों में अपने हथियार जमा करा दिए और 1959 में एक लाइसेंस पर तीन हथियार रखने की अनुमति दी गई। लोटवाड़ा ने कहा कि अभी आये एक आदेश में हमें हथियार थानों या अधिकृत हथियार विक्रेता के यहां जमा कराने का कहा गया है। उन्होंने कहा कि यदि अधिकृत विक्रेता के यहां हथियार जमा कराते हैं तो वे किराया लेगा और थानों में जमा कराते हैं तो वहां हथियारों की देखभाल की उचित व्यवस्था नहीं है। बिना सोचे समझे कोई कानून लाना सही नहीं है। यह हमारी पैतृक संपत्ति है और इससे हमारी भावनाएं जुड़ी हुई है। यह हथियार सौ-सौ और दो सौ-दो सौ साल पुराने है। इनको हम थानों में सड़ने के लिए नहीं छोड़ सकते। यह हमारे आराध्य हैं, चाहे राजपूतों हो, मार्शल कौम हो या अन्य कोई क़ौम हो। दूसरों के लिए जितने देवता आराध्या हैं उतने ही यह हमारे लिए आराध्य है।
आए दिन चुनाव होने से हमें हथियार थानों में जमा करने पड़ते हैं इसके लिए हाई कोर्ट डबल बेंच में रिट लगाई और हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आदेश दिया था कि जिन लोगों के क्रिमिनल रिकॉर्ड है, केवल उन्ही के हथियार जमा किए जाएं।
लॉटवाड़ा ने कहा कि जब मरने के बाद गाड़ी और जमीन बेटे के नाम हो जाती है तो हथियार बेटे के नाम ट्रांसफर क्यों नहीं होते। जिन घरों में हथियार रखे जाते हैं उनके बच्चों के लिए एक खिलौना है और यह उनको चलाना भली-भांति आता है। बिल में कहा गया है कि क्राइम रोकने के लिए ऐसा नियम लाया जा रहा है जबकि मुझे बताया जाए कि कितने क्राइम आज तक लाइसेंसशुदा हथियार से हुआ है अधिकतर क्राइम अवैध हथियारों से होते हैं।
प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री को भी इसके लिए पत्र लिखा गया है लोकसभा और विधानसभा सदस्य को से भी यह आग्रह किया जाएगा कि वह भी अपने अपने स्तर पर इस मामले को उठाये। क्योंकि यह मामला पूरे हिंदुस्तान से ताल्लुक रखता है। लाइसेंस रेवेन्यु की फीस भी बढ़ाकर 15 गुना कर दी गई है इसका भी हम विरोध करते हैं।
लोटवाड़ा ने कहा कि दोनों तरफ संजीदा लोग हैं दोनों तरफ से संजीदा लोग वार्ता करेंगे तो कोई ना कोई हल निकलेगा और हमें सड़क पर उतरने की आवश्यकता नहीं होगी। फिर भी जरूरत पड़ी तो हम आंदोलन जरूर करेंगे। उन्होंने मांग की कि इस बिल की फिर से समीक्षा की जाए। जो पुराने लाइसेंस है उन्हें यथावत रखा जाए और जो नए लाइसेंस है उसमें एक हथियार का नियम बना दें।

बाईट गिरिराज सिंह लोटवाड़ा, अध्यक्ष, श्रीराजपूत सभा


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.